Feb 12, 2023
बीवाईएल नैयर अस्पताल के जठरांत्र विज्ञान (गैस्ट्रोलॉजी) विभाग के अध्ययन में पाया गया कि जिन मरीजों पर यह अध्ययन किया गया, उनमें करीब आधे में यकृत विकार हो गये। शहर में यह अस्पताल कोरोना वायरस मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित मुख्य अस्पतालों में से एक था।
कोविड-19 संक्रमण श्वसन एवं अन्य अहम अंगों के अलावा यकृत पर गहरा असर डाल सकता है। यहां के एक सरकारी अस्पताल के अध्ययन में यह बात सामने आयी है। बीवाईएल नैयर अस्पताल के जठरांत्र विज्ञान (गैस्ट्रोलॉजी) विभाग के अध्ययन में पाया गया कि जिन मरीजों पर यह अध्ययन किया गया, उनमें करीब आधे में यकृत विकार हो गये। शहर में यह अस्पताल कोरोना वायरस मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित मुख्य अस्पतालों में से एक था। यह अध्ययन हाल में ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि जिन मरीजों को इसमें शामिल किया गया उनमें 46 फीसदी मरीजों को कोरोना वायरस के कारण यकृत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नैयर अस्पताल के डीन एवं जठरांत्र विज्ञान डॉ. प्रवीण राठी ने कहा, ‘‘इस अध्ययन में पाया गया कि फेफड़े और हृदय की तरह यकृत पर भी कोविड-19 का बहुत असर पड़ा।’’ अस्पताल के सहायक प्रोफेसर और जठरांत्र विज्ञानी (गैस्ट्रोलोजिस्ट) डॉ. संजय चंदनानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कोविड-19 के बारे में यह जानकारी है कि यह श्वसन, आंतों, हृदय एवं अन्य अंगतंत्रों पर असर डालता है लेकिन यकृत पर असर संबंधी बहुत कम अध्ययन हैं।