टीबी के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए डा0 सूर्यकान्त को किया गया सम्मानित

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(राममिलन शर्मा)
लखनऊ। हाल ही में गुवा हाटी में जी.पी. काॅन (आई एमए कालेज आफ जनरल फिजिशियन के राष्ट्रीय कान् फ्रेंस) में डा0 सूर्यकान्त के उल्लेखनीय शोध कार्यों एवं टी.बी. उन्मूलन के क्षेत्र में महत्व पूर्ण योगदान को देखते हुए डा0 पुल्ला राव ओरेशन अवार्ड प्रदान किया गया।
इस राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में उन्होने ’’’टी.बी. उपचार के राष्ट्रीय दिशानिर्देशः क्या करें, क्या न करें’ विषय पर एक व्याखान भी दिया। डा0 सूर्य कान्त का यह 19वां ओरेशन अवार्ड है इससे पूर्व में भी चिकित्सा जगत के लिए विभि न्न क्षेत्रों में योगदान के लिए 18 ओरेशन प्राप्त हो चुके है। डा0 सूर्यकान्त ने 10 वर्षों तक टीबी उन्मूलन के लिए उ0प्र0 टास्क फोर्स का नेतृत्व किया है और वर्तमान में राष् ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्य क्रम नार्थ जोन के अध्यक्ष के रूप में देश के ’’10 राज्यों’’ का नेतृत्व कर रहे हैं। डा0 सूर्यकान्त के कुशल नेतृत्व में उनके विभाग को क्षय रोग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली। टीबी और फेफड़े के रोगों के खिलाफ चुनौती से निपटने के लिए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू को इन्टरनेशनल यूनियन अगे स्ट ट्यूबरकुलोसिस एण्ड लंग डिसीज (द यूनियन), डब्लूएच ओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) तथा भारत सरकार ने अक्टूबर 2022 को टीबी के उपचार हेतु सेन्टर आफ एक्सीलेंस फार ड्रग रेजिसटेन्ट टीबी केयर के रूप में चयनित किया। उन्होंने टीबी मुक्त बनाने के लिए भारत के पहले गांव और मलिन बस्ती क्षेत्र और 100 से अधिक टीबी रोगियों को भी गोद लिया है।
उनके कुशल मार्गदर्शन में आनलाइन रूप से भी कठिन इलाज वाली टीबी क्लिनिक और हब और स्पोक्स माडल के माध्यम से व्यापक टीबी रोगियों की देखभाल प्रदान की जा रही है। 29 जुलाई 2023 को नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर पीएम श्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी हिंदी में 100 पुस्तकों का विमोचन किया गया उसमें डा0 सूर्य कान्त की 2 पुस्तकें हिन्दी में है जिसमें से एक टीबी की पुस्तक भी शामिल है। साथ ही 150 से अधिक टीबी के क्षेत्र में शोध पत्र प्रकाशित है। समय समय पर आम जन मानस के लिए इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी टीबी रोग के लेख, वार्ता, वीडियों आदि के द्वारा जाग रूक करते रहते है।
ज्ञात रहें कि डा0 सूर्य कान्त किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनि वर्सिटी, यूपी, लखनऊ में रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर हैं। उन्हें उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून द्वारा डीएससी मानद उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है।
उनके नाम यूपी के विज्ञान गौरव पुरस्कार (विज्ञान के क्षेत्र में यूपी का सर्वोच्च पुरस् कार), 22 फेलोशिप सहित 207 पुरस्कार हैं। 23 पुस्तकों, 73 पुस्तक अध्यायों, 900 से अधिक प्रकाशनों, दो यूएस पेटेंट, एक नवाचार के साथ अनुसंधान के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान को देखते हुए उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा वर्ल्ड रैंकिंग के अनुसार शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया है। वह इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएम आर) की प्रोजेक्ट सेलेक्शन कॉमिटी के अध्यक्ष भी हैं। डा0 सूर्यकान्त वर्तमान में एम्स पटना की स्टैंडिंग सेलेक्शन कॉमेटी के चेयरमेन तथा राज स्थान यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज के बोर्ड आफ मैनेज मेन्ट के भी सदस्य है।
डा0 सूर्यकान्त इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज आफ चेस्ट फिजिशि यन, इंडियन कालेज आफ एलर्जी अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी, इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडि कल साइंस सेक्शन, आईएमए – एएमएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और इंडियन सोसाइटी अगेंस्ट स्मोकिंग के सचिव जैसे कई शीर्ष चिकित्सकीय संगठनों के अध्यक्ष रहे हैं।

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