(मो0 रिजवान) प्रयाग राज। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जाति जनगणना का मुद्दा हावी हो गया है। यूपी बजट सत्र के बीच अखिलेश यादव ने इसे लेकर योगी सरकार पर खूब निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि अगर सपा की सरकार आती है तो तीन महीने के अंदर जाति जनगणना कराएंगे। वही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना की मांग करते हुए अपने सभी सांसदों और विधायकों से कहा कि वे गांव- गांव जाकर इसके पक्ष में माहौल बनाएं। उसी क्रम में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदेश सचिव नन्द लाल निषाद नन्दा द्वारा शनिवार 4 मार्च को करैला बाग मे जातीय जनगणना संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मंच पर सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किया। जातीय जनगण ना संगोष्ठी के कार्यक्रम में शामिल मुख्य अतिथि के रुप में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राज्यपाल कश्यप ने राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दिए गए दिशा निर्देश पर कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाने की लगातार कोशिश कर रही है। जिस तरीके से राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बजट सत्र के बीच जातीय जनगणना को लेकर दावा किया कि सपा की सरकार बनने पर तीन महीने में जातीय जनणना कराएंगे एक तरह से योगी सरकार को इसके लिए खुली चुनौती दी है। वर्तमान शासन काल में महंगाई चरम पर है। बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है।
भ्रष्टाचार बेलगाम है। किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग परेशान है। एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं कराना चाह ती। अखिलेश ने कहा कि बिना जातिगत जनगणना के भाजपा का यह नारा अधूरा है। एमएलसी मान सिंह ने कहा कि जब बिहार में जाति आधारित जनगणना हो सकती है तो उप्र में क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा ने दोबारा सरकार बना ली, पर न तो उसकी राजनीतिक विश्वसनीयता रह गई है और न ही वित्तीय विश्वसनीयता रह गई है क्योंकि सरकार वादे पूरे नहीं कर पा रही है।
जिसमे मुख्य अतिथि पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप व कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री चैधरी लालता प्रसाद जी ने किया जिसमे मुख्य रूप से जाती जनगणना करने की मांग की गई, कार्यक्रम मे सपा के वरिष्ठ नेतागण उपस्थित रहे जिसमे एम एलसी मान सिंह यादव, पूर्व सांसद धर्मराज पटेल, जिलाध्यक्ष योगेश यादव, महानगर अध्यक्ष इफ्तिखार हुसैन, महानगर महासचिव रविंदर यादव, संदीप यादव, अमरनाथ मौर्य, हरीओम साहू, मुकीम सिद्दीकी, व आदि वरिष्ठ नेता गण उपस्थित रहे।
बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है
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