काबुल के हालात बेकाबू, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी, पांच की मौत, भारत ने रद्द की उड़ान

RAJNITIK BULLET
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Aug 16, 2021 

एयरपोर्ट के पास से फायरिंग की भी खबर है जिसमें तब तक 3 लोगों की मौत की सूचना है। अफगानिस्तान से हर कोई निकलना चाहता है। लोगों से एयरपोर्ट पर भीड़ ना लगाने की अपील की जा रही है। हालांकि लोग लगातार इकट्ठा हो रहे हैं।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद राजधानी काबुल में हालत बेकाबू होने लगी है। काबुल के सड़कों पर भीषण ट्रैफिक जाम है। इसके अलावा एयरपोर्ट भी पूरी तरह से भर चुका है। लोगों में भय व्याप्त है। लोग अफगानिस्तान छोड़कर हर हाल में दूसरे देश जाना चाहते हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है। आलम यह है कि फिलहाल उड़ान भरने के लिए भी काबुल एयरपोर्ट पर जगह नहीं बची। दूसरी ओर खबर यह भी है कि काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब कमर्शियल फ्लाइट की उड़ान रोक दी गई है। एयरपोर्ट के पास से फायरिंग की भी खबर है जिसमें तब तक 3 लोगों की मौत की सूचना है। अफगानिस्तान से हर कोई निकलना चाहता है। लोगों से एयरपोर्ट पर भीड़ ना लगाने की अपील की जा रही है। हालांकि लोग लगातार इकट्ठा हो रहे हैं।

भारत भी अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने की कवायद तेज कर चुका है। लेकिन इन सबके बीच बुरी खबर यह है कि भारत की ओर से काबुल और दिल्ली के बीच सभी उड़ानें रद्द कर दी गई है। एयरपोर्ट पर चश्मदीदों की मानें तो अब भी वहां फायरिंग जारी है। 3 लोगों के शव दिखाई दे रहे हैं। वहीं, रॉयटर्स की मानें तो काबुल हवाईअड्डे पर कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई, क्योंकि सैकड़ों लोगों ने काबुल छोड़ने वाले विमानों में जबरन घुसने की कोशिश की।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को केंद्र सरकार से अफगानिस्तान के एक गुरुद्वारे में फंसे 200 सिखों समेत सभी भारतीयों को निकालने का आग्रह किया है और कहा है कि इसमें उनकी सरकार हर प्रकार की मदद देने के लिये इच्छुक है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर रविवार को तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गये और इसके बाद इस मुल्क का भविष्य अनिश्चित हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्री एस जयशंकर से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बादएक गुरुद्वारे में फंसे 200 सिखों समेत सभी भारतीयों को वहां से निकालने के लिये तत्काल प्रबंध करने का आग्रह करता हूं। मेरी सरकार भारतीयों के सुरक्षित निकास के लिये कोई भी मदद देने की इच्छुक है।’’

अमेरिका काबुल हवाईअड्डे पर 6,000 सैनिकों की तैनाती करेगा

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाईअड्डे पर6,000 सैनिकों को तैनात करेगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की। हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था। अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं। विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें।’’

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