आस्तीक बाबा की शोभायात्रा के साथ देदौर गांव में पंच कुंडीय महायज्ञ संपन्न

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(मनोज मौर्य) सताॅव रायबरेली। मंगलवार को सुबह भक्तों के द्वारा आस्तीक बाबा की शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान जय आस्तीक बाबा के नाम से पूरा गांव भक्तिमय सा दिखा। सभी में बहुत उत्साह देखने को मिला शोभायात्रा में बड़े बूढ़े महिलाएं और बच्चे सभी शामिल हुए। यात्रा के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष सभी पीले वस्त्र पहने जय आस्तीक बाबा के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। यात्रा के दौरान कमेटी के द्वारा प्रसाद की भी समुचित व्यवस्था की गई थी।यात्रा सुबह 9ः00 बजे आस्तीक बाबा मंदिर से होकर गांव के लगभग 40 मंदिरों में तथा पूरे उम्मेद और पूरे भीखी गांव में पैदल यात्रा करके उसके बाद सभी भक्तों ने प्रसाद चखा। पदयात्रा के दौरान अबीर गुलाल उड़ाकर तथा गाजे-बाजे और डीजे आदि वाद्य यंत्रों के साथ भक्त झूमते नजर आए। यात्रा जहां से शुरू हुई पुनः वहां आने के बाद पंच कुंडीय महायज्ञ हुआ उसके बाद आस्तीक बाबा की मूर्तियों को गर्भ ग्रह में विधि विधान से स्थापित किया गया। मंदिर निर्माण समिति का कहना है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है जिसका चतुर्थ बार पुनर्निर्माण किया गया है। भक्तगणों का कहना है की मंदिर में नवरात्रि पर्व से पूर्व गंगाजल लाया जाता है। उसी गंगाजल से पूरी नवरात्रि काल तक दीपक जलाया जाता है। नवरात्रि के नवों दिन मंदिर पर भक्तों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन अष्टमी और नवमी के दिन भक्तों की विशेष भीड़ देखने को मिलती है। क्योंकि नवरात्रि पर्व में जो भी भक्त कैम काष्ठ की प्रतिमा चढ़ाता है वह जो भी संकल्प करता है। उसे उस संकल्प की प्राप्ति होती है और मंदिर की ऐसी महिमा है कि सर्पदंश से ग्रसित मनुष्य को मंदिर पर लाया जाता है तो वह भले ही मृतक के जैसा ही क्यों ना हो पर वह अपने पैरों से चल कर ही घर जाता है। आस्तीक बाबा की इस महिमा का यशोगान करते हुए शोभा यात्रा में सभी भक्तगणों ने अपना अमूल्य समय निकाल कर शोभा यात्रा को दिव्य एवं भव्य बनाने का काम किया।

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