(अकील अहमद) राजधानी। लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ परिवहन अधिकारी दफ्तर का निरीक्षण करने बुधवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे। आरटीओ महिला शौचालय फाइलों के ढेर से बंद हो गया था। इसी का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने आरटीओ दफ्तर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं में सुधार के लिए एक माह का अल्टीमेटम संबंधित अफसरों को दिया है।
निरीक्षण में उन्होंने पत्रावलियों और अभिलेखों का रखरखाव देखा। परिसर में गंदगी व्याप्त थी और अभिलेखों का रखरखाव भी सही नहीं मिला। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। मुख्य सचिव ने आरटीओ दफ्तर के सभी अनुभागों का निरीक्षण किया। इसके बाद अभिलेखागार, ड्राइविंग लाइसेंस पटल और अन्य कमरों को देखा। इसके अलावा साफ-सफाई, जन सुविधाओं का गहनता से निरीक्षण किया।
आरटीओ दफ्तर आए आवेदकों से भी उन्होंने संवाद किया। इसके बाद निर्देश दिया कि जो काम में नहीं आ रहीं ऐसी फाइलों और अभिलेखों का 30 दिनों में निस्तारण करें। इस अवद्दि में कार्यालय की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लें। उन्होंने फाइलों और अभिलेखों के रखरखाव और साफ सफाई की निगरानी के लिए अलग अलग अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। औचक निरीक्षण में उनके साथ प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह, प्रमुख स्टाफ ऑफिसर अनीता सी मेश्राम, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश सहित कई प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारीगण भी आए थे। निरीक्षण के दौरान नवीन भवन में जगह जगह प्लास्टर उखड़ा मिला। वर्ष 2013 में ही यह निर्माण हुआ था। मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्था के जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
लखनऊ के आरटीओ का मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने किया औचक निरीक्षण
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