(राममिलन शर्मा) लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न जनपदों से डिप्थीरिया संक्रमण की खबरे आ रही हैं। इसी क्रम में महानिदेशक परिवार कल्याण डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने 42 जनपदों के सम्बन्धित अधिकारियो को निर्देश दिए हैं इन जिलों के चयनित ब्लाॅक में अभियान चलाकर विद्यालयों में टिटेनस और डिप्थीरिया (टीडी) व डिप्थीरिया, परट्युसिस तथा टिटेनस (डीपीटी) के टीके लगाये जाएँ। परिवार कल्या ण महानिदेशक ने बताया कि डिप्थीरिया जिसे गलघोंटू कहा जाता है, संक्रामक बीमारी है। इसलिए विद्यालयों में अभियान चलाकर बच्चों को टीका लगाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सभी जनपदों के जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह अपने जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ मिलकर विद्यालयों में टीकाकरण की कार्ययोजना तैयार कर लें। इसके आलावा सभी एएनएम को अपने- अपने कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले विद्यालयों की सूची बनाने का निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। अभियान के दौरान सभी विद्यालयों में पांच वर्ष की आयु के बच्चों को डीपीटी-2 का बूस्टर, 10 वर्ष की आयु के बच्चों को टीडी-10 का टीका तथा 16 वर्ष की आयु के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगा या जायेगा। अभियान शुरू होने से पहले आशा और एएनएम द्वारा शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अभिभावकों को मोबिला इज किया जायेगा।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय गुप्ता ने बताया की यह अभियान सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में चलाया जायेगा। डिप्थीरिया कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया के कारण होती है। यह नाक और गले की लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करती है। संक्रमित होने के दो से चार दिनों के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलती है। इस बीमारी से बच्चे ही नहीं वयस्क भी प्रभावित होते हैं।
ऐसे लोग जिन्हें इसका टीका नहीं लगा है या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ डिप्थीरिया का संक्रमण है या जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और पांच साल से छोटे बच्चे इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।
इस बीमारी के लक्षण है – बुखार, जुकाम, सिर में दर्द, नाक का बहना, गले की ग्रंथि यों में सूजन, कब्ज और कमजोरी आना। इस बीमारी से बचने के उपाय हैं। डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, 16 -24 माह और पांच से 6 साल की उम्र पर डीपीटी का बूस्टर लगवाना।
इसके अलावा 10 और 16 साल की आयु में डिप्थी रिया और टिटेनस (टीडी) का टीका लगवाना। नियमित टीकाकरण के तहत गर्भवती को भी व्यस्क डिप्थीरिया और टिटनेस का टीका लगता है।
अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूर कराएं । यह टीके सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क लगते हैं। प्रत्येक बुधवार और शनिवार को जब भी एएनएम आपके गाँव में टीका लगाने के लिए आयें तो कोई आनाकानी न करें।
अभियान चलाकर विद्यालयों में लगाये जायेंगे टीडी और डीपीटी के टीके
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