एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर भारत कुछ वर्षों पूर्व से जिस तरह दुनियां के परिदृश्य में तीव्र गति से आ रहाहै व भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष सहित केंद्रीय मंत्री जिसजिस तरह वैश्विक स्तरपर दुनियां के देशों में आतिथ्य, आमंत्रण व्यापार व्यवसाय प्रोद्योगिकी के विस्तार हेतु बैठके, संगोष्ठी, सम्मेलन करने जा रहे हैं उस से भारत के अनुसंधान नवा चार समावेशित उत्कृष्टता के लाभों में अत्यंत वृद्धि हो रही हे और हम अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता लाने में सफल हुए हैं। यह बात आज हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि माननीय राष्ट्रपति बीती 05 से 10 अगस्त 2024 तक 6 दिवसीय 3 देशों, फिजी न्यूजी लैंड तिमोर तेस्त यात्रा किए हैं, जिसमें न्यूजीलैंड में अंतर राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में भाग लेकर सम्मेलन को संबोधित भी किया, जहां विश्व को संदेश दिया कि शिक्षा में सामाजिक परिवर्तन व राष्ट्रीय निर्माण की अद्भुत शक्ति है। मेरा मानना है जो सीधे देश को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्व पूर्ण भूमिका अदा करती है। चूंकि न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में भारत को सम्मानित देश के रूप में चुना गया है, इसलिए आज हम पीआईबी मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस साइकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वैश्विक स्तरपर प्रति स्पर्धा क्षमता को बढ़ावा, बहू विषयक शिक्षा, शिक्षण परि दृश्य में व्यापक बदलाव लाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य है।
साथियों बात कर हम मान नीय राष्ट्रपति द्वारा न्यूजीलैंड अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करने की करें तो न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के दौरान पूरी दुनियां को अहम संदेश दिया। उन्होंने कहा,शिक्षा हमेशा मेरे दिल के करीब रही है। मैंने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव किया है। 21 वीं सदी के भारत में शिक्षा प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा ने विभिन्न क्षेत्रों को ऐसे नेता दिए हैं जो न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में योगदान दे रहे हैं। शिक्षा सा माजिक परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण का माध्यम है। भारत सरकार ने देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए है।
माननीया राष्ट्रपति ने अप ने अगले कार्यक्रम के अंतर्गत न्यूजीलैंड अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन’ को संबोधित किया, जहां इस वर्ष भारत को ही सम्मानित देश। चुना गया है। इस अवसर पर माननीया राष्ट्र पति ने अपने संबोधन के दौ रान ज्ञान की खोज करने की समृद्ध भारतीय परंपरा और शिक्षा के क्षेत्र में हुई समका लीन प्रगति के बारे में विस्तार से बताया जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी शामिल है जिसका उद्देश्य बहु-विषयक शिक्षा, गहन सोच और वैश्विक स्घ्तर पर प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ावा देकर भारतीय शिक्षा परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड अ नुसंधान एवं नवाचार, समावे शिता और उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। अनगिनत भारतीय विद्यार्थी न्यूजीलैंड के विभि न्न संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राष्ट्र पति ने विशेषकर आर्टिफिशि यल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग, व्यावसायिक व कौशल -आधारित प्रशिक्षण, जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययन, सां स्कृतिक आदान प्रदान कार्य क्रमों, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्रों में दोनों देशों के सं स्थानों के बीच और भी अधि क शैक्षणिक आदान-प्रदान एवं परस्पर सहयोग को प्रोत्सा हित किया। इस बैठक के दौरान दोनों राजनेताओं ने भारत एवं न्यूजीलैंड के बीच गर्मजोशीपूर्ण व मैत्रीपूर्ण सं बंधों की सराहना की और वि भिन्न क्षेत्रों में परस्घ्पर सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने विशेष कर व्यापार और कारोबार के माध्यम से पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग और साझेदा रियां सुनिश्चित करके भारत -न्यूजीलैंड आर्थिक संबंधों के दायरे को व्यापक बनाने के प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
साथियों बात अगर हम न्यूजीलैंड भारत मजबूत जुड़ाव में शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में अवसरों संबंधी संदेश की तरह तो,इस अवसर पर अपने संबो धन में माननीया राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड ने पिछले कुछ वर्षों में गर्मजो शीपूर्ण और मैत्रीपूर्ण जुड़ाव विकसित किया है, जो लोक तंत्र और कानून के शासन में निहित साझा मूल्यों पर आधा रित है। दोनों ही देश विवि धता और समावेशिता को विशेष महत्व देते हैं जो हमारे समाज के बहु सांस्कृतिक ताने-बाने में बिल्कुल स्पष्ट है। माननीया राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य पर एक नजर डालने पर यह स्पष्ट हो जा ता है कि न्यूजीलैंड के साथ हमारे जुड़ाव को मजबूत करने और परस्पर सहयोग के नए रास्ते तलाशने की अपार सं भावनाएं हैं आर्टिफिशियल इंटेलि जेंस, हरित प्रौद्योगिकी, कृषि प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष की वाणि ज्यिक खोज के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए अपार अवसर हैं। माननीया राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि वैश्विक क्षेत्र में भारत और न्यूजीलैंड ने जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार मिलकर काम किया है। राजकीय यात्रा के दौरान दोनों राजनेताओं के बीच अभूतपूर्व गर्मजोशीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संवाद से उनके बीच विशेष जुड़ाव और आत्मीयता सामने आई। गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो इस पद पर आसीन होने वाली माओरी मूल की प्रथम महिला हैं, जब कि माननीया राष्ट्रपति जनजा तीय समुदाय से भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं। दोनों राजनेताओं की शिक्षा के क्षेत्र में भी समान रुचि और अनुभव है।
साथियों बात अगर हम राष्ट्रपति के तीनों देशो की यात्रा के महत्व की करें तो, विदेश मंत्रालय में सचिव ने नई दिल्ली में बताया कि राष्ट्र पति द्रौपदी मुर्मु बीती 5 से 10 अगस्त तक 3 देशों फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर लेस्ते की यात्रा की। भारत के राष्ट्र पति की फिजी और तिमोर लेस्ते की यह पहली यात्रा थी। उन्होंने कहा कि एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत दक्षिण- पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने विशेष रूप से घ्यान केन्द्रित किया है। ये तीनों देश भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत आते है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत और फिजी के बीच राजनयिक संबंधो को 78 वर्ष पूरे हो गये हैं। भारत, फिजी का प्रमुख विकास भागी दार रहा है। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कहा कि एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाते हुए। राष्ट्रपति न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की तीन देशों की यात्रा पर रवाना हुईं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। बता दें कि राष्ट्रपति यात्रा के पहले चरण में फिजी में रहेंगी। राष्ट्रपति मुर्मु फिजी के राष्ट्रपति कटोनिवेरे और प्रधानमंत्री सितिवनी राबुका के साथ द्विपक्षीय बैठकें क रेंगी। इसके अलावा राष्ट्रपति फिजी की संसद को संबोधि त करेंगी। उनका भारतीय स मुदाय के लोगों के साथ बात चीत करने का भी कार्यक्रम है।
साथियों बातें बात अगर हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रुपी अनमोल दस्तावेज की करें तो, वैश्विक स्तरपर आदि अनादि काल से भारतीय बौ द्धिक क्षमता का लोहा हर देश मानता है, जिसका उदाहरण हम विश्व की बड़ी कंपनियों के अनेक सीईओ भारतीय मूल के हैं। इसपर भी सोने पर सुहागा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के रूप में एक अनमोल दस्तावेज भारत को 3 वर्ष पूर्व मिला था। वैश्विक स्तरपर दुनियां के हर देश में उसके विकसित होने के मानदंड रूपी पहियों में शिक्षा भी एक महत्व पूर्ण स्थान रखता है, जो भारत में आदि अनादि काल से उस की मिट्टी में ही अदृश्य रूप से कूट कूट कर भरा है। यानें जिसका जन्म भारत की भूमि पर हुआ है उसनें पूरे विश्व में इतिहास रचा है, चाहे पूर्व पीढ़ियां ही क्यों ना हो उनका वह पैतृकगुण आगेकी पीढ़ियों में भी समाता रहता हैजिसके हम कई उदाहरणों में से अभी दो दिन पूर्व का भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स के रूप में दे सकते हैं और रामायण महाभारत गीता जैसे अनेकों ग्रंथों के रचयिताओं के रूप में भी दे सकते हैं। शिक्षा को नई शिक्षा नीति 2020 में एक सूत्र में बांधा गया है जिसमें हर सूत्र की कड़ियों को उचित समय पर खोला जाता है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इस का विश्लेषण करें तो हम पाएं गे कि भारत के राष्ट्रपति का न्यूजीलैंड से विश्व को संदेश- शिक्षा में सामाजिक परिवर्तन व राष्ट्र निर्माण की अद्भुत शक्ति न्यूजीलैंड अंतर राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में भारत को सम्मानित देश चुना गया। वैश्विक स्तरपर प्रति स्पर्धा क्षमता को बढ़ावा, बहू विषयक शिक्षा से शिक्षण परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाना, राष्ट्री य शिक्षा नीति का उद्देश्य है।
वैश्विक स्तरपर प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ावा, बहू विषयक शिक्षा से शिक्षण परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य है
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