दुनियाँ की सरकारों के लिए वैश्विक नवाचार सूचकांक उनके देश में नए अविष्कार व तकनीक की स्थिति क्या है, इसको मापने का सटीक यंत्र है

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर भारत जिस तेजी के साथ प्रौद्योगिकी विज्ञान तकनीकी स्पेस व नवाचार सहित अनेक क्षेत्रों में जिस तेजीके साथ आगे बढ़ रहा है उसे पूरी दुनियाँ देख कर हैरान है कि पूर्व में सोने की चिड़िया के विलुप्तता के कगार पर पहुंचे पंखों को ऐसा क्या जादू लगा कि प्रौद्योगिकी नवाचार रूपी पंखों के तीव्रता से पनपनें के कारण फिर सोने की चिड़िया वैश्विक आसमान पर उभर आई है, क्योंकि हम पिछले कुछ वर्षों से देख रहे हैं कि जिस तरह स्टार्टअप नवाचार की संख्या तेजी से बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन व सेमीकंडक्टर का रिकाॅर्ड उत्पादन के लिए सशक्त रणनीति पर काम चल रहा है उसे देखकर बड़े-बड़े विकसित देश हैरान है।
बता दें हम इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्राॅनिक व खिलौने के निर्यात के क्षेत्र में तेजी से नंबर वन पर आ रहे हैं। आज यह विषय हम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के वैश्विक नवा चार सूचकांक 2024 की रैंकिंग की घोषणा की गई, जिसमें भारत पिछले वर्ष की अपेक्षा एक अंक और पिछले 9 वर्षों यांनें 2015 के 81वीं रैंक से 2024 में 39वीं रैंक पर आ गया है यांने 42 अंकों का बहुत बड़ा विशाल उछाल हुआ है जो रेखांकित करने वाली बात है व सटीकता से बता रही है की मेहनत रंग ला रही है व विजन 2047 की ओर हम सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पीएम ने भी जीआई आई में 39वीं रैंकिंग आने की घोषणा होने के तुरंत बाद उसे एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया है। सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम ने कहा कि सरकार एक वाइब्रेंटइनोवेटिव इकोसिस्टम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो युवाओं के जीवन को बदल सकता है। चूँकि दुनियाँ भर की सर कारों के लिए वैश्विक नवा चार सूचकांक उनके देश में नए अविष्कार व तकनीकी क्या है, इसको मापने का सटीक यंत्र है तथा भारत का वैश्विक प्रौद्योगिकी व नवाचार में नए अध्याय जोड़ने का सटीक प्रमा ण का आगाज हुआ है, इस लिए आज हम मीडिया में उप लब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वैश्विक नवाचार सूचकांक 2024 में भारत की बल्ले बल्ले। भारत 133 वैश्वि क अर्थ व्यवस्थाओं में 39वें स्थान पर पहुंच गया है।
साथियों बात अगर हम दिनांक 27 सितंबर 2024 को वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत के 39वें स्थान की करें तो, ग्लोबल इनोवेटिव इंडेक्स (जीआईआई) 2024 में भारत ने कुल 133 अर्थव्यवस्थाओं में से 39वां स्थान प्राप्त किया है।
भारत को 38.3 अंक हा सिल हुए और इसने बीते साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। बीते साल भारत 38.1 अंक के साथ 40वें स्थान पर था। रिपोर्ट के अनुसार भारत केंद्रीय और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ अर्थ व्यवस्थाओं के चार्ट्स में शीर्ष पर है। इसके अलावा भारत निम्न मध्यम आय वर्ग के देशों के समूह में एक ऐसा देश है जिसने अपने विकास के हिसाब से नवाचार में अनुमान से बेह तर प्रदर्शन किया है। भारत निम्न मध्यम आय समूह वर्ग के देशों में सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषी अर्थव्यवस्था है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की मजबूती आईसीटी सेवा निर्यात (प्रथम), हासिल वेंचर कैपिटल (छह) और अमूर्त परिसंपत्ति तीव्रता (सात) जैसे सूचकांकों के आ धार पर रही। भारत की यूनि काॅर्न कंपनियों ने देश को वै श्विक स्तर पर 8वां स्थान दिलाया। बता दें कि जीआ ईआई रैंकिंग में 2015 में देश 81वें स्थान पर था। अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गया है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स-20 24 133 अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर ता है और नवीनतम वैश्विक नवा चार रुझानों को ट्रैक करता है। जारी की गई सूची में स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, सिंगापुर और ब्रिटेन दुनियाँ की सबसे टाॅप अर्थव्य वस्थाएं हैं। चीन 11वें स्थान पर है। वहीं इसकी जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मंच एक्स पर इस उपलब्धि की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, नवाचार के मामले में भारत 133 विश्व अर्थव्यवस्था ओं में 39वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नव प्रवर्तकों (नई खोज करने वाले) और उद्यमियों के कारण भारत में नवाचार के माहौल को म जबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हमारी ज्ञान संपदा,जीवंत स्टार्ट-अप पारि स्थिकी तंत्र और सार्वजनिक व निजी अनुसंधान संगठनों के बेहतरीन काम के कारण हुआ है। जीआईआई एक ऐसा भरोसेमंद साधन है जिससे दुनियाँ भर की सरकारें यह देख सकती हैं कि उनके देशों में नए आविष्कार और तकनीक कैसे सामाजिक व आर्थिक बदलाव ला रहे हैं। इसका उपयोग नीति निर्माता और व्यापारिक हस्तियां करते हैं। डब्ल्यूआईपीओ के मुताबिक स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, सिंगापुर और ब्रिटेन दुनिय की सबसे अधिक नवाचार वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं। वही चीन, तुर्किये, भारत, वियतना और फिलीपींस इस क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में तेजी से प्रगति करने वाले देश हैं। चीन 11वें स्थान पर है और शीर्ष 30 में स्थान पाने वाली एकमात्र म ध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्था है।
साथियों बात अगर हम वैश्विक नवाचार सूचकांक 20 24 में भारत के प्रदर्शन बल्ले बल्ले की करें तो, भारत, 38 निम्न मध्यम आय समूह अर्थ व्यवस्थाओं में शीर्ष स्थान वाला देश है। मध्य और द क्षिणी एशिया की 10 अर्थव्यव स्थाओं में भारत को प्रथम स्थान दिया गया है। नवाचार इनपुट मानदंड के मामले में, भारत अपनी रैंक में सुधार करके 44वें स्थान पर पहुंच गया है। इसी तरह, भारत न वाचार आउटपुट के मामले में, भारत अपनी रैंक में सुधार करके 33वें स्थान पर पहुंच गया है।
पिछले वर्ष की तरह, चार भारतीय समूहों को वैश्विक नवाचार सूचकांक के 100 शीर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी समूहों में शामिल किया गया है। बेंगलुरु, सर्वोच्च स्थान वाला भारतीय क्लस्टर जिसका विश्व में 56वां स्थान है और उसके बाद दिल्ली (63वें), चेन्नई (82वें) और मुंबई 84वें स्थान पर हैं। वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स) में भारत की रैंकिंग में पिछले 9 वर्षों में 42 पायदान का सुधार हुआ है, अब देश 38 कम मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है। यह सूचकांक लगभग 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के इनोवेशन प्रदर्शन का मूल्यां कन किया है, इनोवेशन को बढ़ावा देने में उनकी ताकत और कमजोरियों को प्रदर्शित करता है। इनोवेशन में इस के क्षेत्रीय बर्चस्व पर और जोर देता है। भारत नेविश्व बौद्धिक संपदा संगठन विज्ञान और प्रौ द्योगिकी (एस एंड टी) क्लस्टर रैंकिंग में भी चैथा स्थान हा सिल किया है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख शहर दुनियाँ के शीर्ष 100 विज्ञान और प्रौद्योगिकी समूहों में लिस्ट हुए हैं, जो अनुसंधा न, विकास और तकनीकी प्रग ति के केंद्र हैं। इसके अलावा, देश ने अमूर्त संपत्ति तीव्रता में वैश्विक स्तर पर 7 वीं रैंक हासिल की है, जो इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए आव श्यक पेटेंट और ट्रेडमार्क जैसी गैर-भौतिक संपत्तियों की ताकत को मापता है।
भारतीय नवप्रवर्तक और उद्यमी देश के नवाचार परि दृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे यह तकनीकी विकास और अनुसंधान के कई प्रमुख क्षेत्रों में वैश्विक नेता बन गया है। 38 देशों में भारत पहले नंबर पर इसमें सबसे अहम उपल ब्धियों में से एक 38 निम्न- मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था ओं में शीर्ष रैंक वाले देश के रूप में भारत की स्थिति है। यह इनोवेशन में भारत की बढ़त को उजागर करता है, विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में, जहां यह तकनीकी और आर्थिक प्रगति के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में सामने आता है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इंडेक्स में यह उल्लेखनी य प्रगति पीएम के निर्णायक लीडरशिप और इनोवेशन के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने पर देश के ध्यान के कारण है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि वैश्विक नवाचार सूचकांक 2024 में भारत की बल्ले बल्ले-133 वैश्विक अर्थ व्यवस्थाओं में भारत 39 वें स्थान पर पहुंचा। भारत का वैश्विक प्रौद्योगिकी व नवाचा र में नए अध्याय जोड़ने के स टीक प्रमाण का आगाज। दुनियाँ की सरकारों के लिए वैश्विक नवाचार सूचकांक उन के देश में नए अविष्कार व तकनीक की स्थिति क्या है, इसको मापने का सटीक यंत्र है।

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