ट्रेन में हाॅकर्स को लाइसेंस देने के पहले यात्रियों की सुरक्षा स्वास्थ्य परेशानी और सुवधाओं को रेखांकित करना जरूरी

RAJNITIK BULLET
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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तरपर कोरोना महामारी के भयंकर प्रसार के बीच भारतीय केंद्री य वित्त बजट में हाॅकर्स के लिए बिना किसी जमानत या गारंटी के लोन की घोषणा की गई थी उसके बाद बजट 2023 में भी हाकर्स के लिए प्लान थे जिसके फायदे अने कों हाॅकर्स ने लिए और लेना चालू भी है परंतु जिस तरह मीडिया में 28 नवंबर 2023 को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर आॅफर्स लगाने की बात मीडिया से छान छान कर आ रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि अब रेलवे वि भाग ट्रेन में हाॅकर्स को खाद्य सामग्री बेचने के लिए लाइसेंस देने की तैयारी कर रही है। बता दे, पहले फेरीवाले रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में सवार होकर स्थानीय उत्पाद बेचते थे, जिनमें ज्यादातर खाने- पीने का सामान होता था। हालांकि, वे रजिस्टर्ड नहीं थे और सुरक्षा और स्वच्छता दोनों चिंताएं जुड़ी हुई थीं रेलवे ने उन्हें हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान भी चलाया जिससे उनका ट्रेन में चढ़ना और यहां तक कि स्टेशन पर भी घूमना मुश्किल हो गया था। परंतु अभी रेलवे का मुंबई जोन में लोकल ट्रेनों में खान-पान का सामान बे चने का लाइसेंस देने की तैयारी कर रही है, जो अभी फिलहाल दो हजार को दिया जाएगा जिसमें 15 हजार हाॅकर लोकल ट्रेनों में जबकि पांच सौ होकर लंबी दूरी की ट्रेनों में 3 साल की अवधि तक बेच ने की अनुमति होगी। अब सवाल उठता है कि ट्रेनों में इतनी भारी भीड़ के बावजूद फेरीवालों को लाइसेंस देना चुनौती पूर्ण कार्य है। हालांकि रेलवे को इससे बड़ा लाभ होगा, एक और स्त्रोत खुलेगा परंतु यात्रियों और यात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखना जरूरी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जान कारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे ट्रेन में हाॅकर को लाइ सेंस देने के पहले यात्रियों की सुरक्षा स्वास्थ्य परेशानी और सुविधाओं को रेखांकित करना जरूरी है।
साथियों बात अगर हम मुंबई में लंबी दूरी की ट्रेनों, लोकल ट्रेनों में फेरीवालों को लाइसेंस देने पर विचार करने की करें तो, मुंबई में अब भीड़ भरी लोकल ट्रेनों में हक से सामान बेचेंगे हाॅकर्स, रेलवे बना रही ये योजना, हाॅकर्स को इन ट्रेनों में सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक ही सामान बेचने की अनुमति होगी, जब कि लोकल ट्रेनों में खान-पान का सामान भी मिलेगा और समय की कोई सीमा नहीं होगी। स्टेशनों पर भीड़ नि यंत्रण करने के लिए स्टाॅल्स और रेलवे के दफ्तरों को शि फ्ट करने वाली मध्य रेलवे जल्द ही भीड़ भरी लोकल ट्रेनों में सामान बेचने के लिए हाॅकर्स को लाइसेंस देने की तैयारी कर रही है। जल्द ही मुंबई की लोकल ट्रेनों में चाय, समोसे और कटी हुईं सब्जियां बेचते हुए लाइसेंसधारी हॉकर्स नजर आएंगे। इसके लिए 28 नवंबर के दिन रेलवे की आ धिकारिक वेबसाइट पर बोलि यां लगाई जाएंगी। एक अधि कारी ने बताया कि गैर यात्री किराया के तहत राजस्व प्राप्त करने के लिए यह योजना लाई जा रही है। इन्हें मुंबई डिविजन में ही सामान बेचने की अनुमति दी जाएगी। उप गनरीय और गैर उपनगरीय ट्रेनों के लिए अलग से बोलि यां लगाई जाएंगी। हाॅकर्स को 3 साल तक सामान बेच ने की मंजूरी मिलेगी। गैर उपनगरीय ट्रेनों में खान-पान का सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी।, कहीं स्टेशन न बन जाएं हॉकर्स जोन,रेलवे की ओर से हाॅकर्स की संख्या निर्धारित की गई है। इस तर ह की संख्या बीएमसी द्वारा भी तय की गई है लेकिन मुंबई में लाइसेंसधारी हाॅकर्स से करीब 20 गुना ज्यादा हाॅकर्स हैं, इन पर अब बीएम सी का भी नियंत्रण नहीं है। पिछले कुछ सालों से मुंबई में हाॅकर्स जोन बनानी की मांग हो रही है ऐसे में रेलवे स्टेशनों पर हाॅकर्स को लाइ सेंस देने के बाद ट्रेनों में और स्टेशनों पर हॉकर जोन बनने की आशंका जताई जा रही है। बता दें लोकल ट्रेन को मुंबई की धड़कन कहा जाता है। सुबह और शाम के समय लोकल में सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं होती है। डिब्बे में सांस लेने तक की जगह न होने के बावजूद कई बार कुछ लोग आपको सामान बेचते मिल जाएंगे। हालांकि इन हैंकरों को सा मान बेचने की इजाजत नहीं होती लेकिन अब रेलवे लोक ल में हाॅकर्स को लाइसेंस देने की योजना बना रही है। इस बीच मुंबई लोकल में खाना बेचने और परोसने का विडियों यानी चलता फिरता रेस्टोरेट का विडियों भी आ गया जो सबको हैरान कर रहा है।
साथियों बात अगर हम लोकल ट्रेनों, स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रित करने की करें तो, लोकल स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रित करने के मकसद से रेलवें ने कई स्टेशनों से स्टाॅल्स और रेलवे के दफ्तरों को हटा दिया दिया है। भीड़ कम करने के मकसद यह कदम उठाने वाली मध्य रेलवे अब जल्द ही भीड़ भरी लोकल ट्रेनों में सामान बेचने के लि ए हाॅकर्स को लाइसेंस देने की तैयारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर 28 नवंबर को इसके लिए बो लियां लगाई जाएंगी। इस के तहत रेलवे राजस्व बढ़ाना चाह रही है।
साथियों बात अगर हम सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर मुंबई की लोकल ट्रेनों में एक चलता फिरता रेस्टोरेंट की चर्चा करें तो, लाइसेंस दिए जाने के पहले ही मुंबई की लोकल में एक चलता फिरता रेस्टोरेंट इस समय सोशल मीडिया में खूब चर्चा में है। मुंबई की लोकल में दो लड़कों ने मुंबई लोकल में चलता फि रता रेस्टोरेट ही खोल दिया। सोशल मीडिया में इन लड़कों द्वारा शेयर किये गए वीडियो में दोनों ने एक लोकल ट्रेन के डिब्बे में एक छोटी सी फोल्डिंग टेबल लगाई और उसे कपड़े से ढक दिया। इ सके बाद उन्होंने बाकायदा यात्रियों को मेन्यू दिया। जैसा कि वीडियो में देख सकते हैं कि इसके बाद उन्होंने यात्रियों को केचप के साथ मैगी और अजवायन के साथ जलेबी परोसी। चलते फिरते इस रेस्टोरेट का नाम टेस्टी टिकट दिया गया। सोशल मीडिया में वाहवाही बटोर रहे इस वीडियों ने आम यात्रियों हैरान कर दिया है। यात्रियों का कहना है कि लोकल में हैंकर्स को लाइसेंस देने के पहले यह माहौल बनाने वा ली वाहवाही है। लेकिन इससे लोकल में चलने वाले लोगों को भारी परेशानी होगी, गंदगी भी होगी, क्योंकि लोकल के डिब्बों में खड़े होने तक की जगह नहीं होती, हैकर्स बि ना डर के डिब्बों में आएंगे। यात्रियों को आशंका है कि डिब्बे हाॅकर्स जोन बन जाएंगे। हाॅकर्स की भीड़ यहां सबकुछ बेचगी। जो यात्रियों की सुरक्षा, स्वस्थ्य और सुविधा के लिए खतरनाक साबित होगा।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि रेलवे द्वारा ट्रेन में हाकर्स को लाइसेंस देने की तैयारी। फेरीवालों को ट्रेन में सवार होकर खाद्य व अन्य सामग्री बेचने के लिए लाइसेंस देने पर विचार। ट्रेन में हाॅकर्स को लाइसेंस देने के पहले यात्रियों की सुरक्षा स्वास्थ्य परेशानी और सुविधा को रेखांकित करना जरूरी है।

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