लखनऊ में 97000 पदों की शिक्षक भर्ती कराए जाने के मामले में भाजपा मुख्यालय गेट पर प्रदर्शन

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(अकील अहमद) लख नऊ। 97000 पदों की शिक्षक भर्ती कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार को सैकड़ों अभ्यार्थि भाजपा कार्यालय हजरतगंज पहुंच गए। प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में लखनऊ अचानक पहुंचे अभ्यार्थियों को देख पुलिस ने आनन-फानन में उन्हें रोकने का प्रयास किया। न मानने पर जबरदस्ती उन्हें उठाकर पुलिस बस में भरकर इको गार्डन ले गई। एक घंटे से ज्यादा हुए प्रदर्शन में अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। झड़प के दौरान कई अभ्यर्थियों को चोटें आई हैं। पुलिस ने अभ्यर्थियों को हटाने के लिए बलपूर्वक लाठी का भी प्रयोग किया है। यूपी सरकार की इसी साल आने वाली 97 हजार पदों की बड़ी शिक्षक भर्ती पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बीते 4 सितंबर को सीएम योगी ने ऐलान किया था कि सरकार जल्द ही 97 हजार पदों के लिए एक और शिक्षक भर्ती लेकर आएगी। असल में वर्तमान शिक्षक भर्ती के विवादों में आने के बाद एक तरफ जहां इसे लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है वहीं दूसरी ओर सरकार भी प्रकरण की जांच करवा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग की वर्तमान में चल रही सहायक अध्यापकों की 68,500 पदों की शिक्षक भर्ती में अब तक करीब 40,788 पदों पर भर्ती हुई हैं। यूपी सरकार की योजना इसी साल एक और शिक्षक भर्ती लाने की थी जिसमें इस भर्ती से बचे पदों को शामिल किया जाता। इस तरह कुल 97 हजार के करीब पदों की भर्ती आती। लेकिन वर्तमान भर्ती में अब कई ऐसे अभ्यर्थी सामने आ रहे हैं जिनको परीक्षा में क्वालिफाई होने के बाद भी फेल कर दिया गया था। इस वजह से नहीं निकल पा रही भर्तियां
सूत्रों के मुताबिक अब सरकार को इन अभ्यर्थियों को भी भर्ती देनी होगी जिससे इस भर्ती के पदों की संख्या में बदलाव करना पड़ सकता है। दूसरा बड़ा कारण कि इस समय पूरा अमला सिर्फ वर्तमान शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ियों की जांच में लग गया है। वहीं बड़े पैमाने पर अधिकारियों का फेरबदल भी किया गया है। ऐसे में आगामी भर्ती की तैयारियों पर भी काम नहीं हो रहा है। जब तक इस मामले का पूरा समाधान नहीं होता, सरकार के लिए अगली भर्ती लाना आसान नहीं। इसके अलावा विभागीय सूत्रों की मानें तो आगामी शिक्षक भर्ती में विभाग परीक्षा का पैटर्न बदलने पर भी विचार कर रहा है। परीक्षा में कटऑफ खत्म करने के साथ ही लिखित की जगह बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा कराने की योजना बनाई जा रही है। ओएमआर शीट पर परीक्षा होने से गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

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