अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले, उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर डिबेट के आधार पर, वोटर्स का अपनी राय बनाना सराहनीय प्रक्रिया

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तर पर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत नें 04 जून 2024 को अपना निर्णय सुनाया अबबारी दुनियां के सबसे पुराने लोक तंत्र अमेरिका में 05 नवंबर 2024 को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें दो सशक्त उम्मीदवारों में चार चरणों की डिबेट की प्रक्रिया शुरू हुई है, जिसमें 27 जून 2024 को प्रथम चरण की डिबेट शुरू हुई जो भारतीय समय के अनु सार शुक्रवार सुबह 7 से 8 बजे व अमेरिकी समय के अनुसार देर रात्रि 9 बजे शुरू हुई जिसमें 64 साल के बाद इस डिबेट को टीवी स्टूडियो में आगे लाइव कराया गया। मैंने भी इस डिबेट के कुछ अंश टीवी चैनल के माध्यम से देखें जो काफी अहम मह सूस हुए। यह वोटर्स के लिए बहुत सहायक सिद्ध होंगे, क्यों कि विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर डिबेट से एक पूरा विजन झलकता है और पूर्ण पारद र्शिता दिखाई पड़ती है, जिसे पूरे विश्व की मीडिया ने मह सूस किया होगा।
चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 05 नवंबर 2024 को जो बिडेन व डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रथम डिबेट संपन्न हुई दूसरी 10 सितंबर 2024 को होगी इसलिए आज हम मीडि या में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रक्रिया चार चरणों के डिबेट पर आई तथा अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीद वारों के बीच अहम मुद्दों पर डिबेट के आधार पर वोटर को अपनी राय बनाना सराहनीय प्रक्रिया है।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावी प्र क्रिया में चार चरणों के डिबेट को समझने की करें तो, चरण 1 – इसमें पहला चरण प्राइ मरी और काॅकस चुनाव का होता है। हर पार्टी में ऐसे कई लोग होते हैं जो राष्ट्रपति बनना चाहते हैं। प्रत्येक के पास सरकार के काम करने के तरीके के बारे में अपने विचार होते हैं और एक मत वाले लोग एक ही राजनीतिक दल से हो सकते हैं, यहीं पर प्राइमरी और काॅकस की भूमि का सामने आती है। प्राइमरी में पार्टी के सदस्य आम चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं। वहीं दूसरी ओर कॉकस में पार्टी के सदस्य चर्चाओं और मतदान के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन करते हैं। प्राइमरी और काॅकस चुनाव में जो जीतता है वह दोनों पार्टियों की ओर से औपचारिक उम्मीदवार बनता है। इसके बाद प्रत्येक राजनीतिक दल के उम्मीदवार अपने पार्टी सदस्यों का समर्थन जुटाने के लिए पूरे देश में प्रचार करते हैं। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ के औपचारिक रूप से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद शुरू होती हैअपनी-अप नी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीतने वाले दोनों उम्मीद वार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हैं।
चरण 2- अमेरिकी चुनाव के दूसरे चरण में राष्ट्रीय सम्मेलन शामिल है। प्रत्येक सम्मेलन में, राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार एक उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनता है। उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्येक पार्टी अंतिम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करती है। वोटिंग के छह हफ्ते पहले दोनों उम्मीदवारों के बीच टीवी पर राष्ट्रपति पद के लिए तीन बार बहस होती है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति बाइडन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली बहस 27 जून को आयोजित की गई। दो और बहस होनी बाकी है।
चरण 3 – तीनों बहस होने के बाद मतदान की प्रक्रिया होती है जो अमेरिका चुनाव प्रक्रिया का तीसरा चरण होता है। इस चरण में देश भर के हर राज्य में लोग एक राष्टपति और एक उप राष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं। जब लोग अपना वोट डाल ते हैं, तो वे वास्तव में एक ऐसे समूह के लिए वोट कर रहे होते हैं, जिन्हें इलेक्टर कहा जाता है।
चरण 4 – चैथे और अंतिम स्थान पर आता है इलेक्टोरल काॅलेज। दरअसल, अमेरिका के चुनाव में इलेक्टो रल काॅलेज सिस्टम बेहद अ हम है। यह लोगों का समूह होता है जो 538 इलेक्टर्स को चुनता है। जिसे 270 इलेक्टर्स का समर्थन मिल जाता है, वह अमेरिका का राष्ट्रपति बनता है। इलेक्टो रल काॅलेज सिस्टम में, प्रत्येक राज्य को कांग्रेस यानी संसद में उसके प्रतिनिधित्व के आ धार पर एक निश्चित संख्या में इलेक्टर मिलते हैं। आम चुनाव के बाद प्रत्येक इलेक्टर वोट डालता है और जिस उम्मीदवार को 538 इलेक्टो रल वोट में से आधे से अधि क (270) वोट मिलते हैं, वह जीत जाता है। जीत के बाद नव निर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जनवरी 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे।
साथियों बात अगर हम 27 जून 2024 को देर रात्रि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दो उम्मीदवारों के बीच प्रथम चरण के डिबेट की करें तो मीडिया के अनुसार, अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। नवंबर में हो ने वाले चुनाव को लेकर मौ जूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके प्रतिद्वंद्वी पूर्व राष्ट्र पति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीतें गुरुवार को पहली प्रेसि डेंशियल बहस हुई।दोनों ने करीब 75 मिनट तक एक- दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाएऔर निजी हमले भी किए। राष्ट्रपति बाइडन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच दूसरी बहस 10 सितंबर को आयो जित की जाएगी। अमेरिकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेसि डेंशियल बहस एक अहम क ड़ी मानी जाती है। इस बहस में दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे की कमजोरियों को उजागर करने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के छह हफ्ते पहले दो प्रमुख पार्टियों रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवारों के बीच टीवी पर तीन बार बहस होती है। टेलीविजन पर होने वाली बहसें दशकों से राष्ट्र पति चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाती रही हैं। ये मतदाताओं को उम्मीदवारों को परखने के लिए एक मंच होती हैं।
साथियों बात अगर हम 27 जून 2024 को हुई प्रथम चरण के डिबेट के परिणामों के अनुमानों की करें तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को ट्रंप के साथ डिबेट के दौरान बोलते हुए लड़खड़ा गए थे। 81 साल के बाइडन ने कई अनोखे जवाब दिए। वह अरबपतियों और खरबपतियों में भ्रमित हुए। वहीं जब बाइडन अपनी सरकार के कोविड महामारी के दौरान उठाए कदमों का जिक्र कर रहे थे, तभी वह कुछ सेकंड के लिए लड़खड़ा गए और बोल दिया कि हमने मेडिकेयर को हराया। करीब 30 सेकंड तक समझ नहीं आया कि वह क्या बोल रहे हैं। अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल कर ली है।
हालांकि व्हाइट हाउस में दूसरा कार्यकाल पाने के इच्छु क बाइडन की आवाज बहस के दौरान लड़खड़ाती नजर आई, जिससे डेमोक्रेट के शीर्ष नेता यह सोचने को मजबूर हो गए हैं कि क्या मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव से पहले के कठिन महीनों के दौरान शीर्ष पर रह सकते हैं। वहीं रिप ब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्र पति पद के संभावित उम्मीद वार 78 साल के डोनाल्ड ट्रंप ने 90 मिनट की बहस के दौरान शुरुआत से ही बा इडन को कड़ी टक्कर दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की हेल्थ को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। कभी उनकी याददाश्त को लेकर खबरें आती हैं तो कभी वह मंच पर ही सो हो जाते हैं। अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप यही मुद्दा बना रहे हैं कि बाइडेन अब बुजुर्ग हो चुके हैं। प्रेसिडेंशियल डिबेट में भी बाइडेन कुछ देर के लिए फ्रीज हो गए थे तो यह मुद्दा और भी ज्यादा गर्म हो गया। अब रिपोर्ट के जरिए एक खबर सामने आ रही है, जिसमें ब ताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति 4 बजे के बाद ज्या दा थके हुए लगते हैं, वह 4 बजे के बाद काम करने में असमर्थ रहते हैं। एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दिन में 6 घंटे ही ठीक से काम कर पाते हैं। वाइट हाउस के सहयोगियों ने बताया कि 81 वर्षीय बाइडेन आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सबसे बेहतर काम करते हैं। इस समय सीमा के बाद या विदेश यात्रा के दौरान वह कमजोर और थके हुए लगते हैं। अब इस खबर ने फिर से बाइडेन की फिटनेस और हेल्थ को लेकर बहस छेड़ दी है। बाइडेन के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर बहस छिड़ गई है। बाइडेन अभी 81 साल के हैं अगर वह जी तते हैं तो उनका दूसरा कार्य काल लगभग 86 साल में जा कर खत्म होगा। बढ़ती उम्र के कारण उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर अब चिंताएं बढ़ने लगी हैं। डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं। ट्रंप को जवाब देने लिए उनके पास सबसे बड़ा मौका प्रेसिडेंशियल डिबेट का था, लेकिन 90 मिनट की बहस में बाइडेन कई गलतियां करते नजर आए। ट्रंप ने इन मौकों का फायदा उठाते हुए बाइडेन के एक और कार्यकाल को पूरा करने की क्षमता पर सवाल उठाए। इस बहस के एक दिन बाद ही बाइडेन ने उत्तरी कैरोलिना में एक सभा को संबोधित किया, इसमें उन्होंने कई मुद्दों पर ट्रंप को घेरा। हालांकि उन्होंने अपनी हेल्थ को लेकर कुछ लिमिट को भी स्वीकार किया। बाइडे न ने कहा, मैं पहले की तरह आसानीसे नहीं चलता, मैं पह ले की तरह सहजता से नहीं बोलता, मैं पहले की तरह बहस नहीं कर पाता, लेकिन मैं सच बोलना जानता हूं। बाइडेन ने कहा कि यदि उन्हें विश्वास न हो कि मैं पूरे दिल और आत्मा से यह कर सकता हूं तो वे दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 05 नवंबर 2024-जो बाईडेन व डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रथम डिबेट संपन्न, दूसरी 10 सितंबर 2024 को होगी अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रक्रिया चार चरणों के डिबेट पर आई। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर डिबेट के आधार पर, वोटर्स का अपनी राय बनाना सराहनीय प्रक्रिया है।

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