हरगांव चीनी मिल किसानों का सीधे गन्ना न तौलकर दलालों को दे रही बढ़ावा

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(नीरज अवस्थी) हरगांव, सीतापुर। जिला सीतापुर के हरगांव कस्बे में स्थित चीनी मिल के गेट इंचार्ज रवी शर्मा की तिकड़ी ऐन केन प्रकारेण गन्ना किसानों को परेशान करने पर आमादा है। यह तिकड़ी गन्ना सज्जनध्सीधे गन्ना किसान का गन्ना यह कहकर वापस कर दे रहे हैं कि आपका गन्ना पर्ची के अनुकूल नहीं है इस गन्ने की तौल नहीं हो पाएगी किसान के लाख खुशामद करने के बावजूद किसान के गन्ने की तौल रवी शर्मा के द्वारा नहीं करवाई जाती है और फिर जब किसान मिल गेट पर ही अपने करने को ओने पौने दामों में दलालों के हाथ बेंच देता है तो उस गन्ने की तौल चीनी मिल में ही कर ली जाती है। इस प्रकार से स्पष्ट हो रहा है कि चीनी मिल प्रशासन दलाली प्रथा को बढ़ावा दे रही है।
एक तरफ उत्तर प्रदेश की सरकार दलाली प्रथा को समाप्त कर किसान को खुशहाल बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है वही सरकारी मंशा पर पानी फेरते हुए चीनी मिल के गेट इंचार्ज रवि शर्मा के संरक्षण में मिल गेट पर ही दलाली प्रथा को बढ़ावा मिल रहा हैं बताते हैं कि कल एक गन्ना किसान का गन्ना उसकी पर्ची पर यह कहकर तोलने से मना कर दिया कि पर्ची के अनुरूप बैलगाड़ी में गन्ना नहीं है इस गन्ने के चावल नहीं हो पाएगी।बैलगाड़ी लेकर आए गन्ना किसान ने सम्बन्धित टोकन इंचार्ज गेट इंचार्ज रवि शर्मा एवं तौल लिपिक से हाथ जोड़कर गुहार लगाता रहा लेकिन उसके गन्ने की तौल नहीं की गई। थक हार कर किसान मिल गेट पर औने पौने दाम में बिचैलियों के हाथ अपना गन्ना बेचकर वापस चला आया। और गन्ने की तौल मिल गेट के अन्दर हुई। आपको पता नहीं कि मिल गेट के बाहर गन्ना दलाल चीनी मिल के संरक्षण में सक्रिय हैं। यह दलाल बेबश किसान से कम मूल्य पर गन्ना लेकर पूरे दाम पर मिल के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर बेच देते हैं। आप तो बता दें कि हरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम गोड़ापुरवा ग्राम पंचायत जलालीपुर देहात निवासी छत्रपाल पुत्र शिवराम ने बैलगाड़ी से अपने पिता शिवराम पुत्र छोटेलाल के नाम की अर्ली गन्ने की पर्ची पर गन्ना तौल कराने के लिए के लिए आया था। जब शिवराम पुत्र छोटेलाल के नाम की पर्ची पर गन्ने से भरी गाड़ी लेकर छत्रपाल तौल कराने के लिए पहुंचा तो वहां पर मौजूद क्लर्क ने उस गन्ने को अर्ली गन्ने के बजाय 9151 बताकर तौल करने से मना कर दिया। किसान छत्रपाल का कहना है कि जब उन्होंने सम्बन्धित क्लर्क से कहा कि पहले भी हम यही अर्ली गन्ना लाकर अर्ली की ही पर्ची पर तौल करवाई यही गन्ना मेरे पास है और इसी पर मेरी पर्चियां शीघ्र प्रजाति की बनी हुई हैं। अब आप इस गन्ने को 9151 बताकर सामान्य प्रजाति का गन्ना बता रहे हैं जो गलत है मेरा गन्ना अर्ली है आप किसी अधिकारी को बुलाकर जांच करा लें मेरा गन्ना सामान्य प्रजाति का ना होकर अर्ली प्रजाति का है। आप तौल क्यों नहीं कर रहे हैं। जिस पर उस क्लर्क ने कहा कि आप किसी को गन्ना दिखवा लें किसी से बात कर लें आपके गन्ने की तौल हम किसी भी कीमत पर नहीं करेंगे। जिस पर किसान छत्रपाल ने गन्ने को तौल कराने के लिए गेट इंचार्ज रवि शर्मा से बात की लेकिन उन्होंने भी छत्रपाल का गन्ना तौलने से मना कर दिया। मरता क्या न करता अपने पिताजी की पर्ची पर गन्ना लेकर आए छत्रपाल पुत्र शिवराम ने सोसाइटी में जाकर गन्ने की तौल कराने के लिए चक्कर लगाया लेकिन रविवार का दिन होने के कारण मिल की सोसायटी बंद मिली। किसान के बताने के अनुसार किसान सप्लाई टिकट नंबर 101 885 616 168 पर 17 नवंबर 2022, 108 845 616 445 पर 24 दिसंबर 2022 सप्लाई टिकट नंबर 113 475 610 481 पर 31 जनवरी 2023 एवं सप्लाई टिकट नंबर 122 845 617 833 पर शीघ्र प्रजाति में 1 मार्च को तौल करवा चुका है। लेकिन आज उसने चीनी मिल ने तुगलकी फरमान जारी कर उसे गन्ने की तौल करने से मना कर दिया बाध्य होकर गन्ना लेकर आए किसान छत्रपाल ने अपना गन्ना बिचैलियों के हाथ बेच दिया। किसान का कहना है कि जब इसी तरीके से हम किसानों को मिल कर्मचारियों के द्वारा बलि का बकरा बनाया जाएगा और आधे मूल्य पर गन्ने की बिक्री कर देने पर विवश होंगे तो हम किसान किस तरीके से पनप आएंगे। और सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की मंशा कैसे सफल हो पाएगी। सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों को ऐसी मानसिकता वाले कर्मचारियों और बिचैलियों के ऊपर अंकुश लगाने की जरूरत है।

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