(राममिलन शर्मा) लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा अनुपूरक पुष्टा हार योजना के तहत बुधवार को फेस प्रमाणीकरण (आथेंटिफिकेशन) पर मंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। राज्य ग्रामीण विकास संसथान (एसआईआरडी) में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में लखनऊ मंडल के सभी छह जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाओं और जिला समन्वयकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा एसआईआरडी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि फेस आथेंटिफिकेशन सिस्टम डिजिटलीकरण का बेहतर उदाहरण है। सही व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचे। इसलिए इस सिस्टम की प्रासंगिकता है। प्रशिक्षक विवेक कुमार पाण्डेय और अमर श्रीवास्तव ने बताया बताया कि पोषण ट्रेकर में लाभार्थी स्वयम भी पंजीकरण कर सकता है। इसमें फेस आथेंटिफिकेशन सिस्टम शामिल है। जो यह सुनिश्चित करती है कि सेवाएं वास्तविक लाभार्थियों (गर्भवती, धात्री, छह माह से तीन साल तक की आयु के बच्चे और किशोरियां) तक पहुंचें। इसका उद्देश्य लाभार्थी की पहचान का सत्यापन करके धोखाधड़ी को कम करना और सेवा वितरण में सुधार करना। प्रशिक्षकों ने विस्तार से पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। इस मौके पर लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, लखीमपुर और रायबरेली के जिला कार्य क्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका और जिला समन्वयक, यूनिसेफ के प्रतिनिधि और विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
पोषण ट्रेकर पर लाभार्थी के फेस आॅथेंटिफिकेशन पर अयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम

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