(अमित कुमार)
आने वाले समय में दिल्ली में प्रवेश किए बिना ही हरियाणा, देहरादून और नोएडा का सफर हो सकेगा। सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में भीड़ भाड़ कम करने और ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए 24000 करोड़ रुपए की परि योजनाएं शुरी की जाएंगी। इनके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में राष्ट्रीय राज धानी को 1.25 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न सड़क परि योजनाएं दी हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह घोषणा की गई। बैठक में उपराज्यपाल वी के सक्सेना, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली के कैबि नेट मंत्री, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और मनोज तिवारी तथा वरिष्ठ सरकारी अधि कारी भी मौजूद थे सीएम ने कहा कि ये परियोजनाएं दिल्ली और हरियाणा के बीच ट्रैफिक को आसान बनाने में महत्वपूर्ण होंगी। दिल्ली में वर्तमान में लगभग 35000 करोड़ की परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। 64000 करोड़ की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। आने वाले समय में दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और ट्रैफिक की आवा जाही को सुचारू बनाने के लिए 24000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं लागू की जाएंगी। इनके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्टें बनाई गई हैं। सीएम ने कहा, ‘मैं दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और इसे प्रदूषण मुक्त शहर बनाने में मदद कर ने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी को धन्य वाद देना चाहती हूं। आगामी परियोजनाओं में शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक लगभग 7 किलोमीटर लंबी अंडरपास का निर्माण शामिल है। इसके अलावा आईएनए से हवाई अड्डे तक एक एलि वेटेड रोड-जो बाद में फरीदा बाद और गुरुग्राम से जुड़ेगाय दिल्ली को कटरा और अमृतसर से जोड़ने वाला एक राजमार्ग, जो शहरी विस्तार सड़क (यूई आर) -प्प् से जुड़ा होगा और यूईआर-प्प् का दूसरा विस्तार, जो अलीपुर को ट्रोनिका सिटी और दिल्ली-देहरादून मार्ग से जोड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि इन नए मार्गों से दिल्ली में प्रवेश किए बिना ही हरियाणा, देहरादून और नोएडा के बीच निर्बाध यात्रा संभव हो सके।
सीएमरेखा गुप्ता ने कहा कि सराय काले खां से एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख पूर्ण सड़क परियोजनाओं में 135 किलोमीटर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (12000 करोड़), धौला कुआं-गुरुग्राम कॉरिडोर (373 करोड़), गुरु ग्राम-सोहना रोड (2009 करोड़), दिल्ली-पानीपत कारि डोर (2205 करोड़) और अक्षर धाम से ईपीई जंक्शन तक 32 किलोमीटर दिल्ली-देहरा दून एक्सप्रेसवे (3500 करोड़) शामिल हैं।
कई अन्य परियोजनाएं पूरी होने के करीब हैं, जिनमें दिल्ली -मेरठ एक्सप्रेसवे (92 प्रतिशत काम पूरा), द्वारका एक्सप्रेसवे (98 प्रतिशत काम पूरा), यूई आर-प्प् (95 प्रतिशत काम पूरा) और डीएनडी इंटरचेंज- कालिंदी कुंज-फरीदाबाद- सोहना-जेवर एयरपोर्ट लिंक रोड का 93 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। रोहतक रोड, पंजाबी बाग से नांगलोई, आश्रम से बदरपुर और एमजी रोड जैसी प्रमुख सड़कें भी एनएच एआई को सौंप दी गई हैं।
सीएम गुप्ता ने कहा कि पहले इस तरह के काम कई एजेंसियों द्वारा किए जाते थे, जिससे जलभराव और नालियों के संपर्क में कमी जैसी समस् याएं पैदा होती थीं। अब इन समस्याओं का समाधान एन एचएआई द्वारा अपने खर्च पर और दिल्ली लोक निर्माण विभाग के सहयोग से किया जाएगा। एनएचएआई ने रेलवे क्रासिंग के कारण होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) और आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। आईजी आई हवाई अड्डे तक एक सुरंग के लिए स्टडी भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए कई प्रमुख पहल की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने पूरी हो चुकी और चल रही परियोजनाओं का ब्यौरा भी दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वर्तमान में दिल्ली में 35000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है, जबकि 64000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख पूर्ण सड़क परियोजनाओं में 135 किलोमीटर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (12000 करोड़), धौला कुआं-गुरुग्राम कारिडोर (373 करोड़), गुरुग्राम-सोहना रोड (2009 करोड़), दिल्ली- पानीपत कारिडोर (2205 करोड़) और अक्षरधाम से ईपीई जंक्शन तक 32 किलोमीटर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (3500 करोड़) शामिल हैं।
कई अन्य परियोजनाएं पूरी होने के करीब हैं, जिनमें दिल्ली -मेरठ एक्सप्रेसवे (92 प्रतिशत काम पूरा), द्वारका एक्सप्रेसवे (98 प्रतिशत काम पूरा), यूईआर-प्प् (95 प्रतिशत काम पूरा) और डीएनडी इंटरचेंज- कालिंदी कुंज-फरीदाबाद- सोहना-जेवर एयरपोर्ट लिंक रोड का 93 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। रोहतक रोड, पंजाबी बाग से नांगलोईआश्रम से बदरपुर और एमजी रोड जैसी प्रमुख सड़कें भी एनएच एआई को सौंप दी गई हैं।
सीएम गुप्ता ने कहा कि पहले इस तरह के काम कई एजेंसियों द्वारा किए जाते थे, जिससे जलभराव और नालियों के संपर्क में कमी जैसी समस् याएं पैदा होती थीं।
अब इन समस्याओं का समाधान एनएचएआई द्वारा अपने खर्च पर और दिल्ली लोक निर्माण विभाग के सह योग से किया जाएगा। एनए एआई ने रेलवे क्रॉसिंग के कारण होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) और आर ओबी (रोड ओवर ब्रिज) के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सीएम गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए कुल 1.25 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की हैं। मैं दिल्ली को सहयोग देने के लिए केंद्र को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्हों ने आगे कहा कि भविष्य की सभी सड़क परियोजनाओं में वेस्ट मेटेरियल का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
इससे न केवल लैंडफिल साइटों पर बोझ कम होगा, बल्कि कचरे को संसाधनों में भी बदला जा सकेगा।
दिल्ली में घुसे बिना ही हरियाणा, देहरादून और नोएडा का सफर, शुरू होंगी 24000 करोड़ की परियोजना

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