रीवांश की आवाज सुन खुशी से झूम उठा पूरा परिवार

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(बीके सिंह) सीतापुर। महमूदाबाद तहसील के रसालाबाद गांव के रहने वाले सतीश कुमार के 18 माह के बेटे रीवांश की आवाज सुनकर बहुत खुश हैं, क्योंकि उन्होंने तो आशा ही छोड़ दी थी कि वह कभी रीवांश की आवाज सुन भी पाएंगे। दरअसल रीवांश जन्मजात विकृति कटे होंठ एवं तालू के कारण बोलने और खाने-पीने में असमर्थ था। जिस कारण कमजोरी बनी रहती थी, लेकिन इलाज के बाद अब उसने बोलना शुरू किया है।
यह संभव हो पाया है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाये जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर बीएसके) के द्वारा। आरबीएस के जन्मजात रोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सतीश बताते हैं कि रीवांश का जन्म वर्ष 2021 में एक निजी अस्पताल में हुआ था। कटे होंठ और तालू देखने के बाद निजी अस्पताल ने रीवांश को सरकारी अस्पताल में दिखाने की सलाह देते हुए कहा कि उनके यहां इसका कोई इलाज नहीं है। इसके बाद सतीश ने बच्चे को पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाया, जहां पर प्रारंभिक जांचों के बाद आरबीएसके की डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्टरवेंशन (डीईआईसी) मैनेजर डा. सीमा कसौंधन से सलाह लेने को कहा गया। डा. सीमा ने स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से अनुबंधित अस्पताल में रीवांश का मार्च 2023 में आपरेशन कराया, इसके बाद बच्चे का लगातार फालोअप चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ द्वारा किया गया। सफल आपरेशन के बाद रीवांश अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
38 बीमारियों का होता उपचार
डा. सीमा कसौंधन बताती हैं कि जीवन का प्रारम्भिक समय किसी भी बच्चे के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। आरबीएसके के तहत शून्य से 19 साल की आयु के बच्चों में 38 प्रकार की जन्मजात बीमारियों का इलाज किया जाता है। इनको फोर-डी भी कहते हैं डिफेक्ट एट बर्थ, डिजीज, डेवलपमेंट डिलेज इंक्लुडिंग डिसेबिलिटी यानि किसी भी प्रकार का विकार, बीमारी, कमी और विकलांगता। इन कमियों से प्रभावित बच्चों की इस कार्यक्रम के तहत निःशुल्क सर्जरी सहित प्रभावी उपचार प्रदान किया जाता है।
गर्भवती पहले तीन माह में एक्स-रे से बचें
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मधु गैरोला का कहना है कि होंठ और तालू के कटे होने की बीमारी आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। इसके अलावा गर्भावस्था के पहले तीन माह के दौरान एक्स-रे करवाने पर होंठ पर कट की समस्या आने की संभावना रहती है। एक वजह गर्भावस्था के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान किए जाने से भी जन्म के समय बच्चे में कटे होंठ एवं तालू की समस्या आ सकती है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने में एक्सरे नहीं करवाना चाहिए। अगर मजबूरीवश एक्स-रे करवाना पड़े तो बचाव के लिए पेट पर स्पेशल शीट डालकर करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह मिथ्य है कि यदि सूर्य या चन्द्र ग्रहण के दौरान गर्भवती घर से बाहर चली जाए तो शिशु कटे होंठ के साथ पैदा होते हैं। वैज्ञानिक तौर पर भी यह साबित नहीं हुआ है।

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