विश्व थायराइड दिवस जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

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(बु0 संवाददाता) लखनऊ। दिनांक 25.05.2023 को नेषनल पी0 जी0 कॉलेज, लखनऊ में आजादी के अमष्त महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रष्ंखला में प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह जी के नेतष्त्व में जंतु विज्ञान विभाग द्वारा विष्व थायराइड दिवस जागरूकता कार्यक्रम मनाया गया। प्राचार्य जी ने उक्त कार्यक्रम के माध्यम से संदेष दिया कि स्वस्थ जीवन शैली, संतुलित आहार एवं योगाभ्यास के द्वारा आप थायराइड में अनियमितता के कारण होने वाली बीमारी से बच सकते है।
बीमारी के लक्षण, इलाज और देखभाल को लेकर जागरूकता फैलाने, जाग- रूकता बढ़ाने और इस गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को सही केयर और सपोर्ट देने के लिए हर साल 25 मई के दिन विष्व थायराइड डे मनाया जाता है, उक्त वाक्य कार्यक्रम का संचालन करते हुए जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 ज्ञानेंद्र कुमार ने छात्रों को बताया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर जंतु विज्ञान विभाग डा0 अर्चना सिंह ने कहा कि शरीर को सही ढंग से फंक्षन करने के लिए अलग-अलग हार्मोन की जरूरत होती है। थायराइड भी शरीर में मौजूद एक तरह का हार्मोन होता है। यह हार्मोन शरीर में मेटाबालिज्म बढ़ाने और सेल्स को कंट्रोल करने का काम करता है। थायराइड हार्मोन शरीर में तितली की आकार में मौजूद थायराइड ग्रंथि से होता है। यह ग्रंथि शरीर में दो जरूरी हार्मोन का उत्पादन करती है- टी 3 और टी 4। थायराइड ग्लैंड में खराबी आने पर इसका फंक्षन बिगड़ जाता है। इस स्थिति में थायराइड ग्लैंड सही ढंग से पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता है, या फिर बहुत ज्यादा मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करने लगता है।
इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज करने से मरीज की परेषानियां गंभीर हो सकती हैं। थायराइड दो प्रकार का होता है, हाइपर थायराइड (भ्लचमत जीलतवपक) और हाइपो थायराइड (भ्लचव जीलतवपक)। जब थायराइड ग्लैंड से हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने लगता है तो इसकी वजह से हाइपर थायराइड कि स्थिति पैदा होती है। वहीं जब ग्रंथि अंडर एक्टिव यानि कम सक्रिय हो जाती है तो यह हाइपोथाय- राइड का कारण बनती है। थायराइड की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
वजन बढ़ना, नींद से जुड़ी परेषानियां, घबराहट और चिड़चिड़ापन, बालों का पतला होना, मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग बढ़ना, आवाज भारी होना, आंखों से जुड़ी समस्याएं, मांसपेषियों में कमजोरी, घेंघा और थकान आदि।
थायराइड की बीमारी में सही समय पर जरूरी केयर और इलाज मिलने से इसे ठीक किया जा सकता है। इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए आपको हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। इसके अलावा शरीर के लिए फायदेमंद और हेल्दी फूड्स का सेवन करें। प्रोसेस्ड फूड, मसालेदार और तला-भुना खाना इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है। थायराइड से बचने के लिए पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने की कोषिष करें। इस जाग रूकता कार्यक्रम मे विभिन्न संकाय के 53 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

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