राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव हेतु गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time6 Minute, 9 Second

(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव के संबंध में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायबरेली में एक संगोष्ठी का आ योजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नवीन चंद्रा द्वारा बताया गया कि डेंगू दिवस को मनाने का एक मात्र उद्देश्य डेंगू बीमारी से बचाव एवं खतरो के लक्षणों के बारे में जनसामान्य जाग रूक किया जाना है।
जागरुकता और सावद्दानी से डेंगू बुखार को जानलेवा होने से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि डेंगू सहित अन्य वेक्टरजनित बीमारियो का संचरण काल आरंभ हो चुका है। मानसून सीजन मच्छरों के लिए अनुकूल होता हैं हम सावधानी बरतकर डेंगू से बच सकते हैं।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपस्थित लोगो को बता या गया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। यह एडीज एजिप् टाई मच्छर के काटने से होता है और इसकी विशेषता है कि एक बार डेंगू वायरस से संक्रमित होने के बाद जब यह अंडे देता है तो वह अंडे भी डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। इन अंडों से बनने वाले मच्छर भी संक्रमित होते हैं जो रोग फैला सकते हैं। इसके अंडे एक वर्ष तक जीवत रह सकते हैं। सूखा अंडा पानी पाते ही नए मच्छर तैयार कर देता है। इसीलिए अपने घर के आसपास जल जमाव न होने दें।
उन्होंने कहा कि डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रत्येक रविवार को “हर रविवार-मच्छर के लार्वा पर प्रहार, जैसी गति विधियां संचालित करते हुए मच्छरों से बचाव के लिए ‘क्या करें क्या न करें’ के बारे में जन सामान्य को जागरूक करने के साथ साथ मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने सहित अन्य गतिविधिया अंतर्विभागीय सम न्वय स्थापित कर संपन्न कराई जाए।
जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए शहरी क्षेत्रों में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः नगर विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग से सम न्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। डेंगू सहित अन्य सभी वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। सोते समय मच्छरदानी, मच्छर रोधी क्रीम या क्वायल का उपयोग करें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाए। कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल आयल डाल दें। घर में टूटे हुए टायर, बर्तन आदि को हटा दें ताकि उसमें पानी न इकट्ठा होने पाए। बुखार होने पर स्वयं कोई इलाज न करें। निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं। जिला मलेरिया अद्दि कारी द्वारा यह भी बताया गया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल फीवर है, सिर्फ प्लेट लेट्स कम हो जाने से डेंगू बुखार मान लेना ठीक नहीं होता है, जब तक की एलाइजा टेस्ट पाजिटिव न आए।
उन्होंने उपस्थित लोगो को बताया कि डेंगू बुखार के लक्षणों में प्रमुख रूप से अचानक तेज बुखार चढ़ना, मांशपेशियों तथा जोड़ो में दर्द, आंखों के पिछले भाग में, दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी महसूस होना, भूख में कमी, जी मिचलाना आदि है। इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। मरीज को बुखार उतारने हेतु पैरासि टामोल की गोली दिया जाना चाहिए तथा तरल पदार्थों का सेवन करवाना चाहिए।
संगोष्ठी में अपर मुख्य चि कित्सा अधिकारी वी.बी.डी डा. श्रीकृष्ण, डा. ए.के. जैसल, डा. शरद कुशवाहा, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अरुण वर्मा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी.एस. अस्थाना, जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अंजलि सिंह, जिला एपीडिमो लोजिस्ट डा. ऋषि बागची तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारीध्कर्मचारी तथा जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त जनपद के समस्त सामु./प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों स्वास्थ्य केंद्रों, तथा नगर पालिका परिषद नगर पंचायतो में डेंगू दिवस से संबंधित विभिन्न गतिवि धियां संपादित की गई है।

Next Post

नागरिक सुरक्षा के लिए 1053 युवाओं ने करवाया पंजीकरण, एसडीएम जगदीश चंद्र

(करन […]
👉