कवि सम्मेलन के साथ हुआ मिश्रिख मेला महोत्सव का समापन

RAJNITIK BULLET
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(बीके सिंह) मिश्रिख, सीतापुर। होली मेला महोत्सव में सांस्कृतिक पंडाल में बुधवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी सरजमीं के प्रख्यात कवि जगजीवन मिश्र के संयोजन व दिल्ली के ख्याति प्राप्त कवि डा. हरी ओम पवार की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए नाम चीन कवि व कवित्रियों ने अपनी रचनाऐं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एमएलसी पवन सिंह व क्षेत्रीय विधायक रामकृष्ण भार्गव, जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की शुरुआत नैनीताल की कवित्री गौरी मिश्रा ने सरस्वती वंदना शब्द, शब्द को सवांर दे से पढ़कर की। इटावा से आए गौरव चैहान ने पढ़ा कि कोई भी समस्या झटके में घट सकती है। अपराधियों की गाड़ी एक झटके में पलट सकती है। बनारस से आए दमदार बनारसी ने हास्य कविता पढ़कर पांडाल में बैठे श्रोताओं को लोट-पोट करने पर मजबूर कर दिया। सीतापुर से पधारे जगदीप अंचल ने कविता पढ़ी चल रहा परिवेश देश का देश हमारा बदलेगा। इंदौर से पधारे अमन अक्षर ने कबिता पढ़ी कभी जब हार अपनों से कहीं रूखा नही रखती। कानपुर से पधारे हेमंत पांडेय ने अपनी कविता में पढा कपड़े जिन पर टगते है वह तीली फेंक कर मारेगे। जबलपुर से पधारी कवित्री मणिका दुबे गीतकार ने अपने गीत में पढ़ा चंद लमहे मेरे हर पल आपके। अभय सिंह निर्भीक ने अपनी कविता में पढा स्वाभिमान से सीमाओं पर हम रहते है। छत्तीसगढ़ से पधारे रमेश बिश्व हर ने अपनी कबिता में पढ़ा सेहत से मैं जवान था अब 70 का हो गया हूं। वरिष्ठ कवि जगजीवन मिश्र ने अपनी कविता में पढा रात भर न चैन से सोया हूं। देश क्या है वहीं समझता है। नैनीताल से पधारी कवित्री गौरी मिश्रा ने अपनी कविता में बीमारे इश्क दिल की दवा मैं साथ लाई हूं। लखनऊ से पधारे डा. सर्वेश अस्थाना ने हास्य कविता पढ़कर पंडाल में बैठे लोगों को लोट पोट होने पर मजबूर कर दिया। दिल्ली से पधारे प्रख्यात कवि डा. हरीओम पवार ने देश भक्ति पर वीर रस की कविताऐं पढकर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर मेलाधिकारी ध् उपजिलाधिकारी अनिल कुमार रस्तोगी, सीओ शुशील कुमार यादव, प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र ओझा, मेला प्रभारी राजेश सिंह, तहसीलदार मनीष कुमार, नायब तहसील- दार ओमप्रकाश मिश्र के साथ ही हजारों की संख्या में आम जनता ने कवि सम्मेलन में भाग लिया।

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