जनपद में ढूँढे जा रहे टीबी के मरीज, 20 सितबर तक चलेगा सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान

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(राममिलन शर्मा) लखनऊ। राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी)के तहत घर में छुपे हुए टीबी रोगियों को खोज ने के लिए जनपद में सक्रिय टीबी रोगी खोजी (एसीएफ) अभियान नौ सितम्बर से शुरू हो गया। अभियान के पहले दिन यानि सोमवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डा.ए.के.सिंघल ने क्षेत्र में आकस्मिक भ्रमण कर टीमों द्वारा की जा रही स्क्रीनिंग का निरीक्षण किया। उनके साथ सौमित्र मिश्रा, एसटीएस अभय चन्द्र मित्रा तथा एसीएफ में लगी टीम और सुपरवाइजर थे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एसीएफ नौ से 20 सितम्बर तक लखनऊ सहित सभी 75 जनपदों में चलेगा। यह अभियान जनपद की 20 फीसद आबादी को अच्छादित करेगा अर्थात जनपद की कुल आबादी 56 लाख है इसका 20 फीसद यानि 12 लाख की आबादी में यह अभियान सोमवार से शुरू हो गया है। अभियान के पहले दिन एक लाख से अधिक जनसँख्या की टीबी की स्क्रीनिंग की गयी।
एसीएफ के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र वार घर -घर जाकर टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।
यह अभियान ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की हाई रिस्क आबादी जैसे मलिन बस्तियां, सब्जी मंडी, अनाथालय, वृद्धा श्रम, मदरसा, नवोदय, कारा गार, साप्ताहिक बाजार, नवो दय विद्यालय, खादों, स्टोन क्रेशर में चलेगा। इसके साथ ही डायबिटीज और एचआइवी पीड़ितों की भी टीबी की जाँच की जाएगी। अभियान को स फल बनाने के लिए 455 टीमें और 91 सुपरवाइजर तैनात किये गए हैं। हर टीम में दो स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं इस तरह से इस अभियान में कुल 1365 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं।
टीबी मरीजों का लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग की जा रही है और टीबी की पुष्टि होते ही पीड़ित की डायबि टीज की जांच, दवाओं के प्रति संवेदनशीलता की जाँच (यूडीएसटी) और एचआईवी की जल्द से जल्द जाँच कर, विवरण निक्षय पोर्टल पर चढ़ा या जायेगा। इसके साथ ही 72 घंटे के भीतर मरीज का इलाज शुरू करना सुनिश्चित करते हुए उसके बैंक खाते का विवरण भी निक्षय पोर्टल पर चढ़ाया जायेगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि टीबी को भ्रांतियों के रहते लोग इसे खुलकर बताते नहीं हैं। इसके साथ ही लक्षणों के बारे में भी जानकारी न होने के कारण लोग इधर उधर इलाज कराते हैं जिसके परिणाम नकारात्मक होते हैं। इसलिए एसीएफ के तहत लक्षित क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लक्षणों के बारे में पूछते हुए टीबी मरीज की पहचन करेंगे। इसलिए जब भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर पर आयें तो उनका सहयोग करें और यदि घर के किसी सदस्य को लम्बे समय से खांसी बुखार आ रहा है तो उसे बताएं। टीबी की जाँच और इलाज स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क है।
क्षय रोग के लक्षण हैं, जिनके आधार पर संभावित टीबी मरीज ढूंढे जा रहे हैं –
– दो हफ्ते से ज्यादा खांसी और बुखार रहना
– बलगम में खून आना
– वजन का लगातार कम होना
– भूख न लगना
– रात में पसीना आना
– गले में गाँठ होना
– महिलाओं में बांझपन की समस्या

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