उ.प्र. क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर

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(राममिलन शर्मा) लखनऊ।स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की समृद्धि के आधार स्तम्भ होते है। किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का मापदंड उसमे निवास करने वाले नागरिक के स्वास्थ्य की स्थिति से ही जाना जाता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षय रोग मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये है। प्रदेश में क्षय रोगियों को बेहतर आधुनिक जांच उपलब्ध कराने हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 926 नैट मशीनें एवं 14 कल्चर डीएसटी प्रयोगशाला के द्वारा प्रदेश के क्षय रोगियों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में 25 नोडल ड्रग रेजिस्टेंट टीबी केंद्र एवं 56 जनपदीय ड्रग रेजिस्टेंट टीबी केंद्र दवा प्रतिरोधी टीबी का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। नोडल डी0आर0टी0वी0 सेन्टरों में एमडीआरध्एक्सडीआर क्षय रोगियों हेतु बीडाक्यूलीन एवं डिलामिनिड आधार रेजीमेन उपचार हेतु उपलब्ध है। वर्ष 2024 में एक्टिव केस फाइंडिंग गतिविधि अभियान के दौरान कुल 15,321 टीबी के मामलों को डायग्नोज एवं उनका उपचार किया गया है। साथ ही 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए 90 हजार नये टीबी मरीजो की पहचान करते हुए इलाज शुरू किया गया है। टी0बी0 मुक्त स्थिति की दिशा में प्रगति के प्रमाणन के तहत 7 जिलों हापुड़, कौशांबी, संत रविदास नगर, शामली, बलरामपुर, उन्नाव, सोनभद्र को कांस्य पदक में और 04 जिलों जालौन, मुजफरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत को रजत पदक से वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च, 2023 के अवसर पर सम्मानित किया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्षय रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेंटर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर प्रयोगशाला तक पहुंचाने हेतु डाक विभाग से राज्य स्तर पर अनुबंध किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में नमूनों को शीघ्र पहुंचाया जा रहा है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार शुरू करना, टीबी के इलाज छोड चुके मरीजों को पुनः उपचार में लाना एवं निक्षय पोषण योजना डीबीटी हेतु बैंक विवरण की इन्ट्री करना प्रमुख है। प्रधान मंत्राी टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय रोगियों को प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनोंध्लोकोपकारी संस्थानोंध्व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। दिनांक 17 फरवरी, 2025 तक निक्षय पोर्टल के आंकडानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में कुल 3.53 लाख क्षय रोगियों को गोद लिया गया है। प्रदेश में जून 2021 से प्रति माह दो बार दवा प्रतिरोधी टीबी के जटिल मामलों पर ‘‘डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक’’ वर्चुअल माध्यम से चर्चा की जा रही है एवं उसका समाधान करने के लिए प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेज के क्षय रोग विशेषज्ञ द्वारा जटिल क्षय रोग केस की विस्तृत चर्चा से राममान करते है। प्रदेश के चार ड्रग स्टोर आगरा, लखनऊ बरेली तथा वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों को आवंटित औषधियोंध्जनपदीय ड्रग स्टोर के माध्यम से समस्त क्षय रोगियों को उपलब्ध करायी जाती है। स्टेट टीबी ट्रेनिंग एण्ड डिमान्सट्रेशन सेन्टर (एस0टी0डी0सी) आगरा को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है तथा समस्त एन0टी0ई0पी0 के कर्मचारियों एवं चिकित्सको को प्रशिक्षण आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है।
वर्तमान में एसटीडीसी-एस0जी0पी0जी00आई0 लखनऊ एवं 100 शैय्या टीबी अस्पताल/चारु चंद्रदास मेमोरियल टीबी अस्पताल, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच एवं उपचार निःशुल्क, टीबी-एच0आई०वी0 समन्वय कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की एचआई0वी0 की जांच 99 प्रतिशत सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 6.50 लाख क्षय रोगियों के निर्धारित नोटीफिकेशन लक्ष्य के सापेक्ष कुल 6,81,655 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये गये है। वर्तमान में प्रदेश में इलाज की सफलता दर वर्ष 2017 में जहँा 29 प्रतिशत थी वह बढ़कर 2024 में 94 प्रतिशत हो गई है। भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0500ध्- प्रति माह की दर को बढ़ाकर 01 नवम्बर 2024 से रु01000ध्- प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में दिनांक 17.02.2025 तक 28.31 लाख क्षय रोग लाभार्थियो को रू0 820.32 करोड़ का भुगतान किया गया है। टीबी रोगियों में से 90 प्रतिशत मरीजों की एच0आई0वी0 और 97 प्रतिशत मरीजों की मधुमेह की स्थिति ज्ञात है।
प्रदेश में 05 क्षेत्रीय क्षय कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आर0टी0पी0एम0) आगरा-17 लखन्ऊ-18 बरेली-18 गोरखपुर 10 एवं वाराणसी-11 से सम्बधित जनपदों के एन0टी0ई0पी0 के संकेतांको की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण कर इलाज लगातार करते हुए क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने में ठोस कार्य किये जा रहे है।

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