(करण मुवाल) पुरानी अनाज मंडी में श्री सिद्वि विना यक सेवा समिति द्वारा 9वां गणपति उत्सव मनाया जा रहा है। इस बार गणपति उत्सव में आयोजकों द्वारा करवाई जा रही कथा का रसपान अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता वृंदावन वाले आचार्य राजेंद्र महाराज के मुखारविंद से हो रहा है। पहले दिन की कथा में कथावाचम आचार्य राजेंद्र महाराज ने कहा कि श्री गणेश चतुर्थी में श्री शुभ लाभ सहित गणेश की पूजा करनी चाहिए। बुद्वि के देव गणेश देवताओं के समूह के भी अध्यक्ष हंै। इसलिए गणेश महाराज को गणध्यक्ष भी बोला जाता है। उन्होंने आगे कहा कि भक्ति ज्ञान वैराग्य तीनों की त्रिवेणी श्रीमद्भावत कथा में समाहित है। जब राष्ट्र समाज में कुरीतियां या फिर बुराइयां फैलती है तो हमें अ ध्यात्मिक उर्जा प्राप्त करने के लिए भारतीय गं्रथों का आश्रय लेना होता है। आज के समय में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा भ्रमित है। क्योंकि हम सब लोग अपने वास्तिक धर्म को भूलते जा रहे हैं। जब- जब समाज में समाज में पाश् चात् कर चल (सभ्यता) ने अपना पैर फैलाया तब-तब समाज का युवा भटका है। इसलिए सनातन धर्म में अपने से बड़ों के प्रति सम्मान और छोटो के प्रति प्रेम व समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का ज्ञान भरपूर है। उन्होंने बताया कि भक्ति के माध्यम से परमा त्मा को बुलाया जा सकता है। भागवत कथा की शुरू आत में कथावाचक ने भक्ति के फुल, ज्ञान, वैराग्य, दोष और सदगुरु नारद के द्वारा दोबारा भागवत के प्रभाव से कलयुग का नष्ट होने के बारे में बताया और साथ ही कहा कि फिर सनातन धर्म की स्था पना हुई। समिति के प्रधान कैलाश सिंगला व संयोजक विनोद मंगला ने बताया कि 6 सितंबर से उत्सव का प्रारंभ हो चुका है। यह उत्सव 14 सितंबर तक मनाया जाएगा। उत्सव के बीच में ही राधा अष्टमी जैसे कार्यक्रम भी करवाए जाएंगे। समिति पदा धिकारियों ने शहर और आस पास के लोगों से अपील की कि वह उत्सव के दौरान होने वाली इस श्री मदभागवत कथा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं और पुण्य के भागी बनें। इस मौके पर पूर्व प्रधान नरेश जैन, कैशियर जयपाल बंसल, सलाहकार देवीराम गर्ग, विकास मित्तल, सतीश बंसल, राजेश बाता, पवन मित्तल व जितेंद्र जिंदल मौजूद रहे।
परमात्मा की भक्ति बिना मनुष्य का जीवन अधूरा -आचार्य राजेंद्र शास्त्री महाराज
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