(राममिलन शर्मा)
लखनऊ। प्रदेश में कोविड -19 के दौरान छोटे-बड़े शहरों में रेहड़ी वाले, पटरी व सड़क किनारे दुकान, कोई धन्धा, कारोबार करके रोज कमाने रोज खाने वाले काफी दुकानदार एवं वेण्डर्स अपनी रोजी-रोटी चलाते थे, वह लाॅकडाउन के दौरान बन्द हो गया था। ये शहरी पथ विक्रेता ऐसे होते थे जो प्रतिदिन वस्तुएं खरीदते और उसे प्रतिदिन बेचते थे। ये पथ विक्रेता प्रतिदिन जो कमाते थे उससे उनके परिवार का पालन पोषण होता था। ऐसे शहरी पथ विक्रेताओं की संख्या प्रदेश में लाखों है। जो लोग दैनिक आजीविका के कारोबार करते थे, धना भाव के कारण बन्द हो गया। कारोबार बन्द होने से शहरी पथ विक्रेताओं के सामने बेरो जगारी का संकट खड़ा हो गया था। शहरी पथ विक्रेताओं की इन्हीं समस्याओं को दृष्टि गत रखते हुए भारत के मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 01 जून, 2020 से ‘‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना‘‘ का शुभारम्भ किया है, जिसके अंतर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना कार्य शुरू कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज के रूप में आसान किश्तों पर ऋण की सुविधा देकर कार्यशील पूँजी बनाने में उनकी सहायता की जा रही है। सरकार बेरोजगार हुए हर वर्ग के लोगों की सहा यता कर रही है। खेतिहर मजदूर, किसान, कारीगर, कुशल /अर्द्धकुशल श्रमिक, उद्योग -धंधों के लोगों, उद्यमी-व्यव सायी प्रदेश सरकार सभी को आवश्यक सहायता कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में शहरी रेहड़ी पटरी वालों व छोटी-मोटी दुकान वालों को अपना कारो बार फिर से खड़ा करने के लिए भारत सरकार द्वारा संचा लित प्रधानमंत्री स्वनिधि योज ना से प्रदेश सरकार पथ विक्रे ताओं को लाभान्वित करा रही है। जो लोग पहले से वेंडिंग कर रहे है, वे वेंडर्स इस योज ना से लाभ उठा रहे है। इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए सर्वेक्षण कराते हुए उनका पंजीयन किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त नगर निगमों, नगर निकायों से चिह्नित पंजी कृत शहरी पथ विक्रेताओं का डाटा विवरण योजना के पोर्टल पर उपलब्ध कराये गये है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योज नान्तर्गत शहरी पथ विक्रेता को रू0 10,000.00 का अनुदान आधारित प्रथम ऋण उपलब् ध कराया जा रहा है। प्रथम ऋण की वापसी के उपरान्त द्वितीय ऋण रू0 20,000 एव द्वितीय ऋण की वापसी के उपरान्त तृतीय ऋण 50,000 बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में अद्यतन 13,51,127 प्रथम ऋण, 4,85,640 द्वितीय ऋण एवं 59,874 तृतीय ऋण पथ विक्रेताओं को वितरित करते हुए कुल रू0 2,621.78 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा लग भग 19 लाख पटरी पथ विक्रे ताओं को ऋण वितरित करते हुये पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। मार्च, 2024 तक 31.02 लाख पथ विक्रेताओं एवं उनके परिवार के सदस्यों को 8 अन्य केन्द्रीय योजनाओं से लाभान्वित करा या जा चुका है। प्रदेश में जुलाई 2024 तक 8,43,238 पथ विक्रेताओं को डिजिटली एक्टिव कराया गया है। प्रथम 10 मिलियन प्लस शहरों में सर्वाधिक ऋण वितरण में प्रदेश के 6 शहर-लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजिया बाद व आगरा सम्मिलित हैं। भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु वर्ष 2023-24 में ‘‘प्रेज अवार्ड‘‘ से पुरस्कृत किया गया है।
प्रदेश सरकार आवेदन फार्म तथा संबंधित बैंक के बन्धक पत्र में भी आवश्यक सह योग कर रही है, जिससे वेंडर्स दैनिक कमाई करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में सु धार ला सकें। प्रदेश के शहरी पथ विक्रेता इस योजना का लाभ उठाते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करते हुए आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से स्ट्रीट वेण्डर हो रहे है आत्मनिर्भर
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