(मो0 रिजवान)
प्रयागराज। करेलाबाग बालू मण्डी में स्थित हरी मस्जिद दौलत शाह दरगाह पर 10वें रमजान पर तरावीह की नमाज में कुरान मुकम्मल हुआ। इस मौके पर मस्जिद में एक महफिल का आयोजन हुआ। बाद मंे शीरनी फातिहा व अन्य इंतजाम भी किए गए। इसमें नात पाक व सलाम पढ़ कर हाफिज ने रमजान और कुरान की बरकत, तरावीह व रोजे में अल्लाह व उसके रसूल के हुक्म पर बयान दिया और दुआ की।
10वें रमजान को तरावीह की नमाज में कुरान मुकम्मल होने पर हुई महफिल में छोटे बच्चों ने नात पाक पढ़ें और तकरीर करते हुए मौलाना कासिम रजा निजामी ने फरमाया कि वह लोग खुशनसीब हैं जिनको तरावीह में अल्लाह का कलाम सुनने के लिए मिला। यह सदका हमारे नबी का है जिसकी वजह से अल्लाह का कलाम हमको नसीब होता है। अल्लाह ने फरमाया है कि हमने ही इसको नाजिल किया है हम ही इसकी हिफाजत करेंगे।
उन्होंने कहा कि तरावीह अभी खत्म नहीं हुई है। तरावीह में कलाम पाक सुनना अलग सुन्नत है और पूरे माह तरावीह सुनना अलग सुन्नत है। कहा हर मुसलमान को रोजा रखना चाहिए और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए।
मौलाना कासिम ने बताया कि इस्लाम धर्म की पवित्र ग्रंथ कुरान मजीद को मुंह जबानी तरावीह सुनाने का श्रेय हाफिज मोहम्मद आसिफ को जाता है, रमजान माह का चांद दिखाई देने के साथ ही 23 मार्च से ईशा की नमाज के बाद से तरावीह की नमाज अदा की जा रही है। हाफिज मोहम्मद आसिफ ने पहली शब तरावीह में 4 पारा, दूसरी में 4 पारा, तीसरी में 4 पारा, चैथी शब में 3 पारा, पांचवी शब तरावीह में 3 पारा, छठी व सातवी शब तरावीह में 2.5 – 2.5 पारा, आठवीं शब तरावी में 2 पारा, नौवें शब तरावीह में 3 पारा, दसवीं शब तरावीह में 1.5 पारा पढ़ाने के साथ 11वीं शब की तरावीह में बची हुई आयतों को सुनाकर कुरान के 30 पारो को मुकम्मल किया।
इस मौके पर मुतवल्ली मोहम्मद आलम, रिजवान पत्रकार, अकबर, इम्तियाज, मोज्जम, हनीफ, उमर सिद्दिकी, बिलाल, तौहीद पत्रकार, शाहबाज व सरफरोज के अलावा और भी लोग मौजूद नजर आए।
तरावीह में कुरान मुकम्मल होने पर हुई महफिल, मुल्क में अमन सलामती के लिए की गयी दुआएं
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