धार्मिक यात्राओं, शैक्षणिक संस्थानों कैंसर दवाओं व नमकीन स्नैक्स सहित अनेक वस्तुओं सेवाओं में जीएसटी की 54वीं में बैठक में राहतों आहतों को रेखांकित करना जरूरी

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर वैसे तो अनेक देशों में सभी टैक्सों को मिलाकर एक जीए सटी टैक्स करने का प्रचलन शुरू है, इसलिए ही काफी जद्दो जहद के बाद विशेष सत्र बुलाकर जीएसटी कानून 2017 पारित किया था और एक जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया था, जिसमें केंद्रीय वित्तमंत्री की अध्यक्ष ता में पूरे राज्यों के वित्तमंत्री अधिकारी केंद्र शासित प्रदेश के प्रभारी सदस्य होंगे और बदलती परिस्थितियों के अनु सार जीएसटी कानून को सु गम बनाने के लिए प्रतिमाह बैठक कर आवश्यक सुधार परिवर्तन अपडेट मिल किए जाते रहेंगे इसी कड़ी में कुछ दिन पहले 54वीं बैठक आ योजित की गई जिसमें हुए फैसलों की जानकारी केंद्री य वित्त मंत्री ने दी। बैठक में जहां एक ओर धार्मिक यात्रा ओं शैक्षणिक संस्थानों कैंसर दवाओं नमकीन स्नैक्स सहित अनेक वस्तुओं सेवाओं में राह तें छूट दी गई है, तो वहीं पूरे देश की नजरें दो सेवाओं में पर लगी हुई थी परंतु उन दोनों सेवाओं पर फैसला नहीं हो सका जिसमें –
(1) जीएसटी परिषद स्वा स्थ्य और जीवन बीमा प्रीमि यम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 फीसदी से कम करने पर व्यापक रूप से सह मत हो गई है। लेकिन, फिल हाल इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है अक्टूबर में सरकारी समिति की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही इस पर फैसला होगा।
(2) आॅनलाइन गेमिंग पर जीएसटी राहत की संभावना खत्म वित्तमंत्री ने बताया कि आनलाइन गेमिंग पर पिछले साल अक्टूबर में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के दौरान यह कहा गया था कि छह माह के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा रिपोर्ट में यह पाया गया कि आनलाइन गेमिंग के राजस्व में पिछले छह महीनों में 412 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर से पहले के छह महीनों में प्राप्त राजस्व सेइसकी तुलना की गई है अक्टूबर से पहले के छह महीनों में आनलाइन गेमिंग कंपनियों को 1349 करोड़ रुपये का राजस्व हा सिल हुआ था, जबकि पिछले साल अक्टूबर के बाद के छह महीनों में इन कंपनियों को 6909 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। आॅनलाइन गेमिंग कंपनियां सरकार से 28 प्रति शत जीएसटी को खत्म करने की मांग कर रही हैं, लेकिन राजस्व में इतनी बढ़ोतरी के बाद यह संभावना बिल्कुल समाप्त हो गई। चूंकि जीएस टी काउंसिल की 54वीं बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों के दूर गामी सकारात्मक परिणाम होंगे, इसलिए आज हम मी डिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, जी एसटी काउंसिल की 54 वीं बैठक में कई अहम फैसलों का आगाज हुआ, किसी को राहत तो कोई आहत!
साथियों बात अगर हम जीएसटी की 54वीं बैठक में लिए गए निर्णय की करें तो – (1) जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा के लिए एक नए मंत्रियों के समूहका गठन किया है।
यह समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा और काउंसिल नवंबर में इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
(2) वित्तमंत्री ने बताया कि कैंसर के इलाज की ला गत को कम करने के उद्देश्य से कैंसर की दवाओं पर जी एसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।
(3) नमकीन और अन्य कुछ स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उपभो क्ताओं को राहत मिलेगी
(4) जीएसटी काउंसिल ने विदेशी एयरलाइनों द्वारा सेवाओं के आयात को जीएस टी से मुक्त कर दिया है, जिस से उन कंपनियों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी
(5) सेस पर जीओएम का गठनरूबैठक में सेस संग्रह पर भी चर्चा हुई, जिसमें बता या गया कि मार्च 2026 तक कुल सेस संग्रह 8.66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। ऋण भुगतान के बाद, लगभग 40, हजार करोड़ का अधिशेष बचने का अनुमान है।
(6) बी2सी जीएसटी इन वाॅइसिंग – 01 अक्टूबर से बिजनेस-टू-कस्टमर (बी 2 सी) जीएसटी इनवाॅइसिंग प्रणाली लागू की जाएगी, जि ससे कराधान प्रक्रिया में पार दर्शिता और सुधार आएगा
(7) कार सीट्स पर जीए सटी दर को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे इन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। (8) जीएसटी परिषद ने धार्मिक यात्राओं के लिए हेलि काॅप्टर सेवाओं के परिचाल न पर टैक्स को घटाकर पांच फीसदी करने का फैसला कि या है। उत्तराखंड के वित्तमंत्री के मुताबिक केदारनाथ, बद्री नाथ जैसी धार्मिक यात्राओं पर श्रद्धालुओं को ले जाने वाली हेलिकाॅप्टर सेवाओं पर टैक्स को 18 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी किया गया है।
(9) जीएसटी परिषद ने उपकर क्षतिपूर्ति पर एक मंत्री समूह के गठन पर सहमति जताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस निर्णय की जानकारी दी। यह कदम राज्यों को जीएसटी उपकर क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर समाधान खोजने में मदद करेगा।
(10) वित्तमंत्री ने जीएस टी परिषद की 54वीं बैठक के बाद बताया कि दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह ने अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंप दी है। यह रिपोर्ट जीएसटी दरों में सुधार और समायोजन के उद्देश्य से तैयार की गई है।
(11) जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे विश्व विद्यालय और अनुसंधान केंद्र जो केंद्र सरकार ने स्थापित किए हैं या राज्य सरकारों के कानून से स्थापित विश्वविद्या लय और अनुसंधान केंद्र या जिन्होंने आयकर छूट प्राप्त की है, वे सार्वजनिक, सरकारी और निजी दोनों से अनुसंधा न निधि प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें जीए सटी का भुगतान करने से छूट दी गई है।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा वित्त मंत्री को 28 जुलाई 20 24 को जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जी एसटी को कम करने संबंधी पत्र लिखने की करें तो, उन्होंने ये बड़ी बात वित्तमंत्री की अगुवाई में सोमवार को हुईं जीएसटी काउंसिल की बैठ में सबसे ज्यादा नजर स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जी एसटी को कम करने से संबं धित ऐलान थी, इसे लेकर आम से लेकर खास तक की ओर से मांग की जा चुकी है।
बीते 28 जुलाई 2024 को केंद्रीय मंत्री महोदय ने भी एक पत्र लिखकर वित्त मंत्री से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर लागू जीएस टी हटाने की मांग की थी। उन्होंने इस टैक्स को जिंदगी की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा करार दिया है। लिखे अपने पत्र में उन्होने कहा था कि नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ ने इन मुद्दों पर उन्हें ज्ञा पन सौंपा है, संघ का मानना है कि लोगों को इस जोखिम के खिलाफ कवर खरीदने के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाया जाना चा हिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमि यम पर 18 फीसदी जीएसटी बिजनेस के इस क्षेत्र के वि कास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से जरूरी है।
साथियों बात अगर हम आॅनलाइन समाचार सदस्यों पर ओआईडीएआर के रूप में 18 प्रतिशत जो अभी जीएस टी लगती है इसमें राहत देने की करें तो, वर्तमान में प्रिंटेड न्यूजपेपर्स, मैग्जीन और पेपर -मैग्जीन को जीएसटी से छूट दी गई है। आईजीएसटी अ धिनियम के तहत, आॅनलाइन समाचार सदस्यता पर आॅन लाइन सूचना डेटाबेस एक्सेस और रिट्रीवल (ओआईडीएआर) सेवाओं के रूप में 18प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है। इस का मतलब है कि ऐसी इंटर नेट सेवा जिसमें प्रोवाइडर और सेवा यूजर्स के बीच कोई फिजिकल इंटरफेस नहीं हो ता है आॅनलाइन न्घ्यूज सब्स क्रिप्शन को सप्लाई आॅफ इमे जेज, टेक्ट और डेटाबेस उप लब्ध कराने के लिए सेवाओं की सब कैटेगरी में शामिल किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। ऐसे में जी एसटी काउंसिल की बैठक में डिजिटल न्यूज सब्सक्रिप्शन पर जीएसटी रेट्स को लेकर समीक्षा नहीं की गई जिसकी सबको उम्मीद थीं। जीएस टी काउंसिल बैठक का ऐलान गुड एंड सर्विस टैक्स काउंसि ल की अगली बैठक में जीएस टी रेट्स से लेकर कई चीजों पर चर्चा हो सकती है सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय डि जिटल न्यूज सब्सक्रिप्शन पर लागू वस्तु एवं सेवा कर (जी एसटी) दरों की समीक्षा कर सकता है। जानकारी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को डिजिटल न्यूज सब्सक्रिप्शन पर जीए सटी रेट कम करने की सिफा रिश की थी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी काउंसिल की 54 वीं बैठक-कई अहम फैसलों का आगाज किसी को राहत तो कोई आहत जीएसटी काउंसिल की बैठक में महत्व पूर्ण फैसलों के दूरगा मी सका रात्मक परिणाम होंगे धार्मिक यात्राओं शैक्षणिक संस्थानों कैंसर दवाओं व नमकीन स्नै क्स सहित अनेक वस्तुओं सेवा ओं में जीएसटी की 54वीं में बैठक में राहतों आहतों को रेखांकित करना जरूरी है।

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