चैधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा का बड़ा गोलमाल, मामला पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के संज्ञान में यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी

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(करन मुवाल)
जीन्द (हरियाणा)। चैधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा में बहुत ही बड़ा गोलमाल व शोषण सामने आया है और खूब तरीके से शोषण किया जा रहा है गरीब परिवार से आने वाले अनुसूचित जाति बच्चों को साथ मामला यह है कि एक सुमित्रा नाम की लड़की CDLU सिरसा यूनिवर्सिटी के अधीन कालेज, डिफेंस कालेज अमानी टोहाना में इस लड़की ने B-ed में एडमिशन लिया स्कालरशिप के बेस पर, परंतु बदले में कालेज के प्रशासन ने उनके सभी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स जैसे दसवीं 12वीं0,बीए, की डीएमसी ओर डिग्री ले ली गई थी और इसके साथ साथ इनका एक नया खाता खुलवा कर जिसकी पासबुक चेक बुक, पैन कार्ड ,एटीएम कार्ड, आदि सभी कालेज प्रशासन ने अपने कब्जे में रख लिए अब मामला यह बना कि। इस विद्यार्थी की प्रथम ईयर की स्कॉलरशिप तो आ गई जो उन्होंने अप ने आप निकाल ली कालेज प्रशासन ने। परंतु दूसरे साल की स्कॉलरशिप ना आई और ऐसे ही पंजाब में हुआ। मीना कुमारी लड़की जो अनुसूचित जाति से संबंद्द रखते थे और उसके भी असली कागजात कालेज प्रशासन व पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने रोक लिए थे उसके बाद इस लड़की ने मान्य उच्च न्याया लय का सहारा लिया और 20 सितंबर 2023 को मान नीय उच्च न्यायालय ने आदेश पारित कर कहा कि उनके सभी दस्तावेज वापस कर दो बिना छात्रवृत्ति के मिले गरीब बच्चे कहां से कालेज की फीस देंगे तो यह फीस आप सरकार से मांग सकते हैं बच्चों से नहीं तो मीना कुमारी के साथ-साथ पंजाब के सैकड़ो बच्चे जिन्होंने अपनी अपनी याचिाकाई दायर की जिसमें यही आर्डर पास हुआ कि मीना कुमारी वर्सेस स्टेट आफ पंजाब और आदर्श की गाइडलाइंस फालो करो और सभी के दस्ता वेज इनको वापस कर दो इसके बाद हरियाणा में भी ऐसे ही हुआ जो की उक्त लड़की सुमित्रा अनुसूचित जाति से संबंध रखती है और चैधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा के कालेज, डिफेंस कालेज अमानी टोहाना के कालेज में इ.म्क में दाखिला 2015 को लिया परंतु इनके साथ भी यही बर्ताव हुआ इन्होंने भी काफी दरखास्त वी लिखित शिकायतें दी जैसे की सीएम विंडो कंप्लेंट एसडी एम वीसी आदि को दी गई परंतु कोई हल नहीं निकला इसके बाद थक हार कर इस गरीब लड़की ने श्री प्रदीप सिंह मार वकील के मार्फत माननीय उच्च न्यायालय का सहारा लिया ओर कहा कि मेरे सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट मेरे को दिलाई जाए माननीय उच्च न्यायालय ने पहले ही बार में सरकार यूनिवर्सिटी कालेज के प्रिंसिपल सभी को नोटिस जारी कर 5 अगस्त 2025 तक जवाब देने के लिए कहा की इस तरह से किसी भी विद्यार्थी के असली काग जात जैसे डीएमसी डिग्री प्रमाण पत्र आदि व बैंक से संबंधित दस्तावेज पासबुक चेक बुक एटीएम आदि नहीं रख सकते ये सब इस तरह की हरकतें मौलिक अधिकारों के साथ साथ शिक्षा के अद्दि कारों का भी उलंघन है अगर आपने अपनी फीस की पूर्ति करनी है तो सरकार से मांगो क्योंकि स्कालरशिप वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा दी जाती है अब स्कालरशिप नहीं आती है तो इसमें बच्चे का क्या कसूर है इसलिए आप उनके असली डाक्यूमेंट 5 अगस्त 2025 तक, देकर अपना जवाब दावा कोर्ट में दाखिल करें।

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