(अकील अहमद) राज धानी। लखनऊ में तबादला नीति के विरोध में शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने अस्पतालों में कामकाज ठप रखा। सुबह आठ बजे से मरीज ओपीडी में कतार में लगे रहे, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं पहुंचा। गुरुवार को जिन लोगों को खून व रेडियोलाजी की जांच के लिए बुलाया गया था। वह मरीज जांच के लिए बेहाल रहे। इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ की अगुवाई में स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकारी अस्पतालों में तबादले के विरोध में दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। इसकी वजह से बलरामपुर, सिविल, डफरिन, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारीबाई समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में पहुंचे मरीजों को खासी दुश्वारियां झेलनी पड़ी। सुबह आठ बजे सिविल अस्पताल में संविदा कर्म चारियों ने ओपीडी पर्चा बनाने का काम शुरू किया। नियमित कर्मचारी काउंटर में दाखिल हुए। संविदा कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया। गर्मी से बेहाल मरीज 10 बजे तक कतार में खड़े रहे। बहुत से लोग पुराना पर्चा लेकर सर्जरी, फीवर क्लीनिक व पोस्ट कोविड ओपीडी में पहुंचे। यहां डाक्टर ही कमरे में नहीं बैठे। यही हाल बलरामपुर अस्पताल का रहा। यहां भी डाक्टरों ने ओपीडी में मरीज नहीं देखे।
हड्डी, मेडिसिन, ईएनटी, नेत्र समेत दूसरे विभागों के बाहर मरीजों की भीड़ दिखी। मरीजों को देखने वाला कोई नहीं था। बिना इलाज मरीज तड़पते रहे। यूपी लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील कुमार के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में आठ से 10 बजे कार्य बहिष्कार रहा। यदि तबादले पर रोक नहीं लगी तो आन्दोलन जारी रहेगा।
लखनऊ में स्वास्थ्यकर्मियों ने अस्पतालों में नहीं किया काम, इलाज के लिए तड़पते रहे मरीज
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