रोगी की आधी बीमारी अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है – राज्य क्षय रोग अधिकारी

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(राममिलन शर्मा)
लखनऊ। राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एन टी ईपी) के तहत मंगलवार को एनटीईपी के सदस्यों का सॉफ्ट स्किल विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ द्य इस प्रशिक्षण में स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीबी रोगि यों के साथ किस तरह का व्यवहार करें और स्वयं उनका अपने परिवार के साथ कैसा व्यवहार हो, पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्य क्रम क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई कार्यालय (आर टीपीएमयू) में आयोजित हुआ जिसमें 26 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर(एसटीएस) और पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपी एम) समन्वयक को प्रशिक्षित किया गया।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डा. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि रोगी की आधी बीमारी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है। इसी उद्देश्य के साथ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम टाटा इंस्टि ट्यूट आफ सोशल साइंसेज (टिस) के सहयोग एनटीईपी के सदस्यों को दिया जा रहा है द्य पहले चरण में लखनऊ में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। आगे सभी 74 जनपदों के एनटीईपी के सदस् यों को यह प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके तहत एनटी ईपी के सदस्यों को इस बात के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा कि टीबी रोगियों से किस तरह बात करें उनका टीबी रोगियों के साथ कैसा बर्ताव हो। उनके हाव भाव क्या हों, उनकी बाॅडी लेंग्वेज क्या हो। वह टीबी रोगियों कि मनोदशा को समझते हुए उनके साथ कैसा व्यवहार करें।
व्यवहार का संतुलित होना यह सुनिश्चित करता है कि क्षय रोगी अपनी समस्याओं को खुलकर उनसे साझा कर पायेंगे। यदि स्वास्थ्य कार्य कर्ता रूखे मन से या गुस्से से बात करेंगे तो टीबी रोगी उनसे अपने मन की बात करने में या समस्या साझा करने में हिचकिचाएंगे। स्वास्थ्य कार्य कर्ताओं को अपने व्यवहार से टीबी रोगी को इस बात के लिए आश्वस्त करना है कि टीबी के इलाज में उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति बाधा नहीं बनेगी। वह अकेले नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग उन के साथ है और वह अपनी इस स्थिति से परेशान न हों। इसके अलावा स्वास्थ्य कार्य कर्ताओं का व्यवहार अपने परि वार के साथ भी सकारात्मक होना चाहिए क्योंकि यदि परि वार के साथ व्यवहार सही नहीं है तो इसका प्रभाव उनके काम पर भी पड़ेगा। इसको लेकर भी उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा।
इस अवसर पर अपर निदे शक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लखनऊ मंडल डा. जी.पी.गुप्ता ने कहा कि अच्छा व्यवहार न तो केवल बीमार को ठीक कर देता है बल्कि पूरे व्यक्तित्व का आद्दार ही यह होता हो। मरीज और स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बीच सम्बन्ध मधुर होने चाहिए तभी वह आप पर भरोसा करेगा और आपकी सलाह का अक्ष रशः पालन करेगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के. सिंघल ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अवश्य ही लाभदायक सिद्ध होगा। तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होने पर वह अपने और बेहतर तरीके से टीबी रोगियों के साथ अच्छा संवाद और सम्ब न्ध स्थापित कर पाएंगे जो कि टीबी रोगियों के इलाज में सकारात्मक भूमिका निभा येगा। प्रशिक्षण टिस से आये प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया।

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