एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियाँ 24 फरवरी 20 22 से रूस-यूक्रेन युद्ध व 7 अक्टूबर 2023 से इसराइल- हमास युद्ध में भयंकर नतीजे किसी न किसी रूप में भुगत रही है, व अभी ईरान-इज रायल तनाव के चलते पश्चिम एशिया इस्लामिक देशों सहित पूरी दुनियाँ चिंताओं में फंसी नजर भी आ रही है।
अगर सभी अंतरराष्ट्रीय मंच मिलकर कोई रणनीतिक एक्शन लेते तो आज बात इतनी गंभीर नहीं होती।
ठीक उसी तरह अनेक देशों में घरेलू आतंकवाद माओवाद नक्सलवाद लंबे समय से चल रहा है, परंतु मेरा मानना है कि किसी भी देश में इस त रह के युद्ध आतंकवाद हिंसा त्मक गतिविधियों को जीरो टाॅलरेंस नहीं कर पाया है जि सका सबसे अधिक दुष्परिणा म आम आदमियों नागरिकों को ही भुगतना पड़ रहा है, जो वैश्विक स्तरपर या अप ने ही देश में राज्य स्तर पर पलायन करते हैं जिनका स्था ई समाधान ढूंढना आज सम य की जरूरत है। आज हम इस विषय पर बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कुछ दिन पहले इसी नक्सलवाद आ तंकवाद माओवाद को टार गेट-2026 रणनीति के तहत जीरो टाॅलरेंस करने के लिए 7 प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री केंद्र व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अ धिकारी उप राष्ट्रीय सलाह कार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों सहित अनेको सुर क्षा विशेषज्ञों के साथ विज्ञा न भवन नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिस में अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बता दें पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा छत्तीस गढ़ रायपुर दौरे पर 2026 तक माओवादियों नक्सलवा दियों को जीरो टाॅलरेंस के लिए नीति की बात कही थी, जो हमें आज इस बैठक में देखने को मिल रही है।
बता दें नक्सलवाद प्रभा वित राज्यों के साथ पिछली बैठक 6 अक्टूबर 2023 को हुई थी। मेरा मानना है कि नक्स लवाद माओवाद आतंकवाद को जीरो ट्रेवल्स करना है तो उनके साथ आत्मसमर्पण रणनीति पर जोर देना अधिक उचित होगा, क्योंकि हिंसा त्मक कार्रवाई से पुलिस व नक्सलवादियों में आपसी तनाव व दुश्मनी बढ़ रही है। बता दें मैं खुद नक्सल प्रभावि त महाराष्ट्र के गोंदिया जिला क्षेत्र से हूं तो मैं देखता हूं कि गांव में गांववासियों व वहां की लोकल दुकानों को सब कुछ मालूम होते हुए भी चुप रहते हैं। दुश्मनी केवल पुलि स व नक्सलियों के बीच ही दिखती है कभी नक्सली मारे जाते हैं तो कभी पुलिस वाले शहीद होते हैं जो दशकों से चला आ रहा है। अब पैटर्न बदलकर आत्मसमर्पण पर जोरदार अभियान चलाना भी जरूरी है हालांकि यह अभि यान अभी भी चल रहा है व हाल ही में सैकड़ो नक्सलवादी आत्मसमर्पण भी किए हैं परंतु इसे अनेक रणनीतियां बना कर अधिक तेजी से चलने की जरूरत है, चूँकि टारगेट माओवाद-2026 भारत में न क्सलवाद जीरो टाॅलरेंस नीति शुरू है, नक्सल प्रभावित सात प्रदेशों के सीएम की बैठक कुछ दिन पहले ही हुई है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे भारत को नक्स लियों पर शिकंजा कसने की रणनीति का 7 प्रदेशों के मुख्य मंत्री की बैठक में आगाज, मेरा मानना है कि अब जरूरत है, भारत में जिला स्तरीय दबंग माफियाओं सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शि कंजा कसने उच्च स्तरीय बैठ के समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम भारत में टारगेट माओवाद 20 26 की करें तो, देश में नक्सली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार जीरो टाॅलरेंस की नीति अप ना रही है। सरकार का लक्ष्य देश को मार्च 2026 तक न क्सल मुक्त करने का है इसे लेकर सोमवार को विज्ञान भवन में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कें द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह समीक्षा बैठक की। बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने में राज्यों का सहयोग कर रहे संबंधित मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अ धिकारी शामिल हुए, इसके अलावा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय अर्धसैनि क बलों के प्रमुख के अलावा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शिरकत कीनक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक 06 अक्टूबर, 2023 को हुई थी, उस बैठक में गृहमंत्री ने वामपंथी उग्रवा द को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक दिशा निर्देश दिये थे। इस बैठक में केंद्र, राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी विचार -विमर्श में भाग लिए। बता दें कि सरकार की रणनीति की वजह से वामपंथी उग्रवाद हिंसा 72 प्रतिशत घटे हैं। साल 2010 की तुलना में 20 23 में नक्सली हिंसा में मरने वालों की संख्या में 86 प्रतिश त की कमी आई है। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि नक्सली अब अपनी आ खिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। साल 2024 में अब तक सशस्त्र वा मपंथी उग्रवादियों के खात्मे में सेक्युरिटी फोर्स ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। साल 20 24 में अब तक 202 वामपंथी उग्रवादियों को मार गिराया गया है, जबकि 723 वामपंथी उग्रवादियों ने सरेंडर किया है और 812 को अरेस्ट किया गया है। बयान में कहा गया है कि 2024 में वामपंथी उग्र वाद से प्रभावित जिलों की संख्या में काफी कमी आई है। यह घटकर 38 रह गई है।
केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक वि कास योजनाओं को पहुंचाने के लिए मोबाइल कनेक्टिवि टी और सड़क को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएम के ने तृत्व और गृह मंत्री के मार्ग दर्शन में वामपंथी हिंसा को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीते 04 अक्टूबर 2024 को अबूझमाड़ के जंगलों में हुई मुठभेड़ में एक साथ 31 नक्सली मारे गए हैं। छत्तीस गढ़ के सबसे बड़े नक्सल आॅपरेशन के बाद सुरक्षा बलों के हौसले आसमान पर हैं।
साथियों बात अगर हम भारत में मौजूदा नक्सल प्रभा वित जिलों की स्थिती की करें तो,सुरक्षाबलों की कार्रवाई के साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास को गति देने के लिए विशेष कदम उ ठाए गए है। इन क्षेत्रों में सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया जा रहा है नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 14400 किलोमीटर सड़क निर्माण और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं। नक्सलियों के खिलाफ गृह मंत्रालय राज्यों के साथ बड़ा प्लान तैयार कर रहा है। मीडिया के मुताबिक, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग रोकी गई, वैसे ही नक्सलियों को रोक ने के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुता बिक, देश में साल 2010 के मुकाबले 2023 में नक्सल हिंसा में 72 प्रतिशत और मृत्यु में 86 प्रतिशत कमी आई है। इस साल देश में 202 नक्सली मारे गए हैं। 2024 के शुरू आती 9 महीनों में अभी तक 723 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि टारगेट माओवाद 2026-भारत में नक्सलवाद जीरो टाॅलरेंस नीति शुरू- नक्सल प्रभावित 7 प्रदेशों की सीएम बैठक बीतें 7 अक्टूबर 2024 को हुई। भारत का नक्सलियों पर शिकंजा कस ने की रणनीति का केंद्र व 7 प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों की बै ठक में आगाज। भारत में जिला स्तरीय दबंगों, माफियाओं सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीति क शिकंजा कसनें उच्चस्त रीय बैठकें समय की मांग है।
भारत में जिलास्तरीय दबंगों माफियाओं, सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शिकंजा कसनें उच्चस्तरीय बैठकें समय की मांग
![](https://rajnitikbullet.com/wp-content/uploads/2024/08/Untitled-2.jpg)
Read Time10 Minute, 54 Second