(राममिलन शर्मा) अमेठी। जनपद में सात दिसम्बर 2024 से 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान चल रहा है। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जामो पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अंशुमान सिंह के निर्देशन में क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस अवसर पर इंडोगल्फ फर्टिलाइजर द्वारा 60 क्षय रोगियों को गोद लिया गया और उन्हें पोषण पोटली वितरित की गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएचसी अधीक्षक डाॅ. शैलेश गुप्ता ने कहा कि टीबी के इलाज में जितना जरूरी नियमित दवाओं का सेवन है उतना ही जरूरी है इलाज के दौरान पोषणयुक्त खाद् पदार्थों का सेवन करना। सरकार द्वारा निक्षय मित्र योजना के तहत लोग निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों को गोद ले सकते हैं और उन्हें पोषण सामग्री मुहैया करा सकते हैं। ऐसे में एक तो मरीज को पोषणात्मक सहयोग तो मिलता ही है इसके साथ ही उसे यह भी एहसास होता है कि टीबी के इलाज में वह अकेला नहीं है लोग उसका सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत मरीज को इलाज के दौरान प्रतिमाह 1000 रूपये की धनराशि उस के खाते में भेजी जाती है।
सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि लोग अपनी सामजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए टीबी मरीजों को गोद लें और टीबी उन्मूलन में सहयोग करें।
इंडोगल्फ फर्टिलाइजर के सूर्या मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साल 2025 के अंत तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसमें समाज के हर वर्ग की जिम्मदारी बनती है कि वह जिस भी प्रकार से इस अभियान में सहयोग कर सकता है करे।
इस अवसर में डाॅ. योगेन्द्र सिंह, (बाल रोग विशेषज्ञ) श्रवण सिंह (वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक) और टीबी रोगी और उनके तीमारदार मौजूद रहे। पहचाने लक्षण टीबी के –
1. दो सप्ताह से अधिक खांसी
2. बुखार
3. रात में पसीना आना
4. मुंह से खून आना
5. सीने में तकलीफ
6. सांस लेने में दिक्कत
7. वजन कम होना
8. भूख न लगना
9. थकान
10. गर्दन में गिल्टीध्गांठ, बांझपन आदि।
इंडोगल्फ फर्टिलाइजर द्वारा लिया गया 60 क्षय रोगियों को गोद

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