(अवधेश कुमार) उन्नाव। कवि रामनाथ भोला स्मृति संस्थान ज्वाजापुर, बदरका का सत्रहवां कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह व रूढ़ियों पर विमर्श सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन से पूर्व होली पर्व में व्याप्त रूढ़ियों पर विद्वान वक्ताओं ने तार्किक पक्ष रखा कि होली वास्तव में कृषक और कृषि पर्व ही है इसका होलिका को जलाने मारने से कोई संबंध नहीं है। यह मूल रूप से रवी की फसल के पकने और हिंदी नव वर्ष के आगमन का पर्व है, जो उल्लास के साथ मनाया जाता है, न कि किसी के जला कर मारने का त्योहार है। कार्यक्रम में कवि ब्रजेश तरुवर, आदर्श सिंह राठौर, बलराम सिंह निर्बल, लाल सिंह फौजी, नीरू श्रीवास्तव, शिप्रा ज्ञानेंद्र, पूर्व प्रधानाचार्य रामावतार कुशवाहा को संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि राम नाथ भोला की कविताओं के वाचन से हुई। उसके बाद आदर्श सिंह राठौर ने पढ़ा- भूख, प्यास, तपन, ठण्ड, महामारी सभी हैं, हमें मरना किससे है ये सरकार को तय करना है।
नीरू श्रीवास्तव ने पढ़ा- थोड़ी जमीन दे दो थोड़ा आसमान दे दो, मुझे रहने को अपने दिल का मकान दे दो। शायर ब्रजेश तरुवर ने पढ़ा- सर झुकाता हूँ जिसके कदमों में, वही टोपी उछाल देता है। जय राम जय ने पढ़ा- बनी मदारी आज व्यवस्था और जमूरे हम, बताओ कैसे हों दुःख कम।शिप्रा ज्ञानेंद्र ने पढ़ा- हर लम्हें में प्यार है हर लम्हें में खुशी है,खो दो तो यादें हैं जी लो तो जिंदगी है। डा0. मान सिंह ने पढ़ा- आडम्बर पाखण्ड छोड़ विज्ञान तर्क अपनाओ, अंधभक्ति को त्याग के अपना जीवन सफल बनाओ। कार्यक्रम के संयोजक/कवि रघुराज सिंह मगन ने होली की विसंगतियों पर प्रकाश डालते हुए पढ़ा- नशे मा कुछु तो गिरि गिरि परिहै, गरियईहै कुछु मारू करिइहैं। हुडदंगन का यो होरियावा, लई आवा। सञ्चालन दिनेश उन्नावी का रहा और अध्यक्षता कृष्णपाल यादव ने की। इस अवसर पर डा. शोभा महेश, राजकुमार यादव, मुकेश कुमार यादव, रमेश कुमार गौतम, पुत्तन लाल पाल, राधेश्याम यादव, संजीव श्रीवास्तव, मनीष कुमार रिंकू, डा विन्देश्वरूप, मुनेश्वर, राजकिशोर, डा राम कुमार, श्री गणेश, गंगा सागर, डा रामराज, रमाकांत, रामचन्द्र, धर्मपाल, राकेश कुमार वर्मा, प्रेम शंकर, सुखदेव सिंह, पिंटू यादव, जयपाल प्रधान, चंद्र शेखर शास्त्री, सुरेश कुमार एड, राम दुलारे रावल, ममता यादव, मंजेश पाल, धर्मराज, राजदेव, अखिलेश तिवारी, संजय जायसवाल, शिवशंकर, रामसेवक, संदीप तथा श्रीराम, बीरेंद्र, संजय, दिलीप, सुधीर आदि प्रधान गण तथा तमाम अन्य क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।
कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह कार्यक्रम हुआ संपन्न

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