(सौरभ श्रीवास्तव) बीकेटी लखनऊ। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उर्स व मेला महोना में आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन आयोजन हुआ। जिसमें देश एवं प्रदेश के नामचीन शोहरा शोहरात और कवि कवियत्री ने गीत गजल शायरी से जनता का मन मोह लिया। नदीम फर्रुख ने शायरी को इस तरह पढ़ा। हमें तो आखिर ये देखना है रहेगी लहजे में धार कब तक। तुम्हारे लफ्जों की कैचियों से परिंदे होंगे शिकार कब तक। ये वक्त दुनिया में जिंदगी भर किसी का हो कर रहा नहीं। रहेंगे हम बेवकूफ कब तक। बनोगे तुम होशियार कब तक। मीसम गोपालपुरी ने ये शेर पढ़ा जिसको मां-बाप की होती है दुआएं हासिल। वो चमकता है बलंदी से सितारों जैसा। डा0 नसीम निकहत ने शेर यू यहां दो-चार दिन में लोग सबको भूल जाते हैं नया किरदार आते ही पुराना भूल जाते हैं। गरीबी में तो रिश्तेदार सब मिल-जुल के रहते हैं जहां दौलत मिली मिलना मिलाना सब खत्म होता है। वासिफ फारुकी रामप्रकाश बेखुद, मीसम गोपालपुरी, अल्ताफ जिया, फारुक आदिल, सलीम ताबिश, डा0 नसीम निकहत, सलोनी राणा, गुले सबा, पप्लू लखनवी, नर कंकाल, बिहारी लाल अम्बर, वसीम मजहर डा0 मेहंदी हसन खान नदवी, फैजी किशन गंजवी। सैयद रशीद मियां के आस्ताना रशीदिया के सज्जादा नशीन सैयद अनवर अहमद उर्स मेला कमेटी रशीदिया नगर पंचायत महोना लखनऊ के मेला अध्यक्ष कलीम अहमद व मेला प्रबंधक इसहाक मोहम्मद, कैशियर सैयद निहाल अहमद रसीदी, मेला उपाध्यक्ष मोहम्मद असलम, सेक्रेटरी हाशिम बेग, एवं आल इंडिया मुशायरा कवि सम्मेलन अध्यक्षता कमाल अहमद रसीदी ने की आल इंडिया मुशायरा कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान एवं उर्स मेला कमेटी रशीदिया के उप प्रबंधक ने दी है।
महोना मेला में हुआ आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन
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