भारत की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023-28 का आगाज

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वैश्विक स्तरपर कोरोना के दानवों द्वारा खड़ी की गई बाधाओं को ध्वस्त करते हुए भारत तेजी से विकास रूपी बुलेट ट्रेन के रोडमैप रूपी पटरी बनाते हुए तेज गति से दौड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। इसी कड़ी में दिनांक 31 मार्च 2023 को नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 अमृत काल केरोडमैप के रूप में लांच की गई है, जो लंबे समय के इंतजार के बाद घोषित की गई है।
भारत की पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल 2015 को लागू की गई थी, जिसका समाप्त होने का वर्ष 2020 था, लेकिन कोरोना महामारी के आने के कारण सितंबर 2022 में इसे 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था,जो अभीतक पुरानी नीतियों के आधार पर ही एफटीपी चल रही थी। महामारी ने अनेकों योजनाओं व उसके रोडमैपों को बुरी तरह ध्वस्त करके रख दिया था, जिसके लिए नई नीतियों की तात्कालिक जरूरत व्यापार उद्योग क्षेत्र में महसूस की जा रही थी। अब चूंकि भारत तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने की ओर बढ़ चला है, इसीलिए नई विदेश व्यापार नीति का रोडमैप लाना अनिवार्य हो गया था। अब इस एफटीपी का लक्ष्य भारत के निर्यात को 2030 तक 2 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का रखा गया है।
इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि भारत की नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 का आगाज।
साथियों बात अगर हम इस नई एफटीपी की करें तो यह 1 अप्रैल 2023 से लागू हो गई है जिसका फोकस रुपए में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना है।
कोरोना वायरस की वजह से अभी तक मौजूदा विदेश व्यापार नीति ही चालू थी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन मार्च महीने के आखिरी दिन यानी, 31 मार्च 2023 को नई विदेश व्यापार नीति 2023- 28 को जारी कर दिया गया है। इस दौरान सरकार ने बताया है कि जीडीपी की ग्रोथ 7 फीसदी रहने वाली है। इस दौरान ये भी बताया गया है कि एफवाई 24 में 760 बिलियन डालर का एक्सपोर्ट हो सकता है।
बता दें कि फार्म एक्सपोर्ट एफवाई 22 में यूएसडी 25 बिलियन रहा है। नई फारेन ट्रेड पालिसी को इंसेंटिव रिजीम से रिमीशन रिजीम की तरफ ले कर जाने का प्रयास है। इसके अलावा एमएसएमई के लिए एप्ली- केशन फीस को 50-60 परसेंट कम की गई है। एक्सपोर्ट को रिकाग्निशन के लिए थ्रेशोल्ड को कम किया गया है।
इसके अलावा रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। साल 2020 के बाद अब नई फारेन ट्रेड पालिसी (एफटीपी) को लाया गया है। इस पालिसी में अमृतकाल काल का रोडमैप है और अगले 5 साल के लिए ये पालिसी होगी। इसके अलावा इस पालिसी के जरिए एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा मिलने वाला है। वहीं ओडीओपी के लिए विशेष प्रयोजन किया जाएगा। इसके अलावा ई कामर्स, नए एक्सपोर्ट हब तैयार किए जाएंगेउ फारेन ट्रेड पालिसी में कोई सनसेट क्लाज नहीं है।
एक्सपोर्ट एक्सीलेंस शहरों की सूची में फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी को शामिल किया गया है। रुपए को ग्लोबल करेंसी बनाने का लक्ष्य है और रुपए में ट्रेड सेटलमेंट को सरकार ने मंजूरी दे दी है। 2 लाख करोड़ डालर के एक्सपोर्ट लक्ष्य को 2030 से पहले हासिल कर लेने का लक्ष्य है और डालर की कमी वाले देशों के साथ रुपए में ट्रेड करने पर विचार किया जा रहा है। डायरेक्टर जनरल आफ फारेन ट्रेड के मुताबिक, एफवाई 23 में 76500 करोड़ डालर का एक्सपोर्ट संभव है। ये पालिसी कई से लागू हो जाएगी। वैश्विक अनिश्-ि चतताओं के कारण एक्सपोर्ट चुनौतीपूर्ण रहेगा। वहीं जरूरत के मुताबिक फारेन ट्रेड पालिसी में बदलाव किए जाएंगे। फारेन ट्रेड पालिसी तय समय सीमा के लिए नहीं होगी। डीजीएफटी के मुताबिक, इंडस्ट्री से मिले फीडबैक, जरूरतों के आधार पर एफटीपी में बदलाव होंगे। कैपिटल गुड्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन प्लान जारी रहेगा। इसके अलावा एक्सपोर्ट एक्सीलेंस लिस्ट में 4 नए शहर जोड़े गए। ट्रेड पालिसी का फायदा ई-कामर्स एक्सपोर्ट को भी मिलेगा। डीजीएफटी के मुताबिक, 2030 तक ई-कामर्स एक्सपोर्ट 20-30 हजार करोड़ डालर संभव है। सरकार एक्सपोर्ट मामले निपटाने के लिए एमनेस्टी स्कीम लेकर आएगी। एमनेस्टी स्कीम की सुविधा सितंबर 2023 तक मिलेगी। 2030 तक मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट डालर 1 एलके सीआर और सर्विस एक्सपोर्ट डालर 1 एलके सीआर होने की उम्मीद है, वहीं कंपिटेटिव और क्वालिटी एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इन्सेंटिव दिए जाएंगे और अलग से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा। इसके अलावा एसईजेड को अपग्रेड और मोडिफाई कर डीईएसएच, डेवलपमेंट आफ इंटरप्राइज एंड सर्विसेज हब बनाया जाएगा। साथियों बात अगर हम एमएसएमई उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना में एक अप्रैल 2023 से महत्वपूर्ण सुधारों की करें तो, केंद्रीय बजट 2023-24 में, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कोष में 9, हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ 01.04.2023 से क्रेडिट गारंटी स्कीम फार माइक्रो एंड स्माल एंटर- प्राइजेज में महत्वपूर्ण सुधार करने की घोषणा की थी, ताकि इसे 2 लाख करोड़ के अतिरिक्त गिरवी (कलैटरल) -मुक्त गारेंटेड क्रेडिट से सक्षम बनाया जा सके और ऋण की लागत में लगभग 1 प्रतिशत की कमी लाई जा सके। इसके परिणामस्वरूप इस योजना में निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फार माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइजेज (सीजीटी एमएसई) कोष में 30.03.2023 को 8, हजार करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। सीजीटीएमएसई ने 1 करोड़ रुपये तक के ऋणों के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क को 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की उच्च दर से घटाकर 0.37 फीसदी प्रति वर्ष तक कम करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। इससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण की समग्र लागत काफी सीमा तक कम हो जाएगी। गारंटियों के लिए अधिकतम सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया। 10 लाख रुपये तक के बकाया ऋण के लिए गारंटियों के संबंध में दावों के निपटान के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करने की अब आवश्यकता नहीं रहेगी। सीजीटीएमएसई ने वित्त वर्ष 2022 – 23 के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये की गारंटियों को मंजूरी देने के बारे में अधिकतम आंकड़े को छूकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
अतः अगर हम उपरोक्त पर्यावरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नईएफटीपी में अमृतकाल का रोडमैप है। भारत की नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 का आगाज। भारत में लंबे समय के इंतजार के बाद नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा, दूरगामी अनुकूल परिणामों की संभावनाओं का रोडमैप है।

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