एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर जहां एक और विश्व के अने क विकसित देशों व पड़ोसी मुल्कों में राजनीतिक आर्थिक गहमागहमी मची हुई है, व उन समस्याओं से लड़ते हुए भी पूरी दुनियां की नजरे भारत के जश्न ए आजादी 78 वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024, भारत के सबसे बड़े महापर्व, जिसकी थीम विक सित भारत है, जहां 9 से 15 अगस्त 2024 तक अति तेज जश्नउत्सव से हर घर तिरंगा उत्सव का जोश मचा हुआ है व हर भारतीय के पावन मुख् से यही निकल रहा है, मेरा भारत मेरा अभिमान, भारत देश महान, के आगाज पर दुनियां की नजरें लगी हुई है, व भारतीयों के उत्साह को देखकर टकटकी नजरों से भारतीय उत्साह व विकास की गाथा को पूरी दुनियां देख रही है। स्वतंत्रता समारोह में पंचायती राज संस्थाओं व 400 महिला प्रतिनिधियों को जीवन साथियों के साथ आमंत्रित किया गया है। पूरा भारत 78 वेंस्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 व हर घर तिरंगा के रंग में रंग कर झूम उठा है। जहां एक ओर 13 अगस्त 2024 को हर राज्य के हर घर तिरंगा अभियान की रैलियां यात्राएं मानवीय चैन बनाकर उपराष्ट्रपति से लेकर पीएम गृहमंत्री व अनेक केंद्रीय मंत्री शुभारंभ में व्यस्त हैं, वहीं 14 अगस्त 2024 को देर शाम 7 बजे माननीय राष्ट्र पति महोदय द्वारा का आकाश वाणी के पूरे राष्ट्रीय नेटवर्क पर राष्ट्र के नाम संदेश प्रसा रित हो रहा है, वहीं 15 अगस्त 2024 को माननीय प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबो धन करेंगे। परंतु सभी नागरि कों से मेरी अपील है कि, इस सबसे बड़े राष्ट्रीय महापर्व में हम राष्ट्रीय झंडा तिरंगे के सम्मान में दो कानूनों, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने/ उपयोग/प्रदर्शन सम्मान के अपमान के रोकथाम अधि नियम 1971 व भारतीय ध्वज संहिता 2002 का सख्ती के साथ पालन करने की जरूरत है, क्योंकि जिस पर्व का हम जोरदार जश्न मना रहे हैं, उस के ध्वज का सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य है, अन्यथा इसके अपमान या गलती कर ने पर हमें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है, क्योंकि सबसे बड़ा राष्ट्र सम्मान है। चूंकि 78 वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 भारत का सबसे बडा महापर्व विजन वि कसित भारत मना रहे हैं, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अधिनियम 1971 व ध्वज संहिता 2002 दोनों अधिनियमों का पालनकरना जरूरी है, व जश्न ए आजा दी, मेरा भारत मेरा अभिमान, भारत देश महान।
साथियों बात अगर हम तिरंगा फहराने के नियमों व ध्वज संहिता की करें तो, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 19 71 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा संचालित होता है। इसके मुताबिक कोई भी सार्वजनिकध्निजी संस्था या शैक्षिक संस्थान का सदस्य किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। ध्यान रहे कि जब भी राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होगी। अगर कोई झंडे को लंबवत (वर्टिकल) प्रदर्शित कर रहा है तो राष्ट्रीय ध्वज के संदर्भ में केसरिया पट्टी दाईं ओर यानी यह सामने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होगी। 15 अगस्त के मौके पर अगर हम अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाने की सोच रहे हैं, तो देश के हरनागरिक को इसकी अ नुमति नहीं है। गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार सिर्फ इन व्यक्तियों तक ही सीमित है – राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति राज्य पाल और उपराज्यपाल भार तीय मिशन के प्रमुख/प्रधान मंत्री कैबिनेट मंत्री राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री मुख्य मंत्री और राज्य या केंद्र शा सित कैबिनेट मंत्री लोकसभा के अध्यक्ष राज्य सभा के उपा ध्यक्ष लोकसभा के उपाध्यक्ष राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष राज्यों की विधान परिषद के उपाध्यक्ष राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विधान सभाओं के उपाध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश उच्च न्या यालयों के न्यायाधीश। इन बातों का रखें खास ध्यान भारतीय ध्वज संहिता के अ नुच्छेद 2.2 के अनुसार, कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। हालांकि, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए। जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कि या जाए, तो उसे पूरा सम्मा न दिया जाना चाहिए। उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए। आपको खासतौर से ध्यान रखना होगा कि ध्वज जमीन पर या फिर किसी गंदी जगह पर नहीं रखा जाए। नियमों के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और बांटने के लिए नहीं किया जा सकता। ध्वज को जमीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं है। किसी कार्य क्रम में वक्ता की मेज को ढकने या वक्ता के मंच को इससे लपेटा नहीं जा सकता है। ध्वज संहिता के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी अन्य ध्वज या ध्वजों के साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहरा या जाना चाहिए। साथ ही, कटा-फटा या मैला कुचैला राष्ट्रीय ध्वज भी प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर संविधान में सजा का प्रावधान किया गया है। अगर हम उल्टा, कटा फटा या मैला-कुचैला झंडा फहराते पाए जाते हैं, तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान किए गए हैं, जिनके मुताबिक 3 साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं इ सलिए सावधान रहना होगा।
साथियों बात अगर हम स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त 2024 को पंचायती संस्थाओं व 400 महिला प्रति निधियों को आमंत्रण की करें तो,जमीनी स्तरपर लोकतंत्र को सशक्त बनाने और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करने की ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत सरकार ने 15 अगस्त, 2024 को लाल किले में आ योजित 78वें स्वतंत्रता दिव स समारोह में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर)/निर्वाचित प्रति निधियों (ईआर) को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है महिला पंचायती राज प्रतिनिधियों और निर्वाचित प्रति निधियों को नई दिल्ली के जनपथ स्थित डाॅ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह शाम 7 बजे होगा। भारत की नेतृत्व विरासत पर एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए, 14 अगस्त, 2024 की दोपहर को विशेष अतिथियों के लिए पीएम संग्रहालय का दौरा आयोजित किया। यह भारत की लोकतांत्रिक यात्रा और वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के बारे में जानका री प्रदान करेगी।
15 अगस्त, 2024 को ये प्रतिनिधि दिल्ली के लालकिले में मुख्य स्वतंत्रता दिवस स मारोह में हिस्सा लेंगे। इससे इन्हें राष्ट्रीय ऐतिहासिक उत्सव का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा और गर्व और देशभक्ति की भावना का उन्नयन होगा।
साथियों बात अगर हम 14 अगस्त 2024 को माननीय राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संबोधन व 13 अगस्त 2024 को हर घर तिरंगा की अनेक रैलियों के विशाल जश्न उत्स व की करें तो, राष्ट्रपति 14 अगस्त, 2024 78वें स्वतंत्र ता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करेंगी।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने/उपयोग/प्रदर्शन/सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम 1971 व भारतीय ध्वज संहिता 2002 का पालन जरूर करें
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