दुनियां के देशों में आपसी युद्व, आतंकवाद व हठधर्मी में आम जनता के पिसनें को अंतरराष्ट्रीय मंचों ने रेखांकित करना समय की मांग

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर दुनियां नें दो विश्व युद्ध प्रथम व द्वितीय देख चुकी है, जिस की भयंकर तबाही को आज भी महसूस किया जाता है। दुनियां में अमेरिका द्वारा हिरो शिमा व नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के दुष्टपरि णामों को आज भी महसूस किया जाता है, क्योंकि इस के प्रभाव के अंश आज भी पीढ़ियों में देख कर महसूस किया जा सकता है। इन दोनों विश्व युद्ध के बाद दुनियां सहम व सचेत हो गई है, जिस के परिणाम स्वरूप अनेक अंतरराष्ट्रीय मंच बने व 200 से अधिक देशों का संयुक्त राष्ट्र भी बन गया, फिर भी हम महसूस करते हैं कि कहीं ना कहीं अभी भी वैश्विक गुट बाजी बरकरार है, अनेक देशों ने गुटबाजी से यूरोपीय संघ 27 देश, अफ्रीकी संघ 55 देश नाटो 32 देश, इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी) के 29 देश दक्षिण, एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन, जी- 7 जी-21 दक्षिण एशिया, उत्त र एशिया सहित अनेक छोटे -बड़े और भी अनेकों संगठनो में दुनियां बटी हुई है। अनेक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भी वोटिंग में पक्ष विपक्ष व न्यूट्रल के रूप में हम कई मुद्दे पर देख सकते हैं। आज यह बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमास-इजराइल व यूक्रेन-रूस युद्ध में अब बड़ा आकार होने की संभावना बढ़ गई है, जहां एक ओर हमास इजरायल युद्ध में ईरान व इस्लामिक देश बनाम यूरोपीय यूनियन हो गया है, तो वहीं दूसरी ओर यूक्रेन-रूस युद्ध में भी अब रूस बनाम नाटो देश हो गए हैं। मीडिया में आए पूर्व रूस राष्ट्रपति व पुतिन के खासम खास माने जाने वाले दिमित्री मेटदेव के टेली ग्राम पोस्ट ने खलबली मचा दी है, जिसमें रशियन शहरों की मां कीव के ऊपर फादर आॅफ आॅल बाॅम के हमले से वहां एक विशाल ढाबा बनने की ओर संकेत दिए गए हैं, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की संभावना सेइनकार नहीं किया जा सकता है। चूंकि मदर आॅफ आॅल रशियन सिटीज पर फादर ऑफ ऑल बम इस्तेमाल के संकेत दिए जा रहे हैं इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यमसे चर्चा करेंगे, दुनियां के देशों में आपसी युद्ध आतंकवाद व हठधर्मी में आम जनता के पिसनें को अंतरराष्ट्रीय मंचों ने रेखांकि त करना समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन की राजधानी कीव जो मदर आॅफ रशियन सिटी है, उस पर फादर आॅफ आॅल बम इस्तेमाल करने की करें तो, पूर्व रूसी राष्ट्रपति और व्लादि मीर पुतिन के खास समझे जाने वाले दिमित्री मेदवेदेव ने यूक्रेन के खिलाफ रूस में अब तक तैयार सबसे बड़े बम के इस्तेमाल का संकेत दिया है। इस बम को फाॅदर आॅफ आल बाॅम्ब (एफओएबी) कहा जाता है। मेदवेदेव ने टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, आप किसी के धैर्य की परीक्षा केवल कुछ समय समय के लिए ही ले सकते हैं। इसी पोस्ट में उन्हों ने कीव पर हमले का संकेत देते हुए आगे लिखा, सच है कि रूस से इस प्रतिक्रिया काउपयोग करने की संभावना नहीं है, लेकिन यह भी एक संभावना है। उन्होंने कहा कि फिर क्या होगा, यह खत्म हो जाएगा। उस जगह जहां कभी रूसी शहरों की मां खड़ी थी, वहां एक विशाल धब्बा रह जाएगा। यहां ये जानना जरूरी है कि जब मेदवेदेव रूसी शहरों की मां कह रहे हैं तो इसका सीधा मतलब कीव है। यूक्रेन की राजधानी को मदर आॅफ आॅल रसियन सि टीज कहा जाता है। एफओ एबी की चुनौतियां, रूस के बमवर्षक बेड़े के सभी विमान फादर आॅफ आल बाॅम्ब को गिराने के लिए तैयार हैं।
हालांकि, मेदवेदेव ने नए डिलीवरी वाहनों के उपयोग की बात कही है जो यह सं केत देता है कि रूस बेहतर डिलीवरी विकल्पों पर विचार कर रहा है। रूस इस बम के लिए आरएस 28 सरमैट जैसी मिसाइल का इस्तेमाल कर सकता है। यह अंतर महाद्वी पीय मिसाइल 10 टन का पेलोड ले जाने में सक्षम है। सरमैट को सोवियत युग के एसएस-18 को बदलने के लिए डिजाइन किया गया था। यह पेलोड क्षमता के मामले में सबसे शक्तिशाली अंतर महाद्वीपीय (इंटरकॉन्टिनेंटल) बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मिसाइल को पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। कई बम एक साथ कर सकता है लाॅन्च 7 टन का एफओएबी सरमैट के लिए ले जाना आसान होगा। चूंकि सरमैट को कई वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसलिए संभव है कि यह एक से ज्यादा लक्षित एफ ओएबी को ले जा सके। सर मैट एक लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइल है, जिसका लाॅन्च वजन 208.1 मीट्रिक टन है। इस वजन में ज्यादातर हिस्सा ईंधन का है। सैद्धांतिक रूप से मिसाइल के ईंधन भार को कम करके पेलोड को बढ़ाना संभव है। एक आसान विकल्प यह होगा कि बड़े वारहेड को समायोजित करने के लिए कुछ या सभी चरणों में ईंधन लोडिंग को कम किया जाए। हालांकि, पेलोड बढ़ाने से मि साइल की स्थिरता और लक्ष्य को भेदने की सटीकता प्रभा वित हो सकती है।
साथियों बात अगर हम फादर आॅफ आॅल बाॅम को जा नने की करें तो, इसको सबसे घातक थर्मोबेरिक हथियार कहा जाता है। इसे एविएशन थर्मोबेरिक बाॅम्ब आॅफ इन्क्री ज्ड पाॅवर कहा जाता है। रूस ने इसे साल 2007 में विकसि त किया था। इसे दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार कहा जाता है। फा दर आॅफ आॅल बाॅम्ब का वजन 7100 किलोग्राम है और यह एक ही बार में करीब 44 टन टीएनटी की ताकत का धमा का कर सकता है। इस बम की विनाशकारी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक बार के इस्तेमाल में करीब 300 मीटर के क्षेत्र को जला कर खाक कर सकता है। यह थर्मोबेरिक हथियार है। इसे वैक्यूम बाॅम्ब के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह वातावरण से आॅक्सीजन को सोख लेता है और खुद को अधिक शक्तिशाली बनाकर जमीन से ऊपर ही धमाका कर ता है। इस धमाके से किसी सामान्य (कम ताकत के) पर माणु बम की तरह ही गर्मी पैदा होती है। इसके साथ ही धमाके से एक अल्ट्रासो निक शाॅकवेव भी निकलता है जो और अधिक तबाही लाता है। यही कारण है कि इस हथियार को किसी भी अन्य पारंपरिक हथियार से अधिक शक्तिशाली माना जा ता है। रूस का फादर आॅफ आॅल बाॅम्ब, अमेरिका के मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब के खिलाफ तैयार किया गया हथियार है। साल 2003 में अमेरिका ने फ्लोरिडा में इस बम का परीक्षण किया था। इसका आधिकारिक नाम जीबीयू – 43ध्बी है। यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है। इसका वजन करीब 10, हजार किलोग्राम है और यह 11 टीएनटी के करीब ता कत से धमाका करता है। यह अपने धमाके की चपेट में 150 से 300 मीटर तक के क्षेत्र में तबाही लाने की ताकत रख ता है। अमेरिका के पास मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब रूस का फा दर आॅफ आॅल बाॅम्ब अमेरिका के मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब के खिलाफ तैयार किया गया हथियार है। साल 2003 में अमेरिका ने फ्लोरिडा में इस बम का परीक्षण किया था। इसका आधिकारिक नाम जीबीयू -43ध्ठ है। यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है। साल 2017 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश पर अमेरिकी सेना ने अफगा निस्तान में मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब का इस्तेमाल कियाथा। कईमीडिया रिपोर्ट बताती है कि साल 2017 में ही रूस ने भी सीरिया में थर्मोबेरिक हथि यार फादर आॅफ आॅल बाॅम्ब का इस्तेमाल किया था। वि भिन्न मीडिया रिपोर्टों और विदेशी रक्षा एजेंसियों की ओर से इस बात का दावा किया जा रहा है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन में फादर आॅफ आॅल बाॅम्ब का इस्तेमाल कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति ने अपनी सेना को इसके लिए आदेश भी दे रखे हैं। अमेरिका के पास है मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब अमेरि का के पास दुनिया का दूसरा सबसे घातक गैर-परमाणु बम है, जिसे मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब या एमओएबी यानी मैसिव आॅर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बाॅम्ब कहा जाता है। अमेरिका ने पहली बार मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब का टेस्ट 2003 में फ्लो रिडा में किया था। इसे आ धिकारिक तौर पर जीबीयू- 43 कहा जाता है। अमेरिका के मदर आॅफ आॅल बाॅम्ब का वजन 21,600 पाउंड या करी ब 10 हजार किलोग्राम है। ये अमेरिकी बम 11 टन टीएन टी की ताकत से धमाका क रता है और 150 से 300 मीटर के दायरे में आने वाली चीजों को नेस्तनाबूद कर सकता है।
साथियों बात अगर हम रूस यूक्रेन युद्ध के बढ़ते दायरे की करें तो, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यूक्रेन के राष्ट्र पति जेलेंस्की ने भी यह बात साफ कर दी है कि जल्द ही रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा कर सकता है। हालांकि अब इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि युद्ध में यूक्रेन के हथियार न डालने की स्थिति में रूस अपने पास उपलब्ध दुनिया के सबसे घातक गैर परमाणु हथियार
फादर आॅफ आॅल बाॅम्ब का इस्तेमाल कर सकता है। यू क्रेन के खिलाफ रूस का हमला और तेज हो गया है। इस युद्ध में रूस को यूक्रेनका कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है।
ब्रिटिश मीडिया ने आशं का जताई है कि यूक्रेन को युद्ध में जल्द घुटनों पर लाने के लिए रूसी राष्ट्रपति अपने सबसे घातक हथियारों में से एक फादर आॅफ आॅल बाॅम्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मदर आॅफ आॅल रशियन सिटीज पर फादर आॅफ आॅल बाॅम के इस्तेमाल से भयंकर तबाही के संकेत? अमेरिका के मदर आॅफ आॅल बाॅम के खिलाफ, रूस ने फा दर आॅफ आॅल बाॅम तैयार किया गया हथियार है।
दुनियां के देशों में आपसी युद्ध, आतंकवाद व हठधर्मी में आम जनता के पिसनें को अंतरराष्ट्रीय मंचों ने रेखांकि त करना समय की मांग है।

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