लालगंज पुलिस ने श्रद्धालुओं पर बरसाई लाठी, कवरेज कर रहे पत्रकारों से की अभद्रता

RAJNITIK BULLET
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(राममिलन शर्मा) लाल गंज/रायबरेली। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों स्पष्ट कहा था कि पत्रकारों के मामले बेहद संवदेनशील तरीके से देखे जायें। मगर लालगंज पुलिस के अफसरों को इससे कोई मतलब नहीं है। यूपी की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है यहां पत्रकार सुरक्षित नहीं है। मामला आज कोत वाली लालगंज क्षेत्र के बाल्हेश्वर महादेव मंदिर ऐहार मे देखने को मिला। अपनी लचर कार्यशैली से जिले मे थू थू करा चुकी लालगंज पुलिस ने जहां आज श्रद्वालुओं के साथ मारपीट की। वहीं पत्रकारों से भी अभद्रता की व पत्रकारों के मोबाइल व आईडी तोड़कर फेक दिया। खाकी का कहर कुछ इस तरह था कि मारपीट की दहशत मंे क्षेत्र के सैकड़ो श्रद्वालुओं माता बहनो को भगदड़ में गंभीर चोटे आयी। खाकी का कहर पत्रकारों की जान ले रहा है।
नतीजा यह है कि सरकार भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं कर पा रही हैं। नती जतन आये दिन पत्रकार खाकी के शिकार हो रहे हैं। सर्दी हो या बरसात दिन-रात खबरों का संकलन करके जन- जन तक जनता की आवाज पहुंचाने वाले पत्रकार ही नहीं सुरक्षित हैं तो जनता का क्या हाल होगा यह सवालिया निशान है? इस घटना में तमाम संगठनों जैसे अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन व ब्यापार मण्डल ने कडी निन्दा करते हुये उप जिला मजिस्ट्रेट लालगंज को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है। वहीं अन्य राजनीतिज्ञों एवं सामाजिक संस्थाओं ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
बड़ा सवाल यह है कि पत्रकार पर हाथ डालने से ये भ्रष्ट अधिकारी पहले तो घबराते हैं लेकिन जब इन भ्रष्ट अधिकारियों और गैर कानूनी धंधा करने वालों को कहीं से संरक्षण मिल जाता है तो इनका मनोबल दोगुना हो जाता है। इसके बाद ये भ्रष्ट अधिकारी जांबाज पत्रकारों का न सिर्फ उत्पीड़न करते बाज नहीं आ रहे है आये दिन इन भ्रष्टाचारियों की भेंट एक जनसेवक पत्रकार प्रतिदिन चढ़ रहा है लेकिन इन भ्रष्टाचारियों पर हर कोई अधिकारी कार्रवाई करने में हाथ पीछे खींचता रहता है, नतीजन पत्रकार न्याय के लिए दर-दर भटकता रहता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जिले के ईमानदार पुलिस कप्तान श्लोक कुमार क्या ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे या शाबाशी देंगे।

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