पिताजी, आपने अपने संघर्षों का सारा फल हमें दे दिया, पर हमें एहसास होने में देर लग गई! यह पल आने से पहले पिता का सम्मान करें

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time15 Minute, 11 Second

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर करीब करीब हर देश में मान वीय संबंधों के परिवार में,एक ऐसा व्यक्तित्व सदस्य होता है, जिसके कर्तव्यों, जिम्मेदारि यों, संघर्षों, त्याग, बलिदन और कुर्बानियों पर उसी के परिवार खास करके उनके बेटे बेटियों का ध्यान नहीं होता, मातृत्व के कारण उनकी मां का भी वजनदार रूख अपनी औलाद की तरफ हो जाता है, ऐसे व्यक्तित्व हैं! पिता! जी हां, मेरा ऐसा मानना है कि यह करीब करीब हर घर की कहानी बन चुकी है। हम प्रिंट इलेक्ट्रानि क व सोशल मीडिया में अ क्सर बड़े-बड़े घरानों, परिवारों में टकराहट के दंभ में पिता को झुलस्ते सुने हैं, वही पिता जो अपने बच्चों अपने को अ पनी उंगली पड़वाकर दुनियां दिखाता है, गोदी में लेकर स्कूल में प्ले ग्रुप,नर्सरी,जूनियर केजी, सीनियर केजी से लेकर इंजीनियर डाॅक्टर वकील सी ए बनाने में अपने संघर्षों का सारा फल उसमें लगा देता है और अपने बच्चों को बुलंदियों पर पहुंचा देता है, वही बच्चे आधुनिकता की आंधी में बह कर गांव से शहर व शहर से विदेश जाकर बस जाते हैं, या फिर पारिवारिक मनमुटा व आने पर इस पिता से ही कहते हैं, तुमने हमारे लिए किया ही क्या है? जो हमारे ऊपर खर्च किया है वह लौटा देंगे! और दूसरी तरफ, वह भी परंतु कम बच्चे हैं जो पिता से बहुत सजकता से बॉन्डिंग रखते हैं, यह समझते हैं कि हमारे परिवार को सुरक्षित रखनें में संघर्षों के बोझ तले दबे पिताजी को हमारी जरू रत है,आखिर वे यह सब हमारे लिए ही तो कर रहे हैं। ऐसी सोच रखने वाले बच्चों को शाबाश!! तुम अपने जीवन की जंग जीत गए। जिम्मेदारि यों, जवाबदारियों को निभाने वाले अनमोल व्यक्तित्व पिता है। चूंकि आज के आधुनिक युग में यह अक्सर सुनने को मिलता है कि पिताजी, आपने अपने संघर्षों का सारा फल हमें दे दिया, पर हमें एहसास होने में देर लग गई, यह पल आने से पहले पिता का सम्मा न करें, किसी एक सज्जन ने आज 7 अगस्त 2024 शाम को अरुण व्हाट्सएप ग्रुप पर एक संत कबीर का इमेज डाला जिंदा बाप कोई ना पूजे मरे बाद पुजवाया। मुट्ठी भर चावल लेके कौवे को बाप बनाया।। बस इसी दोगे को प्रोत्साहन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए मैं इस विषय को चुना। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी व मेरी स्वयं की निजी सोच के आधार पर इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनियां में मेरी पहचान आपसे है पिता जी, जब भी आप मेरे साथ होते हो तो ऐसा लगता है जैसे खुदा मेरे साथ है।
साथियों बात अगर हम पिता के महत्व की करें तो, एक पिता पहले अपने परिवार के बारे में सोचता है और फिर अपने बारे में। एक पिता का काम मंच के कलाकार की तरह होता है, जिसकी मेहनत से लोग अनजान रहते हैं। आमतौर पर लोग नाटक में मंच पर काम करने वाले अभिनेता की अहमियत और मेहनत देखते हैं, जबकि वा स्तव में पर्दे के पीछे काम क रने वाले लोग अधिक महत्व पूर्ण होते हैं। वैसे ही हमारे जीवन में पिता का महत्व पर्दे के पीछे भूमिका की तरह है। पिता की डांट के पीछे भी उनकी चिंता और प्यार छुपा होता है, जिसे बहुत कम बच्चे समझ पाते हैं। बच्चे हमेशा शिकायत करते हैं कि उनके माता-पिता उन्हें नहीं समझते। हालांकि मां अपना प्यार बच्चों को आसानी से जता देती है, जबकि पिता अपने कर्तव्य के माध्यम से प्यार का इजहार करता है, जिसे ज्यादातर बच्चे नहीं समझ पाते। लेकिन वि श्व पितृ दिवस एक ऐसा मौ का है, जो बच्चों को खुल कर पिता से अपने प्रेम और भावनाओं का इजहार करने का मौका देता है। पिता बच्चों की हर इच्छा को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करते हैं। वे हमेशा धैर्यवान रहते हैं। पिता बहुत कुछ सहन करते हैं, भले ही वे शुरू में थोड़ा परेशान हों, लेकिन वे हमेशा धैर्य और प्यार दिखाते हैं।
साथियों बात अगर हम पिता के बारे में ग्रंथो में वचनों की करें तो, पुराणों में जिक्र मिलता है – सर्वदेव मयः पिता। यानी सभी देवता पिता में हैं पिता ही हमें बनाते हैं, सिखाते हैं और हमारा निर्माण करते हैं। पिता का आभार व्यक्त करने के लिए पिता दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों में लिखा है – पिता को सही मायने में सम्मान और खुश करने के लिए क्या करना चा हिए।
सर्वत्र जयमन्विच्छेत, पुत्रा दिच्छेत् पराभवम।
पिता चाहते हैं कि उनके सारे कीर्तिमान संतान तोड़ दें, ऐसे में उन्हें सबसे ज्या दा खुशी तब मिलती है जब संतान पिता का सिर गर्व से ऊंचा करे, पिता की दी हुई सीख और मार्गदर्शन को जी वन में उतार लिया जाए तो संतान संस्कारी और सफल हो सकती है। सर्वतीर्थमयी माता सर्वदेवमयः पिता। मातरं पितरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूज येत।। अर्थात – माता सर्वती र्थ मयी और पिता सम्पूर्ण देव ताओं का स्वरूप हैं इसलिए सभी प्रकार से यत्नपूर्वक माता-पिता का पूजन करना चाहिए. जो माता-पिता की प्रदक्षिणा करता है, उसके द्वारा सातों द्वीपों से युक्त पृथ्वी की परिक्रमा हो जाती है।
साथियों बात अगर हम पिता के बारे में वैश्विक बुद्धि जीवियों के विचारों की करें तो, रूपिता का प्यार वह सूरज है जो बच्चे के जीवन पर चमकता है, उसे रोशनी और गर्मी से भर देता है। – हेट्टी बैनक्राॅफ्ट
मैंने अब तक जितने भी पुरुषों से मुलाकात की है, उनमें से कोई भी मेरे पिता के बराबर नहीं था, और मैंने कभी किसी अन्य व्यक्ति से इतना प्यार नहीं किया। हेडी लैमर, वह बुद्धिमान पिता है जो अपने बच्चे को जानता है। – विलियम शेक्सपियर
एक अच्छे पिता का कोई विकल्प नहीं है। रीड मार्खम, पिता का हृदय प्रकृति की उत्कृष्ट कृति है। – एंटोनी फ्रेंकोइस प्रीवोस्ट
पिता सबसे साधारण व्यक्ति होते हैं जो प्यार से नायक, साहसी कहानीकार और गीत गायकबन जाते हैं। – पाम ब्राउन,
एक पिता सौ स्कूलमास्ट रों से भी अधिक होता है। – जाॅर्ज हर्बर्ट
एक पिता आपको यह नहीं बताता कि वह आपसे प्यार करता है। वह आपको दिखाता है। – दिमित्री मेरेज कोवस्की,
जब आप किसी पिता से पूछेंगे कि बच्चों के बाद जीवन कैसा होता है, तो वह शाय द बस बड़बड़ाएगा – रयान रेनाॅल्ड्स,
हर आदमी में एक छोटे लड़के जैसी कोई चीज होती है। और हर महिला में कहीं न कहीं उसके पिता की छवि होती है। – सिगमंड फ्रायड
एक पिता अपनी जीविका कमाने के लिए जो करता है, वह उसे एक अच्छा पिता नहीं बनाता, बल्कि वह जो खुद को देता है, वही मायने रखता है। – हाॅवर्ड हेंड्रिक्स
मेरे पिता कहा करते थे कि जो आप बनना चाहते थे, उसके लिए कभी देर नहीं होती। और उन्हें यह बात पता होनी चाहिए। जब वे मेरी उम्र के हुए, तब तक वे मुझसे दुगुनी उम्र के हो चुके थे। – चार्ल्स वड्सवर्थ
मेरे पिता ने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया जो कोई भी किसी अन्य व्यक्ति को दे सक ता है, उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। – जिम वाल्वानो
आप हीरो नहीं बनाते, आप बेटों को पालते हैं।और अगर आप उनके साथ हीरो की तरह व्यवहार करेंगे, तो वे हीरो बन जाएंगे। – वाल्टर एम. शिर्रा जूनियर,
एक बच्चे के जीवन में पिता की भूमिका अपूरणीय है।दृ जोसेफ आर. बिडेन, यह मांस और रक्त नहीं बल्कि हृदय है जो हमें पिता और पुत्र बनाता है। – फ्रेडरिक वाॅन शिलर
साथियों बात अगर हम कबीर के दोहे जिंदा बाप कोई ना पूजे, मरे बाद पुजवाया। मुट्ठी भर चावल लेके, कौवे को बाप बनाया। इसको समझ ने की करें तो। प्रतिवर्ष पिता दिवस भी मनाया जाता है, यह हमें पिताओं को यह दिखाने के लिए प्रेरित करता है कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं। पिताओं का जश्न मनाकर, हम एक ऐसे भविष्य की आशा करते हैं जहाँ पिता और बच्चे एक -दूसरे का समर्थन करते हैं। पिता हमें ज्ञान प्रदान करने और मार्गदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यह हमारे जीवन में उनकी भूमिका को पहचानने वाला है। पिता और पिता जैसी शख्सियतों के योगदान की सराहना कर ना चाहिए। बच्चे के जीवन को आकार देने में पिता महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही मूल्यों को विकसित करने से लेकर अपने बच्चों को स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली विकसित करने में मदद करने तक, एक पिता अपने जीवन के विभिन्न चरणों में बच्चों का समर्थन करता है और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है। तो, हर पल ऐसे ही तमाम पिता को समर्पित है। ऐसे तो भारतीय समाज में बच्चों के लिए पिता हर दिन खास होता है, लेकिन अगर आप पिता दिवस के दिन अप ने पिता के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो उन्हें कहीं घुमाने ले जाएं, घर में इस दिन वो खाना बनवाएं जो उन्हें अच्छा लगता हो। बचपन से पिता ने हमारे लिए कपड़े खरीदे, आज हम पिता के लिए कुछ अच्छे कपड़े खरीद सकते हैं। माता के साथ उन्हें एक अच्छे हॉलिडे पर भेज सकते हैं। इसके अलावा अगर हम छात्र हैं तो पिता दिवस के दिन अपने पिता से एक वादा कर सकते हैं कि आने वाले समय में हम उनका नाम रौशन करेंगे और कड़ी मेहनत कर के कुछ बन के दिखाएंग। वहीं अगर हमारी लेखनी अच्छी है तो इस दिन हम अ पने पिता के लिए कुछ अच्छा लिख सकते हैं और उन्हें एक कार्ड के रूप में दे सकते हैं। इससे उन्हें भी अहसास होगा कि वो हमारे लिए क्या अहमि यत रखते हैं।
साथियों बात अगर हम बच्चों के साथ पिता के रिश्तों व बाॅन्डिंग की करें तो,पिता के साथ एक बच्चे का बहुत ही खूबसूरत रिश्ता होता है। मां की तरह पिता भी अपनी बच्चे की देखभाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इस लिए एक बच्चे की लाइफ में उसके पिता की जगह कोई नहीं ले सकता। वह अपने बच्चे की हर खुशी को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। सही मूल्यों को विकसित करने से लेकर अपने बच्चों को स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली विक सित करने में मदद करने तक, एक पिता अपने जीवन के विभिन्न चरणों में बच्चों का समर्थन करता है और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है।
तो, ये दिन ऐसे ही तमा म पिता को समर्पित है। हम हमेशा मां की बात ज्यादा करते हैं और पिता की बात कम। पिता के प्रति हमारे मन में थोड़ा डर होता है जो कि मां के लिए बिलकुल नहीं होता। वजह चाहे डर हो या सम्मान पिता से बच्चे थोड़ी दूरी बना लेते हैं जबकि मां के साथ ये दूरी कभी नहीं होती। मां ने भले ही आपको पूरा जीवन दिया हो तो पिता ने भी आपको बहुत कुछ दिया है। हर एक पिता ने अपने सारे संघर्ष का फल अपने बच्चे को दिया है, इन्हीं विचारों और भावनाओं से जुड़ा हुआ दिन है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जिंदा बाप कोई ना पूजे मरे बाद पुजवाया।मुट्ठी भर चावल लेके कौवे को बाप बनाया।। दुनियां में मेरी पह चान आपसे है पिताजी पिता जी, जब भी आप मेरे साथ होते हो, तो ऐसा लगता है जैसे खुदा मेरे साथ है।
पिताजी, आपने अपने संघर्षों का सारा फल हमें दे दिया, पर हमें एह सास होने में देर लग गई! यह पल आने से पहले पिता का सम्मान करें।

Next Post

’नायगांव आर्नेट गैलेक्सी सोसाइटी में हुआ भगवान शिव लिंग की स्थापना’

(राममिलन […]
👉