(राममिलन शर्मा) रायबरेली। उपायुक्त उद्योग, परमहंस मौर्य ने बताया है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगरों जैसे-हलवाई 200, बढ़ई 75, दर्जी 450, नाई 50, लोहार 25, राजमिस्त्री 50 आदि को उद्यम के आधार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु कुल 850 का लक्ष्य आवंटित किया गया है, जिसमें ट्रेड से संबंधित कारीगरों को 10 दिवसीय कौशल प्रशिक्षण एवं कार्यों को सफल संचालन हेतु आधुनिक तम तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म के टूलकिट उपलब्द्द कराए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णतः निशुल्क है। उन्होंने जनपद रायबरेली के पारंपरिक कारीगरों को सूचित किया है कि उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक पात्र कारीगर एवं हस्तशिल्प विभागीय वेबसाइट ीजजचरूध्ध्कपनचउ ेउम.नचेकब.हवअ.पद एवं ीजजचरूध्ध्उेउम.हवअ.पद पर अपना आवेदन कर सकते हैं। उपायुक्त उद्योग ने बताया कि योजना की पात्रता की शर्तें के बारे बताया है कि अभ्यर्थी का आधार कार्ड एवं आधार से लिंक मोबाइल नम्बर होना चाहिए। बैंक पास बुक की छाया प्रति तथा आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो आदि। आवेदक जनपद का निवासी होना चाहिए। आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए। आयु की गणना आवेदन करने की तिथि से की जायेगी। आवेदक को हलवाई बढ़ई दर्जी नाई, लोहार, राजमिस्त्री आदि ट्रेडों अथवा दस्तकारी व्यवसाय से जुडा होना चाहिए। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त किये जाने हेतु किसी प्रकार की शैक्षिक योग्यता आवश्यक नहीं है। परिवार का केवल एक सदस्य ही योजनान्तर्गत आवेदन हेतु पात्र होगा। योजनान्तर्गत पात्रता हेतु जाति एक मात्र आधार नहीं होगा। योजना में लाभ प्राप्त करने हेतु ऐसे व्यक्ति भी पात्र होंगे जो परम्परागत कारीगरी करने वाली जाति से भिन्न हो। ऐसे आवेदकों को परम्परागत कारीगरी से जुड़े होने के प्रमाण के रूप में ग्राम प्रधान, अध्यक्ष नगर पंचायत, अथवा नगर पालिकाध्नगर निगम के सम्बन्धित वार्ड के सदस्य द्वारा निर्गत किया गया प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इस आशय का शपथ-पत्र कि इससे पूर्व में किसी प्रशिक्षण योजना में टूलकिट एवं मानदेय का लाभ नहीं लिया गया है। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय-जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, सिविल लाइन्स, रायबरेली से सम्पर्क किया जा सकता है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत 850 पारंपरिक कारीगरों का लक्ष्य प्राप्त

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