तीन सालो के इंतजार के बाद त्रिशला में बिखरे होली के रंग

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(मो0 रिजवान)
प्रयागराज। विगत 3 सालो के बाद, इस वर्ष त्रिशला फाउंडेशन का होली मिलन समारोह रविवार 5 मार्च को प्रयागराज के कर्नलगंज इंटर कालेज मैदान में धूमधाम से मनाया गया। कोविड-19 के कारण विगत 3 वर्षो से बच्चांे के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया था। इस वर्ष कोविड केसेस में कमी आने के बाद त्रिशला का खास कार्यक्रम “होली के रंग त्रिश ला के संग” का एक बार पुनः आयोजन किया गया। इस समारोह में खास तौर पर सेरेब्रल पालसी से प्रभावित बच्चें व उनके अभिभावकों ने अबीर गुलाल उड़ाते हुए बृज में खेली जाने वाली होली का आनंद उठाया व गीतों पर जमकर मस्ती की और साथ ही साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किये। समारोह में होली के रंगो की फुहार और फूलांे की बारिश के बीच मस्ती करते इन बच्चों के लिए आज का दिन बेहद ही खास बन गया। त्रिशला फाउंडेशन में इलाज कराने आये बांग्लादेश और नेपाल के विदेशी मेहमानों ने भी इस समारोह में होली के रंगों का जमकर आनंद उठाया। होली मिलन समारोह में बच्चों के चेहरों पर खुशी देखकर उनके अभिभावक भी खुशी से झूम उठे और उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर न सिर्फ मस्ती की बल्कि होली के परम्परागत गीतों पर भी खूब धूम मचाई। अबीर गुलाल से सजे माहौल में सेरेब्रल पालसी से प्रभावित बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ कर समारोह में उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की गई उसके बाद सीपी बच्चों ने विविध कार्यक्रमों (संगीत, नृत्य, ग्रुप डांस, कविता एवं शायरी) से अपनी प्रतिभा का रंग इस होली के रंग में कुछ इस तरह घोला की कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो गए। इस होली मिलन समारोह में भारत के विभिन्न राज्यों की छवि देखने को मिली इस कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से आये परिवारों ने राज्य के परंपरागत नृत्य की प्रस्तुति कर अपने- अपने राज्यों की संस्कति को दर्शाया। सी.पी. से प्रभावित हैतिक चंद्राकर ने जहाँ गीत की प्रस्तुति कर लोगो के मन को भाव विभोर कर दिया वहीं सी.पी. चाइल्ड रिधिमा ने शलोक सुना कर माहौल को अध्यात्मिक बना दिया। जयेंका यादव जी ने त्रिशला फाउंडेशन के ऊपर स्व- लिखित कविता सुनाकर अपना भाव प्रगट किया। इसी के साथ सीपी प्रभावित बच्चों की मम्मियों ने भी होली गीत पर नृत्य कर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। त्रिशला फाउंडेशन के थेरेपिस्टो ने पारम्परिक ढोल मजीरों के साथ होली पर लोक गीत गाये। इस मौके पर बच्चों के रंग गुलाल से खेलने के साथ ही उन पर बरस रहीं फूलों की पंखुड़ियों ने ऐसा अहसास करवाया मानो प्रकृति भी झूम रही हो इन नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ।
इस कार्यक्रम में संस्था के सचिव डा. वरिदमाला जैन, अध्यक्ष डा. जीतेन्द्र कुमार जैन, कोशाध्यक्ष रमाशंकर श्री- वास्तव, न्यासी डा. ए.एन. वर्मा, एस.एन. गुप्ता एवं त्रिशला फाउंडेशन की पूरी टीम कार्यक्रम में उपस्थित रही। संस्था की सचिव डा0 वारिदमाला जैन ने कहा कि दिव्यांगजनों को त्योहारों में हिस्सेदारी कराना समाज का दायित्व है एवं संस्था के अध्यक्ष डा0 जितेन्द्र कुमार जैन ने अगामी योजनाओं एवं सी.पी. विलेज के कार्य में तेज प्रगति के बारे में वहाँ उपस्थित लोगों को जानकारी दी। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ऐसे समारोहों से इन बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों का भी मनोबल बढ़ता है।

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