(बीके सिंह) सीतापुर। टीबी मुक्त भारत बनाने की कड़ी में आगामी 15 मई से क्षय रोगियों को खोजने का एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 21 कार्य दिवसों तक चलाया जाएगा। इस दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) के जरिए क्षय रोगियों को खोजने का काम किया जाएगा। इस संबंध में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक द्वारा संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ डा. मधु गैरोला ने बताया कि शासन के निर्देश पर अभियान के सफल संचालन के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की भूमिका अहम है। अभियान में आशा कार्यकर्ता और एएनएम का भी सहयोग लिया जाएगा।
यह अभियान उन क्षेत्रों में चलेगा जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से दूर हों और जहां पिछले दो सालों में अधिक टीबी रोगी या कोविड रोगी चिन्हित हुए हों। प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हर सप्ताह तीन-तीन शिविर लगाए जाएंगे। शिविर से पहले आशा कार्यकर्ता और एएनएम अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित करेंगी। आशा कार्यकर्ता और एएनएम शिविर वाले दिन चिन्हित व्यक्तियों को शिविर पर लाएंगी जहां पर उनके बलगम को एकत्र कर जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर तुरंत ही मरीज का नोटिफिकेशन कर इलाज शुरू कर दिया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एसके शाही ने बताया कि जिला स्तर पर अभियान का पर्यवेक्षण खुद सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) और जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) करेंगे। ब्लाक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर इस अभियान का पर्यवेक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना एवं भूख कम लगना, लगातार बुखार रहना, अधिक मात्रा में पसीना आना, सीने में दर्द होना टीबी के लक्षण हैं। इन लक्षणों वाले व्यक्तियों को तुरंत क्षय रोग केंद्र पर जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए। जांच रिपोर्ट पाजीटिव आने पर मरीज को तुरंत उपचार शुरू कराना चाहिए और उपचारित मरीज को इलाज का पूरा कोर्स करना चाहिए।
टीबी रोगियों को खोजने को 15 से चलेगा विशेष अभियान
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