(बीके सिंह)
सीतापुर। गुरुवार से शुरू हुए सर्वजन दवा सेवन अभि यान (आईडीए राउंड) की एक खास बात यह भी है कि यह अभियान आम चुनाव की मतदान प्रकिया की तरह ही संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जिन लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रही हैं, उनके दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में स्याही का निशान भी लगा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह कवायद शत-प्रतिशत लोगों को दवा खिलाने के लिए की जा रही है। साथ ही विभाग के अधिकारियों को इस बात का पता चल सके कि कितने लाभार्थियों ने इस दवा का सेवन किया है और कितने लाभार्थी इससे वंचित हैं।
सीएमओ डा. हरपाल सिंह ने खैराबाद सीएएचसी पर दीप प्रज्ज्वलित कर इस अभियान का शुभारंभ किया। इसके बाद सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के अधि का रियों ने भी फाइलेरियारोधी का दवा का सेवन किया और अपनी उंगली पर निशान लगवाया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाथ की उंगली पर लगा निशान दरअसल फाइलेरिया के खिलाफ जंग का विजय तिलक है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है।
इस दवा को साल में सिर्फ एक बार ही खाना है और तीन सालों तक लगातार दवा खाने से हम इसके संक्रमण से बचे रह सकते हैं। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है।
फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशि क्षित रैपिड रिस्पान्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर रैपिड रिस्पान्स टीम को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के मा ध्यम से बुलाया जा सकता है।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राज शेखर ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है।
आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है। एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को एल्बेंडा जोल की आधी गोली खिलाई जाएगी। इस अभियान के दौरान जिले के 45.20 लाख लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 3,616 टीमें और 728 सुपरवाइजर की तैनाती की गई है।
इस मौके पर एसीएमओ आरसीएच डा. अनूप कुमार श्रीवास्तव, सीएचसी अधीक्षक डा. आर.एस यादव, डा. अनिल पंकज, डा. विवेक सचान, डा. विपिन वर्मा, प्रभारी डीएमओ मंजूषा गुप्ता, फाइलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश भारद्वाज, आर्यन शुक्ला, अनुज तिवारी, संतोष कनौजिया, आरके मिश्रा, अनु राग अवस्थी आदि मौजूद रहे।
फाइलेरिया के खिलाफ जंग का विजय तिलक है उंगली का निशान – सीएमओ
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