(अमित कुमार प्र0 सम्पादक)
आर्य समाज नरवाना संचा लित आर्य प्रतिनिधि सभा दयानंद मठ रोहतक हरयाणा के द्वारा आज श्रावणी पर्व पर वेद प्रचार एवं चतुर्वेद शतकम परायण महायज्ञ के द्वितीय दिन की शुरुआत की गई। इसकी शुरुआत पुरोहिती मिथिलेश शास्त्री के द्वारा हवन यज्ञ से की गई। जिसमें आज के यजमान यशस्वी प्रधान चंद्रकांत आर्य सह पत्नी मंजू शर्मा आर्या के साथ उप स्थित हुए। महान आर्य समाज भजनों उपदेशिका अंजली आर्या के द्वारा अच्छाई और बुराई पर प्रकाश डाला गया। आचार्य प्रबुद्ध जी ने चरित्र निर्माण पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का चरित्र ही चला जाता है तो उसका बुनियादी ढांचा ही हिल जाता है और जीवन में सब कुछ कमाया हुआ यश खत्म हो जाता है। आचा र्य अग्निवेश ने भी बताया कि जीवन में संकल्प और चरित्र निर्माण जीवनपर्यंत चलता है जिसके कारण हम समाज में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जीवन जीते हैं।
उन्होंने बताया कि बुद्धि मान बनने के लिए हमें ईश्वर की शरण में जाना पड़ेगा क्योंकि ईश्वर सभी गुणों की खान है। इसके बाद पुरोहित मिथिलेश शास्त्री ने शांति पाठ किया। इस अव सर पर धर्म पाल आर्य, वेदपाल आर्य, ललित आर्य, राजबीर आर्य, मोहनलाल आर्य, किताब सिंह आर्य, मास्टर बलबीर आर्य, डा0 प्रताप सिंह आर्य, प्राचार्य मीना आर्या, प्राचार्य मनोज कुमार आर्य तथा आर्य कन्या महाविद्यालय का समस्त स्टा फ और आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का समस्त स्टाफ तथा दोनों स्कूलों के बच्चे उप स्थित रहे। इसके बाद बच्चों को प्रसाद वितरित किया गया।
वेद प्रचार एवं चतुर्वेद शतकम परायण महायज्ञ के द्वितीय दिन की हुई शुरुआत

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