बाइडेन की इजराइल को चेतावनी- रुख बदलें अन्यथा गाजा युद्ध के लिए समर्थन खो दोगे

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर पिछले दो वर्षों से अनेक देशों में कुछ मुद्दों पर बाच्चा-बाच्ची होती रही है जिसका परिणाम यूक्रेन-रूस और इजराइल- हमास के बीच भयंकर युद्ध के रूप में दुष्टरिणाम सामने आया है, जिसका अधिकतम दुष्टपरिणाम वहां के स्थानीय नागरिक भुगत रहे हैं जो दर- दर भटक कर अन्य देशों में या तो शरणार्थी बनकर जा रहे हैं या फिर अपने ही देश में उजड़ कर बस रहे हैं, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में दुनियां की महाशक्ति ने जो पहले वीटो पावर का इस्तेमाल किया था और अब माननीय युद्ध विराम तत्काल लागू करने के पक्ष में आ गया है और राष्ट्रपति बिडेन ने इजरायल को कड़ी चेतावनी दे डाली है कि अपना रुख बदले अन्यथा गाजा युद्ध के लिए समर्थन खो देंगे। बता दें अभी दो दिन पहले ही यूक्रेन रूस युद्ध के चलते यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भी जो बायडेन से मुलाकात की थी। इधर इस मुद्दे पर पिछली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग में एब्सेंट रहने वाले भारत ने भी मंगलवार को हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग में मानवीय युद्ध विराम के पक्ष में वोट डाला है। इस प्रस्ताव पर मतदान में 153 देशों ने इसका समर्थन किया है वहीं 10 देशों ने इसके विरोध में मतदान किया है तो 23 देश मतदान के बाहर रहे। चूंकि बात मानवीय कल्याण की है इसलिए माननीय युद्ध विराम होना समय की मांग है। इसलिए भारत ने पक्ष में मतदान किया है। अतः आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सह योग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल हमास संघर्ष फौरन मानवीय युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई प्रस्ताव पारित होना समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम हमास पर अंधाधुंध बम बारी से प्रभावित मानवीय पक्ष में युद्ध विराम की करें तो, दशकों से चले आ रहे इज राइल-फल स्तीन टकराव पर, यूएन महासभा का आपात सत्र मंगलवार को पुनः आरम्भ हुआ है, जिसमें गाजा में एक मान वीय युद्धविराम लागू करने की मांग करने वाला प्रस्ताव, भारी बहुमत से पारित हुआ है। गौरतलब है कि गाजा में मौजूदा युद्ध रुकने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं और सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर, आगे की किसी कार्र वाई के बारे में गतिरोध बना हुआ है। यूएन महासभा की इस बैठक में, सदस्य देशों ने गाजा में तत्काल एक मान वीय युद्धविराम लागू करने, तमाम बन्धकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित किया है। मंगलवार दिनांक 12 नवंबर 2023 को को इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में, 153 देशों ने इसका समर्थन किया, 10 देशों ने विरोध में मतदान किया और 23 देश मतदान से बाहर रहे। इस तरह ये प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित हुआ है. इस तरह के किसी प्रस्ताव को पारित होने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती।प्रस्ताव में महासभा की ये मांग भी दोहराई गई है कि सभी पक्ष, अन्तरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें, जिनमें अन्तर राष्ट्रीय मानवीय कानून भी शामिल है, ये जिम्मेदारियाँ आम आबादी का संरक्षण सुनिश्चित किए जाने के बारे में हैं। इस प्रस्ताव से पहले दो संशोधन प्रस्ता वित किए गए थे जिनमें चरम पंथी गुट हमास का विशिष्ट सन्दर्भ था, उन संशोधनों को पारित होने लायक मत प्राप्त नहीं हुए।
इस विशेष आपात बैठक का ये सत्र शुक्रवार, 15 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। महा सभा की ये आपात बैठक इस पृष्ठभूमि में हो रही है कि जब शुक्रवार को, यूएन सुरक्षा परिषद में, गाजा में तत्काल एक मान वीय युद्ध विराम लागू करने, हमास के कघ्ब्जे में सभी बन्धकों को बिना शर्त व तत्काल रिहा किए जाने और मानवीय सहायता की पहुँच सुलभ बनाए जाने की मांग करने वाला एक मसौदा प्रस्ताव, अमेरिका द्वारा वीटो किए जाने के कारण, पारित नहीं हुआ था। उस प्रस्ताव के समर्थन में 13 सदस्यों ने मतदान किया, ब्रिटेन मतदान से बाहर रहा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने वीटो अधिकार का प्रयोग किया। सुरक्षा परिषद का वो सत्र, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा यूएन चार्टर के अनुच्छेद -99 को लागू किए जाने पर बुलाया गया था। अनुच्छेद- 99 को, विश्व शान्ति व सुरक्षा के लिए खतरा दरपेश होने के सन्दर्भ में कार्रवाई करने के मामले में, यूएन महासचिव के पास सबसे शक्तिशाली औजार समझा जाता है। महासचिव एंतोनियो गुटेरश ने, अनुच्छेद- 99 का सहारा लेते हुए, सुरक्षा परिषद से, युद्धग्रस्त गाजा में, मानवीय त्रासदी को रोकने के लिए कार्रवाई करने की पुकार लगाई थी।
साथियों बात अगर हम अमेरिका के मानवीय युद्ध विराम पक्ष की करें तो, अमे रिकी राष्ट्रपति ने इजराइल से कहा है कि वो रुख बदले अन्यथा गजा युद्ध के लिए समर्थन खो देगा। बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री को चेता वनी दी कि गजा पर अंधा द्दुंध बमबारी के कारण हमास के खिलाफ युद्ध के लिए ग्लोबल समर्थन खोने का जोखिम है। इजराइल हमास युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था। उसके बाद बाइडेन की यह टिप्पणी सख्त मानी जा रही है। बाइडेन ने दानदा ताओं से कहा कि नेतन्याहू को फिलिस्तीनियों के लिए दो-राज्य समाधान पर अपना रुख बदलने की जरूरत है।
साथियों बात अगर हम मतदान में भारत द्वारा पक्ष में मत देने की करें तो, भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महा सभा में एक प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें मौजूदा इजराइल-हमास संघर्ष में फौरन मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। इस प्रस्ताव को अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन सहित कई देशों का समर्थन था।
अमेरिका और इजराइल सहित दस देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 23 देशों ने भाग नहीं लिया। एएफपी के मुताबिक यूएन में फिलिस्तीनी दूत ने कहा, संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेम्बली से भेजे गए इस शक्तिशाली संदेश के संदर्भ में यह एक ऐतिहासिक दिन है।
इस प्रस्ताव में हमास का जिक्र नहीं है। अमेरिका ने एक पैराग्राफ के साथ मसौदे में संशोधन का प्रस्ताव दिया। जिसमें कहा गया है- 7 अक्टूबर 2023 सेइजराइल पर होने वाले हमास के जघन्य आतंकवादी हमलों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए लोगों को बंधक बनाने की निंदा करता है।
बहरहाल, भारत ने इस संशोधन के पक्ष में मतदान किया। भारत ने अक्टूबर में इसी तरह के एक प्रस्ताव पर मतदान के दौरान गैरहाजिर रहा था। गैरहाजिर रहने के बावजूद, भारत ने गजा पट्टी में बेरोकटोक मानवीय पहुंच का आह्वान किया था। भारत ने खुद भी गजा में मानवीय सहायता भेजी है। भारत का शुरू से यह रुख रहा है कि गजा में युद्ध रुके और उसकी मदद की जाए।
साथियों बात अगर हम मानवीय युद्ध विराम के संबंद्द में यूएन महासभा अध्यक्ष की करें तो,यूएन महासभा अध्यक्ष ने, 10वें आपातकालीन विशेष सत्र को एक बार फिर से शुरू करने की घोषणा करते हुए, गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट के मद्देनजर, एक बार फिर से बैठक किए जाने के अनुरोध को रेखांकित किया।
उन्होंने अपनी आरम्भिक टिप्पणी में कहा कि युद्धरत पक्ष, नागरिकों पर जानलेवा हमलों व मानवीय प्रणालियों का विध्वंस करने के साथ- साथ, अन्तरराष्ट्रीय कानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय कानून का खुला अनादर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के भी नियम होते हैं और हम मूल सिद्धान्तों और मूल्यों से नहीं हट सकते।उन्होंने बताया कि मृतकों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएँ और बच्चे हैं।उन्होंने कहा कि दुनिया वास्तविक समय में मानवीय व्यवस्था का अभूतपूर्व पतन देख रही हैमहासभा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र को नागरिकों की पीड़ा को तत्काल समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि यह तत्काल मानवीय युद्धविराम लागू होने का बिल्कुल सही समय है।
डेनिस फ्रांसिस ने निर्दोष नागरिकों की पीड़ा को समाप्त करने की तात्कालिकता पर जोर दिया, और तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग दोहराई। उन्होंने जोर देकर कहा, हमारी एक ही प्राथमि कता है-केवल एक- जिन्द गियाँ बचाना। उन्होंने कहा, अब यह हिंसा बन्द करें।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मानवीय व्यवस्था का अभूतपूर्व पतन रोकने फौरन मानवीय युद्ध विराम जरूरी बाइडेन की इजराइल को चेतावनी- रुख बदलें अन्यथा गाजा युद्ध के लिए समर्थन खो देगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल-हमास संघर्ष फौरन मानवीय युद्ध विराम, बंधकों की बिना शर्त रिहाई संबंधी प्रस्ताव पारित।

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