(मो0 रिजवान)
प्रयागराज। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा भेजी गई सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु कुमार एसटीएफ फील्ड इकाई की टीम ने प्राप्त सूचना के आधार पर गुजरात प्रांत के सूरत से दत्तीपुर जनपद फैजाबाद अयोध्या का रहने वाले युवराज कोरी को गिरफ्तार किया। वर्ष 2010 के सितम्बर माह में मायके से ससुराल चलने को लेकर विवाद में युवराज कोरी ने अपनी पत्नी की 1 बजे रात को कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गई थी। युवराज कोरी की शादी सुल्तानपुर जनपद के थाना हलियापुर उमरा इलाके के रहने वाले राजाराम के पुत्री से हुईं थीं। अभियुक्त के ससुर राजाराम ने स्थानीय थाना में शिकायत दर्ज कर मुकदमा पंजीकृत कराया। विवेचना के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष हलियापुर ने अभियुक्त युवराज कोरी को गिरफ्तार कर मा0 न्यायालय, सुल्तानपुर प्रेषित कर जेल भेजा गया। वर्ष 2012 के 22 दिसंबर को मा0 न्यायालय ए0डी0एस0 जे0 सुल्तानपुर ने फैसला सुनाते हुए युवराज कोरी को आजीवन कारावास व रूपये 10,000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। सिद्धदोष होने पर सजायाफ्ता युवराज कोरी केन्द्रीय कारागार नैनी स्थानान्तरित कर दिया गया। अभियुक्त द्वारा मा0 उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ में जमानत हेतु अपील की गयी, 27 मई 2015 को खारिज कर दी गयी थी।
केन्द्रीय कारागार नैनी में 27 दिसम्बर वर्ष 2015 को अभियुक्त द्वारा पेट में दर्द होना बताया गया, जिसे केन्द्रीय कारागार नैनी के जेल चिकित्सक द्वारा एस0आर0 एन0 चिकि- त्सालय, इलाहाबाद रेफर कर दिया गया। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उक्त सजायाफ्ता बन्दी को बन्दीरक्षक कृष्ण कुमार व आलोक कुमार की अभिरक्षा में कारागार वाहन से एस0 आर0एन0 इमरजेन्सी में भर्ती कराया गया, जहाँ से उक्त सजायाफ्ता बन्दी युवराज कोरी फरार हो गया। अभियुक्त के फरार होने की खबर जैसे ही तत्कालीन नैनी जेलर बी0एस0 मुकुंद द्वारा थाना कोतवाली नगर, इलाहाबाद में बन्दीरक्षक कृष्ण कुमार, आलोक कुमार व सिद्धदोष बन्दी युवराज कोरी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। अभियुक्त युवराज कोरी उसी समय से फरार चल रहा था, जिसे आज गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त युवराज कोरी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खण्ड पीठ से मेरी जमानत अपील खारिज होने के उपरान्त मैं यह समझ गया था कि अब मुझे जेल में ही रहना है, तब मैंने जेल से भागने का मन बना लिया था और तेज पेट दर्द का बहाना बनाकर जेल अस्पताल गया और वहाँ से मुझे एस0आर0एन0 हा- स्पिटल, प्रयागराज रेफर कर दिया गया, जहाँ मेरा इलाज चल रहा था तथा मेरी सुरक्षा में लगे गार्डो को नींद आ गयी उनकी नींद और अंधेरे का फायदा उठाकर मैं हास्पिटल से भाग गया तथा गुजरात आकर अपनी बहन के पास रहने लगा। इसी दौरान उमरिया मध्य प्रदेश की पूजा से दूसरी शादी कर ली। गिरफ्तार अभियुक्त को मुकदमा उपरोक्त में थाना कपोदरा सूरत में दाखिल कर माननीय न्यायालय जे0एम0 एफ0सी- 07 उमरा सूरत के समक्ष पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
आठ साल से फरार हत्या के सजायाफ्ता कैदी को एसटीएफ ने गुजरात से दबोचा
Read Time4 Minute, 45 Second