विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी

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(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर शुक्रवार को जिला चिकित्सालय के सीएचओ सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि सभासद रामखेलावन बारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को साल 2025 तक क्षय से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसमें अब सिर्फ दो साल बाकी हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने मे जन सहभागिता बहुत जरूरी है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। इस साल हाँ! हम टीबी खत्म कर सकते हैं! थीम के साथ मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में लोगों को जागरूक कर, अधिक से अधिक क्षय रोगियों की पहचान कर उनका इलाज शुरू कराना है। लोग क्षय रोग को इसलिए छुपाते हैं कि इसको लेकर बहुत सी भ्रांतियाँ हैं। लोग भेदभाव करते हैं। लोगों का मानना है कि टीबी संक्रामक होती है जबकि केवल फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है और थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम इसे फैलने से रोक सकते हैं। जैसे फेफड़ों की टीबी का मरीज मास्क लगाए, खुले में न थूके आदि। अन्य अंग की टीबी संक्रामक नहीं होती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि टीबी के इलाज में दवा का नियमित सेवन करना बहुत जरूरी होता है। यदि टीबी का मरीज बीच में ही दवा छोड़ देता है तो ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। जब शरीर में टीबी के लिए प्रभावकारी दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है तो उसे मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी या एमडी आरटीबी कहा जाता है। इसलिए मरीजों को नियमित टीबी की दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है साथ ही इलाज पूरा होने के बाद दो साल तक उनका फालोअप किया जाता है।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने बताया कि जनपद में साल 2022 में टीबी के 5693 मरीज एवं साल 2023 में अभी तक 1259 मरीज नोटिफाई किए गये हैं। गंभीर टीबी मरीजों की जांच के लिए 8 ट्रूनाट मशीन, दो सीबीनाट तथा एक डिजिटल एक्सरे मशीन है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अप्रैल माह में होने वाले दस्तक अभियान में भी आशा कार्यकर्ता टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों को ढूंढेंगी। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को दवा के साथ प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना आवश्यक होता है। इसी क्रम में सरकार द्वारा क्षय रोगियों को इलाज के दौरान निरूक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। इसके साथ ही निक्षय मित्रों द्वारा क्षय रोगियों को पोषणात्मक और भावनात्मक सहयोग देने के लिए गोद लिया जा रहा है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों से क्षय रोगियों को गोद लिए जाने की अपील की गई। इसी क्रम में राही ब्लाक के कलंदरपुर क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापिका वंदना श्रीवास्तव द्वारा एक टीबी रोगी, परिवार कल्याण जन सेवा संस्थान द्वारा 100 रोगी, एएनपी प्लस अहाना के सत्य प्रकाश और स्वयंसेवी संस्था यूथ नेवर गिव अप के द्वारा पाँच-पाँच क्षय रोगी गोद लिए गए।
इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शम्स रिजवान, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अभय मिश्रा, अतुल कुमार, मनीष मिश्रा, अमित श्रीवास्तव, केके श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, स्वयं सेवी संस्था सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), टीसी आई फाउंडेशन और परिवार कल्याण जन सेवा संस्थान के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इसी क्रम में अमावां ब्लाक के हरदासपुर प्राथमिक विद्यालय में क्षय रोग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया एवं क्षय रोग विषय पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
इस मौके पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शम्स रिजवान, आईएमए अध्यक्ष डा. बृजेश सिंह होम्योपैथिक चिकित्सक, डा. रमेश श्रीवास्तव आयुर्वेद चिकित्सक डा. निशांत कुमार मिश्रा, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक करुणा शंकर मिश्रा, शिक्षा विभाग के अधिकारी, विद्यालय का स्टाफ, विद्यार्थी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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