एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर पर पूरी दुनियां में भारतीयों की बौद्धिक क्षमता का लोहा माना जाता है। यही कारण है कि आज हम पूरी दुनियां के विकसित से विकासशील देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों को देखें तो उनके सीईओ मूल भारतीय ही होंगे। अभी हमने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के पद के लिए लड़ने के क्रम में तीन मूल भारतीय उम्मीदवार थेजिनमें निक्की हेली अंतिम क्षण तक डटी रही। अनेक देशों के राज नीतिक प्रमुख भी मूल भारतीय ही है जिसमें ब्रिटेन प्रमुख है, व अमेरिका ब्रिटेन सहित कई देशों के संवैधानिक पदों पर व संसद सदस्य भी मूल भारतीय ही हैं जिससे हम सटीकता से कह सकते हैं कि जहां भारतीय का नाम जुड़ा वहां कुछ खास सफलता का झंडा गड़ना तय है।
चूंकि अमेरिकी नागरिक भारतीय मूल की एस्ट्रोनाॅट सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यान को उड़ाकर स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई है, जो खुशी से झूम उठी है और इतिहास रच दिया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे –
शाबाश सुनीता विलियम्स!
साथियों बात अगर हम अमेरिकी नागरिक भारतीय मूल की बेटी सुनीता विलियम्स के बिते हफ्ते स्पेस स्टेशन में पहुंचने की करें तो, वह बीतें गुरुवार रात 11ः03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने डांस करके अपनी खुशी जाहिर की। बोइंग के स्पेसक्राफ्ट से तीसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं भारतीय मूल की एस्ट्रोनाॅट सुनीता इंटर नेशनल स्पेस स्टेशन (आईएस एस) पहुंचते ही डांस करती नजर आई। भारतीय मूल की एस्ट्रोनाॅट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का स्पेस क्राफ्ट लाॅन्चिंग के 26 घंटे बाद स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे बीतें गुरुवार रात 9ः45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिए क्शन कंट्रोल थ्रस्टर में आई परेशानी के कारण पहली को शिश में यह डाॅक नहीं कर पाया। हालांकि, दूसरे प्रयास में स्पेसक्राफ्ट को स्पेस स्टेश न से डाॅक कराने में सफलता मिली। दोनों एस्ट्रोनाॅट्स बोइं ग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले एस्ट्रोनाॅट बन गए हैं। बोइंग का स्टारलाइनर मिशन बीती दिनांक 05 जून को भारतीय समयानुसार रात 8ः22 बजे लाॅन्च हुआ था। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशनसे यूएलए के एटलस टाॅरॉकेट से लाॅन्च किया गया था। विल्मोर और विलियम्स स्टार लाइनर स्पेसक्राफ्ट और उसके सभी सिस्टम का टेस्ट करने के लिए करीब एक हफ्ते तक स्पेस स्टेशन में रहें।
बोइंग के स्पेसक्राफ्ट एस यूवी-स्टारलाइनर को डिजा इन करने में सुनीता ने भी मदद की थी। इसस्पेसक्राफ्ट में 07 क्रू सदस्य सवार हो सकते हैं। स्पेसक्राफ्ट बनने के बाद सुनीता विलियम्स ने ही इसका नाम कैलिप्सो रखा था। मिशन सफल हुआ तो नासा के पास पहली बार 2 स्पेसक्राफ्ट होंगे अभी अमेरि का के पास इलाॅन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। नासा ने साल 2014 में स्पेसएक्स और बोइंग को स्पेसक्राफ्ट बनाने का काॅन्ट्रैक्ट दिया था। स्पेस एक्स 4 साल पहले ही इसे बना चुकी है। सुनीता के आ ईएसएस पहुंचने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
इसमें उनके स्पेस स्टेशन पहुंचने पर एक घंटी बजती सुनाई देती है। दरअसल, ये आईएसएस की परंपरा है कि जब भी वहां कोई नया अंत रिक्ष यात्री पहुंचता है, तो बा की एस्ट्रोनाॅट्स घंटी बजाकर उसका स्वागत करते हैं।
सुनीत विलियम्स ने आई एसएस के सदस्यों को अपना दूसरा परिवार बताया। उन्हों ने कहा, आईएसएस मेरे लिए दूसरे घर जैसा है। साथ ही उन्होंने शानदार स्वागत के लिए सभी एस्ट्रोनाॅट्स को धन्यवाद भी कहा।
साथियों बात अगर हम सुनीता के अंतरिक्ष में उड़ान भरने के अभियान की करें तो, सुनीता ने उड़ान भरने से पहले मिशन कंट्रोल को संदेश भेजकर कहा था-चलो चलते हैं, कैलिप्सो। हमें अंतरिक्ष ले चलो और वापस ले आओ। सुनीता की मां बोनी पांड्या ने एक मीडिया चैनल को ब ताया कि उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले उनकी बेटी काफी सकारात्मक थी और अंतरिक्ष में उड़ान भरने को लेकर बहुत ही खुश थी। वहीं, नासा ने आज नया अपडेट देते हुए कहा कि सुनीता और बुच विलमोर दोनों कक्षा में स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर शुरुआती परीक्षण करने में कड़ी मेहन त कर रहे हैं। पहले छह घंटे बहुत ही दिलचस्प रहे हैं।
सुनीता विलियम्स का स्टार लाइनर अभियान पांच जून को केप कैनावेरल अंतिक्ष स्टेशन से शरू हुआ। भारतीय समया नुसार यह अभियान रात आठ बजकर 22 मिनट पर शुरू हुआ। यह यान अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में छह जून रात 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंच ना था। ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं। बताया गया है कि बोइंग स्टारलाइनर यान की उड़ान में कई बार, कई वज हों से दरी हुई। आखिरकार, फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से इस यान की रवानगी हुई। इस तरह के मिशन पर जाने वाली सुनीता विलियम्स दुनियां की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गईं हैं। मई 1987 में सुनीता ने अमेरिका की नौसेना अकाद मी से प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद वे अमेरिका की नौसेना से जुड़ीं थीं। 1998 में उन्हें नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था। इ ससे पहले वर्ष 2006 और वर्ष 2012 में सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा बन चुकीं हैं। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स तीसरी बार अपने सहयोगी बैरी बुच विलियम्स के साथ अंतरिक्ष के लिए रवा ना हुई थी।
साथियों बात अगर हम सुनीता विलियम्स के इतिहास रचने की करें तो, भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुईं थी। इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतर राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशनकई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के श्केप कैन वेरल स्पेस फोर्स स्टेशनश् से रवाना हुआ। वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान विलियम्स अंतरिक्ष में ट्रायथलाॅन पूरा करने वाली पहली व्यक्ति बनी थीं। विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं, और वह दो अंतरिक्ष अभियानों-2006 में अभियान 14ध्15 तथा 2012 में 32ध्33 अभियानों का हिस्सा बनीं। उन्होंने अभियान -32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया। अंतरिक्ष यान के विकास में असफल ताओं के कारण बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन में कई वर्षों की देरी हुई। यान बीतें बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष स्टे शन पहुंचा। वे अंतरिक्ष में घू मती प्रयोगशाला में एक सप्ता ह से अधिक समय बिताएंगे।
साथियों बात कर हम बात अगर हम स्टारलाइन का पृथ्वी से स्पेस स्टेशन और वापस पृथ्वी पर आने का सफर जा ननें की करें तो, एटलसाॅट राॅकेट लाॅन्च हुआ। 15 मिनट बाद इसने स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट को रिलीज किया। स्पे स क्राफ्ट के इंजन फायर हुए और ये स्पेस स्टेशन की लग भग 24 घंटे की यात्रा के लिए कक्षा में स्थापित हो गया। स्टारलाइनर हार्मनी माॅड्यूल के आगे वाले पोर्ट पर डाॅक हुआ। अपने स्टे के दौरान क्रू स्टारलाइनर के अंदर जाएगा, हैच बंद करेगा और दिखाएगा कि भविष्य में मलबे के साथ टकराव के रिस्क जैसी स्थि ति में स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित आ श्रय के रूप में काम कर स कता है। विल्मोर और विलियम्स पृथ्वी पर लौटने से पहले लग भग एक हफ्ते तक एक्सपेडि शन 71 क्रू के साथ रहेंगे और काम करेंगे। अनडॉकिंग के बाद, स्टारलाइनर के मैनु अल पायलटिंग का आकलन होगा। चालक दल अनडाॅकिंग से लेकर लैंडिंग तक करीब 6 घंटे बिताएगा। पृथ्वी के वायुमंडल में रीएंट्री के दौरान, स्पेसक्राफ्ट 28,000 केएम/ घंटे की गति से धीमा होना शुरू होजाएगा। इस दौरान क्रू 3.5 जी तक भार महसूस कर सकता हैरीएंट्री के बाद पैराशूट सिस्टम की सुरक्षा के लिए स्पेसक्राफ्ट की आगे लगी हीट शील्ड को हटा दिया जाएगा। दो ड्रैग और तीन मुख्य पैराशूट स्टारलाइ नर की गति को और धीमा कर देंगे। बेस हीट शील्ड डुअल एयरबैग सिस्टम को एक्सपोज करते हुए डिप्लाॅय हो जाएगी।
6 प्राइमरी एयरबैग कैप्सूल के बेस पर डिप्लाॅय होंगे। ये लैंडिंग के दौरान कुशन की तरह काम करेंगी। लैंडिंग के दौरान स्पेसक्राफ्ट की गति करीब 6 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। संभावित लैंडिंग स्थानों में एरिजोना का विलकाॅक्स और यूटा का डगवे प्रोविंग ग्राउंड शामिल है। कैलिफोर्निया में एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस एक इमरजेंसी लैंडिंग साइट के रूप में उप लब्ध है। टचडाउन के बाद, चालक दल पैराशूट हटाएगा, स्पेसक्राफ्ट की बिजली बंद करेगा और मिशन कंट्रोल लैंडिंग और रिकवरी टीमों से सैटेलाइट फोन काॅल के जरि ए संपर्क करेगा। रिकवरी टीम स्टारलाइनर के चारों ओर एक टेंट लगाएगी और स्पेसक्रा फ्ट में ठंडी हवा पंप करेगी। स्टारलाइनर का हैच खुलने और, लैंडिंग के एक घंटे से भी कम समय बीतने के बाद, दोनों एस्ट्रोनॉट्स हेल्थ चेक के लिए मेडिकल व्हीकल में जाएंगे। फिर नासा के विमा न तक पहुंचने के लिए हेलि काॅप्टर में उड़ान भरेंगे।
ये विमान उन्हें ह्यूस्टन के एलिंगटन फील्ड लेकर जाएगा। लैंडिंग और सक्सेस फुल रिकवरी के बाद, नासा स्पेस स्टेशन पर मिशनों के लिए एक आॅपरेशनल क्रू सि स्टम के रूप में स्पेसक्राफ्ट को सर्टिफाई करने का काम पूरा करेगा। सर्टिफिकेशन के बाद मिशन्स की शुरुआत 20 25 में होने की उम्मीद है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इस का विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि शाबाश सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की बेटी अंतरिक्ष में पहुंचकर खुशी से झूम उठी रच दिया इतिहास।
भारतीय मूल की एस्ट्रो नाॅट सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यान को उड़ाकर स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाली पहली महि ला अंतरिक्ष यात्री बन गई है।
भारतीय मूल की एस्ट्रोनाॅट सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यान को उड़ाकर स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई है
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