रायसीना डायलाग 2023ः वैश्विक हालात और चुनौतियों पर चर्चा में मील का पत्थर साबित हुआ

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर बीते करीब एक दशक से हम लगातार देख रहे हैं कि दिनोंदिन भारत का नाम दुनिया के शिखर पर पहुंचता जा रहा है। हर देश आज भारत की ओर उम्मीदों भरी नजर से देख रहा है। भारत आज वैश्विक समाधान का केंद्र बनते जा रहा है। बड़े-बड़े विकसित देशों के राष्ट्राध्यक्ष की बॉडी लैंग्वेज हम मीडिया में भारत के प्रति अति सम्मानजनक और रिश्तो को मजबूत करने की ओर कदम उठाते हुए देख रहें है। दुनिया को भारत के हर क्षेत्र के फैसले पर नजर गड़ाए रखना समय की मांग हो गई है। और हो भी क्यों ना? हमने बड़ी-बड़ी विपत्तियों को जज्बे और जांबाजी से खदेड़ा है। चाहे वो कोरोना महामारी हो या साइक्लोन, वैश्विक मंदी हो या फिर अपनी अर्थव्यवस्था को विपत्तियों के बीच ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवी सबसे बढ़ी अर्थ- व्यवस्था बनाना और अब तीसरे नंबर की ओर तीव्रता से कदम बढ़ गए हैं। हर दिशा में भारत की कामयाबी की दुनिया कायल है, ऊपर से सोने पर सुहागा यह कि वर्ष 2023 में भारत को जी-20 का नेतृत्व, भारत के ही प्रस्ताव पर यूएन द्वारा 70 देशों के समर्थन से 2023 को विश्व मिलेट्स दिवस घोषित करना और करीब कघ्रीब हर वैश्विक संस्था में भारत का प्रतिष्ठित और रुतबे वाला स्थान है। तथा 2016 से भारत में आयोजित रायसीना डायलॉग जिसमें वैश्विक हालात और चुनौतियों पर चर्चा होती है का, जबरदस्त आगाज है। चूंकि अभी रायसीना डायलॉग 2-4 मार्च 2023 को रायसीना में आयोजित हुआ है, जिसके सफल सुखद परिणाम सामने आए हैं, जिसमें करीब 100 देशों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि शामिल हुए। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, आज भारत की पूछपरख, रुतबा, प्रतिष्ठा का समय है जो अगले 25 वर्षों में भारत ग्लोबलाइजेशन का सेंटर होगा ऐसा विश्वास है।
साथियों बात अगर हम रायसीना डायलाग 2023 की करें तो, पीएम भरत, इटली की पीएम और विदेश मंत्री भारत दिल्ली में रायसीना डायलाग 2023 में शामिल हुए। इस सम्मेलन में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लिए हैं। सम्मेलन की थीम है – उकसावा, अनिश्चितता, संकट और तूफान में जलता दीया। जी-20 समिट की मेजबानी भारत कर रहा है। अलग-अलग देशों से आए अधिकारी इस सम्मेलन में नेता भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर बात करते हैं। सम्मेलन में अलग- अलग देशों के पालिसी मेकर्स के अलाव राजनेता और पत्रकार भी शिरकत करते हैं। इसके तहत विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है। इनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, सैन्य कमांडर, इंडस्ट्रीज लीडर्स, टेक्नो- लाजी लीडर्स, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ, शिक्षाविद पत्रकार, रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल हैं। इसे विदेश मंत्रालय आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित करता है। पिछले आठ सालों में रायसीना डायलाग का प्रभाव अलग- अलग क्षेत्रों पर लगातार बढ़ रहा है। साथ ही इस समारोह की पहचान मेजर ग्लोबल कान्फ्रेंस के रूप में हुई है। इस अवसर पर इटली की पीएम ने कहा कि जी-20 में भारत का नेतृत्व और रायसीना डायलाग दुनिया को सहयोग और शांति का संदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत के नेतृत्व में हिंद-प्रशांत देशों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की और भूमध्य सागर में इटली की महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंद- प्रशांत क्षेत्र की घटनाओं का सीधा असर यूरोप पर पड़ता है। उन्होंने हमारे पीएम की तारीफ करते हुए कहा दुनिया के सबसे चहेते नेता हैं। ये साबित हो चुका है कि वो कितने बड़े लीडर हैं। इसके लिए उन्हें बधाई। ये बातें सुनकर दूसरे डायस पर खड़े पीएम हंसते नजर आए। यहां पीएम ने भारत और इटली के बीच स्टार्ट-अप ब्रिज का ऐलान किया। उन्होंने कहा- हमारे डिप्लोमेटिक रिलेशंस 75 साल से हैं, लेकिन अब तक डिफेंस रिलेशंस नहीं थे। आज इसकी भी शुरुआत कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों देश रिन्यूएबल एनर्जी, हाइड्रोजन, आईटी, टेलिकाम, सेमी कंडक्टर्स और स्पेस से जुड़े मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे।
साथियों बात अगर हम रायसीना डायलाग को समझने की करें तो, क्या है रायसीना डायलाग?, यह एक कार्यक्रम है, जिसमें दुनिया के कई देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं। इस बैठक का आयोजन विदेश मंत्रालय और रिसर्च फाउंडेशन करता है। रायसीना डायलाग में शामिल देश दुनिया की राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर मंथन करते हैं, इसमें विभिन्न देशों के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं। पहली बार रायसीना डायलाग साल 2016 में आयोजित किया गया था। इसके बाद से अब तक 7 बार इसका आयोजन हो चुका है, अभी दिल्ली में इसका 8 वां संस्करण 4 मार्च को समाप्त हुआ। रायसीना डायलाग अपने नाम को लेकर हमेशा सुर्खियों में आ जाता है। आखिर रायसीना डायलाग नाम क्यों पड़ा। मामला सारा यह है कि, जिस तरह से सिंगापुर शांगरी-ला डायलाग पूरी दुनिया में फेमस है। उसी तर्ज पर रायसीना डायलाग है। रायसीना डायलाग की बैठक विदेश मंत्रालय आयोजित करता है। और भारत के विदेश मंत्रालय का हेडक्वार्टर रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लाक) में स्थित है। इसी वजह से इसका नाम रायसीना डायलाग रखा गया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर का उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि रायसीना डायलाग 2 – 4 मार्च 2023 का सफल आगाज। रायसीना डायलाग 2023 वैश्विक हालात और चुनौतियों पर चर्चा में मील का पत्थर साबित हुआ। आज भारत की पूछपरख, रुतबे, प्रतिष्ठा का समय है जो अगले 25 वर्षों में भारत ग्लोबलाइजेशन का सेंटर होगा ऐसा विश्वास है।

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