(राममिलन शर्मा)
रायबरेली, माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के जज न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया ने वादी मो. हसनैन पुत्र मो. हफीज निवासी जहानाबाद थाना कोतवाली रायबरेली की याचिका पर सुनवाई करते हुए रायबरेली प्रयागराज मार्ग पर सराय दामों ग्राम पंचायत के अंतर्गत स्थित पेट्रोल पंप के मामले में तहसीलदार सदर रायबरेली के आदेश को खारिज कर दिया। इसके साथ ही तहसील सदर द्वारा पेट्रोल पंप मालिक पर लगाये गये 2 करोड़ 8 लाख का जुर्माना भी निष्प्रभावी हो गया। इस फैसले से सदर तहसील प्रशासन के कारनामों की कतई खुल गयी।
गौरतलब है कि पेट्रोल पंप मालिक मो. हसनैन ने 2002 में सराय दामों गांव निवासी दलित रामलाल से लगभग पौने दो बीघा भूमि तत्कालीन ए.डी.एम.बी.राम से परमिशन प्राप्त कर बैनामा लिया था। उसमें ग्राम प्रधान देवीदयाल ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया तो तहसील प्रशा सन ने दाखिल खारिज कर दिया और तत्कालीन एस.डी.एम.विनय शंकर पाण्डेय ने उक्त भूमि को कृषि से कामर्शियल कर दिया।
वर्ष 2004 में इंडियन आयल कारपोरेशन के निर्देश पर तत्कालीन डी.एम.बिहारी स्वरूप ने एन.ओ.सी.दे दी, जिस पर पेट्रोल पंप का संचा लन शुरू हुआ। आश्चर्य की बात है कि तकरीबन डेढ़ दशक बाद सदर तहसील के एस.डी.एम. ने 2021 में एक नोटिस जारी करके कहा कि उक्त पेट्रोल पंप तालाब की भूमि पर बना है और उन्होंने भूमिधरी जमीन को खारिज करके उक्त जमीनको तालाब घोषित कर दिया।
इस आदेश के खिलाफ पेट्रोल पंप मलिक मो. हसनैन ने मंडलायुक्त (लखनऊ) के यहां अपील की, जिस पर वहां से 1.2.2022 को स्टे प्राप्त हो गया और 29 .1.2022 को कमिश्नर ने आदेश पारित किया कि चूंकि पेट्रोल पंप को हटाया नहीं जा सकता इसलिए धारा 101 में दी गयी व्यवस्था हेतु गुण दोष के आधार पर 6 माह में जमीन का विनमय कर दिया जाय। इस पर पेट्रोल पंप मालिक मो. हसनैन ने उसी ग्राम सभा में इतनी ही मालियत की जमीन का विनियम करके एस. डी.एम.को अवगत कराया।
विडम्बना देखिये या तह सील प्रशासन का खुन्नस मानिये कि एस.डी.एम.ने उस आदेश को नहीं माना और मनमानी करते हुए उस आदेश को खारिज करते हुए 6.1.24 को पेट्रोल पंप मालिक पर 2 करोड 8 लाख का जुर्माना लगा दिया। प्रकरण में आश्चर्य यह है कि विगत लगभग 50 साल से प्रश्नगत भूमि पर तालाब नहीं है, परन्तु अब 50 साल बाद उसी तह सील के लेखपाल व तहसील दार अब रंजिशन उस कृषक भूमि को तालाब बता रहे है, जो अभिलेखों के विरूद्ध है।
इस मनमानी के खिलाफ पेट्रोल पंप मालिक मो. हसनैन ने माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन नं. 263/2024 के तहत याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगायी।
जिस पर हाईकोर्ट के जज माननीय सौरभ लवानिया ने प्रकरण की सुनवाई के बाद तहसीलदार रायबरेली के आदेश का विधिक प्रावद्दानों के विरूद्ध घोषित करते हुए निरस्त कर दिया।
हाईकोर्ट द्वारा पेट्रोल पंप मामले में तहसीलदार का आदेश खारिज
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