एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। भारत में हैट्रिक 3.0 सरकार के शपथ ग्रहण के दिन से ही पूरे भारत की नजरे जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक व पूर्ण बजट 2024 पर लगी हुई है क्योंकि सत्ता धारी पार्टी अपनी 3.0 सरकार आने के 100 दिनों का विजन बनाया हुआ है, उसमें भारत के हर आम और खास नाग रिकों के लिए कुछ खास तोहफे होंगे ऐसी उम्मीद लगा बैठे हैं, जिसमें मेरा मानना है कि दो बातों की हसरतें सभी को लंबे समय से है,(1)पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ताकि उसके रेट कम हो जाए और यह व्यवस्था बनी रहेगी (2) आयकर टैक्स छूट के स्लैब में बढ़ोतरी। अब बीती दिनांक 22 जून 2024 को जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में पेट्रोल डीजल मामले को तो एजेंडे में ही नहीं लिया गया, जिसपर आम आदमी को निरा शा हुई है। अब देखना है पूर्ण बजट जुलाई 2024 में इनकम टैक्स स्लैब में वृद्धि होती है या नहीं इसपर टैक्स पेयरों की नजरें लगी हुई है। फिर भी कुल मिलाकर जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ रहतें जरूर दी गई है, परंतु मेरा मानना है कि यह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर होगी, उसमें भी शर्तें लगाई गई है, जैसे छात्रा वासको जीएसटी से बाहर तो किया गया है परंतु छात्रों को तीन माह तक वहां रहना होगा राशि 20 हजार तक होगी, ऐसे ही अन्य राहतों की चर्चा हम नीचे पैराग्राफ में करेंगे। चूंकि पेट्रोल डीजल को जीए सटी दायरे में लाने का माम ला लटका है, व आम आदमी निराशा है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिक ल के माध्यम से चर्चा करेंगे, जीएसटी काउंसिल की 53 वीं बैठक, जाली बिलों से टै क्स क्रेडिट लेनें वाले व्यापारियों ध्व्यवसाइयों की नकेल कसी, छात्रों किसानों रेल यात्रियों को तोहफा मिला।
साथियों बात अगर हम बीतें शनिवार दिनांक 22 जून 2024 को देर शाम संपन्न हुई 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के नतीजे की करें तो, बैठक की अध्यक्षता के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस की जानकारी दी और अहम फैसलों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि, सोलर कूकर पर 12 प्रतिशत जीएस टी लगाने को मंजूरी दे दी गई है। देश में बायोमेट्रिक आॅथेंटिकेशन लागू। वहीं, जी एसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध तरी के से पूरे देश में बायोमेट्रि क आॅथेंटिकेशन लागू किया जाएगा। नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई है। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त ने बताया कि आज जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री के साथ प्री बजट कंसल्टेशन किया गया। वहीं, मीटिंग के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी परिषद ने करअधिकारियों के अपी लीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए एक करोड़ रुपये और उच्चतम न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपये की सीमा की सिफारिश की है। जीएस टी से जुड़ी लिटिगेशन को कम करने के लिए कदम उठा या गया है। जीएसटी अधि नियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना, जिसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं, वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए, परिषद ने उन डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जो तामील हो चुकी है। वहीं, छोटे टैक्स पेयर को फा यदा देने के लिए जीएसटी आर 4 फाइल करने कि समय सीमा को जून 30 किया गया है जीएसटीआर 1 में बदलाव करने कि सुविधा दी गई है जीएसटीआर1ए के नाम से नया फाॅर्म लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बायोमे ट्रिक आधार बेस्ड रजिस्ट्रेशन को पूरे देश में लागू करने का फैसला हुआ है। पायलट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के बाद यह लागू किया जा रहा है। हालांकि पूरे देश भर में चरणबद्ध तरीके किया जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर की सिफारिश की है. वहीं, कार्टन पर 12 परसेंट जीएस टी लगाने की सिफारिश की गई है। इससे हिमाचल प्रदे श और जम्मू कश्मीर के सेब उत्पादकों को फायदा मिलेगा स्प्रिंकलर और सोलर कुकर पर 12 फीसदी जीएसटी की परिषद द्वारा सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री ने बड़ी तादाद में जीएसटी नोटिस भेजने पर सफाई दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सेंट्रल जीए सटी विभाग ने सिर्फ 1.96 प्रतिशत टैक्सपेयर्स को हो नोटिस भेजा जो सिर्फ 1 लाख 14 हजार के करीब है। जब कि राज्य सरकारों के जीए सटी विभाग ने 14 लाख से ज्यादा जीएसटी नोटिस भेजे हैं. इसलिए केंद्र सरकार पर जीएसटी नोटिस भेजने का आरोप सरासर गलत है.ये 2 परसेंट से भी कम है। देश में कुल 50.80 लाख जीएसटी पेयर्स हैं। बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर को रेट रेशनलिए शन का अध्यक्ष बनाया गया है। जीएसटी परिषद् ने रेलवे की ओर से आम लोगों को दी जाने सेवाओं पर बड़ा फैसला लिया है। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट लेने के अलावे डाॅरमेट्री, वेटिंग रूम, क्लाॅक रूम और बैट्री आॅप रेटेड वाहनों के इस्तेमाल जैसी सुविधाओं को जीएसटी से बाहर कर दिया गया है। अब ऐसी सुविधाओं पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। छात्रा वास की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी अब जीएसटी नहीं देना होगा। किसी खास समाज की ओर से चलाए जा रहे हाॅस्टल पर भी जीएस टी देय नहीं होगा अगर कोई व्यक्ति वहां 90 दिन लगातार रहते हैं। जीएसटी काउंसिल ने दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए फर्टिलाइजर पर जी एसटी कम करने का अनुरोध जीओएम को भेजा है। वर्तमा न में इस पर 5 प्रतिशत जीए सटी लगाया जाता है और यह क्षेत्र लंबे समय से फर्टिलाइ जर पर जीएसटी से छूट की मांग कर रहा है बता दें कि सितंबर 2021 और जून 2022 में हुई 45वीं और 47वीं बैठ क में जीएसटी काउंसिल ने फर्टिलाइजर पर टैक्स को और कम करने की संभावना पर चर्चा की थी। इस समय उर्वरकों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है, जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18 प्रतिशत की उच्च जी एसटी दर है। उन्होंने कहा कि उर्वरकों पर जीएसटी दर कम करने का प्रस्ताव मंत्रि समूह (जीओएम) को भेज दिया गया है। सितंबर 2021 और जून 2022 में आयोजित 45वीं और 47वीं बैठकों में उर्वरकों पर कर में कमी का मुद्दा जीएसटी परिषद के सा मने रखा गया था हालांकि, उस समय परिषद ने दरों में किसी भी बदलाव की सिफा रिश नहीं की थी। बैठक में सभी तरह के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी को घटाने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में इन पर लगने वाला टैक्स 18 प्रतिशत है। लेकिन बैठक में इसे घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई।
साथियों बात अगर हम जीएसटी काउंसिल की बैठक की सिफारिश को शाॅर्ट में स मझने की करें तो(1) काउंसिल ने सभी सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित करने की सिफारिश की है, चाहे इसमें एकल या दोहरी ऊर्जा स्रोत हो (2) भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को प्रदान की जाने वाली सेवाएं, प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, क्लाकरूम सेवाओं, बैटरी चालित कार सेवाओं को जीए सटी से छूट दी जा रही है (3) शैक्षणिक संस्थानों के बाहर के छात्रों के लिए छात्रा वासों को भी छूट दी जा रही है। आवास सेवाओं की आपूर्ति का मूल्य प्रति व्यक्ति प्रति माह 20, हजार रुपये तक है. ये सेवाएं न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए आपूर्ति की जाती हैं। (4) काउंसिल नेमिल्क कैनस पर एक समान 12 फीसदी की दर निर्धारित करने की सि फारिश की है। काउंसिल ने सभी कार्टन बाॅक्स पर 12 फीसदी की दर निर्धारित की है। फायर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12 फीसदी की दर लागू होगी। सभी सोलर कुकर पर 12 फीसदी जीएसटी दर लागू होगी (5) जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित जीओएम अगली बैठक में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित ग्रुप आॅफ मिनिस्टर की अध्यक्षता बिहार के उप मुख्यमंत्री करेंगे।
साथियों बात अगर हम आम आदमी के पेट्रोल डीजल को जीएसटी दायरे में आने की उम्मीद की करें तो बजट से पहले जीएसटी से जुड़े अहम मुद्दों पर परिषद पर चर्चा हुई इसके अलावा कारोबारियों के लिए कंप, उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में शा मिल किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले ऐसी खबर आई थी कि मोदी सर कार बनती है तो पेट्रोल- डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल किए जाने का काम, नई सरकार के 100 दिन के एजेंडे के तहत आ सकता था वित्त मंत्री ने कहा कि बाकी एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का फैसला लिया गया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी काउंसिल की 53 वीं बैठक-जाली बिलों से टैक्स क्रेडिट लेने वाले व्यापारियोंध्व्यवसाइयों की नकेल कसी-छात्रों किसानों रेल यात्रियों को तोहफा।
जीएसटी काउंसिल की 53 वीं बैठक-पेट्रोल डीजल को जीएसटी दायरे में लाने का मामला लटका-आम आदमी निराश हैट्रिक 3.0 में पहली व जीएसटी काउंसिल की 53 वीं बैठक में पेट्रोल डीजल को जीएसटी दायरे में लाने को एजेंडे में नहीं लेने से आम आदमी निराश।
हैट्रिक 3.0 में पहली व जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में पेट्रोल डीजल को जीएसटी दायरे में लाने को एजेंडे में नहीं लेने से आम आदमी निराश
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