Mar 28, 2023
कोर्ट में पेश होने से पहले अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में बंद था। उसे वापस गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया गया था। इन सब के बीच खबर यह है कि एक बार फिर से अतीक अहमद को साबरमती जेल ले जाया जाएगा। थोड़ी देर में प्रयागराज से उसे रवाना किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में कभी जिसकी तूती बोलती थी, आज उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उमेश पाल अपहरण मामले में आज अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया था जहां उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट में पेश होने से पहले अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में बंद था। उसे वापस गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया गया था। इन सब के बीच खबर यह है कि एक बार फिर से अतीक अहमद को साबरमती जेल ले जाया जाएगा। थोड़ी देर में प्रयागराज से उसे रवाना किया जा सकता है।
वहीं, कोर्ट में अपनी सजा सुनते ही अतीक ने अपनी एक गुजारिश कर दी। उसने कहा कि मुझे साबरमती जेल में ही भेज दो, मुझे यहां नहीं रहना, पुलिस मुझपर केस लाद देगी।’ पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। खबर यह है कि अतीक अहमद ने खुद को मिली सजा के बारे में कहा कि वह अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।
अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।